फरीदाबाद/देवेंद्र कौशिक
फरीदाबाद(faridabad) नगर निगम के वार्ड पार्षदों में विकास कार्यों को लेकर भारी रोष बना हुआ है. इसी के चलते आज सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने पार्षदों और अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिसमें पार्षदों को राजी करने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन निगम पार्षद असंतुष्ट नजर आए. पार्षदों का आरोप है कि उनको विकास के लिए 4 साल पहले दो करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी लेकिन आज तक ₹1 भी उनको नहीं मिला है. उनके क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए है, ऐसे में मंत्री और अधिकारी उनको केवल लॉलीपॉप देने का काम कर रहे हैं.
फरीदाबाद(faridabad) सेक्टर 12 के लघु सचिवालय का, जहां केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने पार्षदों की बैठक ली. बैठक में जहां पार्षदों ने अपने वार्डों में हो रही बदहाली का रोना रोया लेकिन केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का दावा है कि कोई पार्षद नाराज नहीं है और जल्द ही पूरे वार्ड में विकास कार्य होंगे. उनका कहना था कि पार्षदों में कोई रोष नहीं है. यह एक मीटिंग बुलाई थी जिसमें समस्याओं को रखा गया है और समस्या किसी को भी हो सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई झगड़ा नहीं है झगड़ा होगा तो सुलह होगी लेकिन यह तो एक गाड़ी के दो पहिए हैं और दोनों पूरी एकता के साथ चल रहे हैं.
आज विकास को लेकर और बरसात आने वाली है कहीं पानी ना भरे उसकी निकासी को लेकर और पार्षदों के कुछ मुद्दे थे जिनपर चर्चा हुई है. उनकी समस्याएं सुनी गई है और समाधान का प्रयास भी किया गया है. उन्होंने दावा किया कि किसी भी पार्षद में रोष नहीं हैं लेकिन समस्याएं हैं. 1 दिन में सारी समस्याओं का समाधान होगा ऐसा संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि पार्षदों को एक एक करोड रुपए के विकास कार्य कराने थे, उसको लेकर बात हो गई है. उनके एस्टीमेट बनकर कर टेंडर लगा दिए गए हैं. पार्षद शहर के चुने हुए नुमाइंदे हैं उनको भी विकास के लिए राशि चाहिए होती है.
वार्ड नंबर 21 से कांग्रेस से पार्षद जितेंद्र भडाना ने बताया कि पिछले 4 साल से कोई विकास कार्य नहीं कराए गए हैं और अब भी उनको मंत्री और अधिकारियों ने लॉलीपॉप थमा दिया है. अगर उनके काम नहीं हुए तो वह सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के ही बहुत सारे पार्षद मीटिंग में नहीं आए हैं. इससे साफ पता चलता है कि पार्षदों में भारी रोष बना हुआ है. यहां तक कि मेयर और डिप्टी मेयर और अन्य किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है.
वहीं पार्षद राकेश का कहना है कि वह किस मुंह से जनता के बीच में जाएंगे जल्द ही चुनाव भी होने वाले हैं. ₹15000 तक के काम भी निगम नहीं करवा पा रहा है. अधिकारी पैसे के लिए मना कर देते हैं तो ऐसे में मूलभूत सुविधाओं के लिए भी पार्षद बार बार चक्कर लगा रहे हैं. जबकि काम जनता के लिए करवाने हैं कोई सुनने को तैयार नहीं है.नगर निगम के कमिश्नर गरिमा मित्तल ने बताया कि यह रूटीन की मीटिंग है. जल्दी उनके पास पैसे आ जाएंगे और टेंडर लगा दिए जाएंगे ताकि समय खराब ना हो और जो 1 करोड़ रुपए की बात है वह जल्द ही आ जाएंगे.