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Flood Compensation : मुख्यमंत्री ने एक क्लिक से बाढ़ प्रभावितों के खाते में डाले 6 करोड़ रुपए

• LAST UPDATED : October 12, 2023
  • अब तक कुल 7 करोड़ 50 लाख 99000 रुपए की राशि जारी की

  • चलते 30 नवंबर तक खुला रहेगा क्षतिपूर्ति पोर्टल

India News (इंडिया न्यूज), Flood Compensation, चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा सचिवालय में कैबिनेट बैठक उपरांत पत्रकारवार्ता के दौरान एक क्लिक से बाढ़ प्रभावितों के खाते में मुआवजे की 5 करोड़ 90 लाख 99 हजार की राशि ट्रांसफर की। पशुधन की हानि, घर की क्षति, वाणिज्यिक संपत्ति की हानि (ग्रामीण) और कपड़ों, बर्तनों/घरेलू सामानों की हानि की भरपाई की लगभग पूरी राशि जारी की गई। इसी प्रकार 40 मृतकों के परिजनों को कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया, शेष 7 मृतकों के सत्यापन का कार्य जारी है।
अर्थात अब तक राज्य सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावितों को 7 करोड़ 50 लाख 99000 रुपए की राशि जारी की गई है। फसल के नुकसान की भरपाई का भी जल्द ही निर्धारित मानदंडों के अनुसार भुगतान किया जाए। कपास की खेती में गुलाबी सुंडी के प्रकोप को देखते हुए किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल 30 नवंबर तक खुला रहेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का सत्यापन- कार्य पूरा कर लिया गया है और मुआवजे की गणना सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है।

1,41,079 किसानों का 6,87,077 एकड़ में फसल का नुकसान

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार को राज्य में 1,41,079 किसानों से करीब 6,87,077 एकड़ क्षेत्र में हुए फसल के नुकसान का दावा करने के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा घरों की क्षति के लिए मुआवजे का दावा करने वाले 7,504 आवेदन प्राप्त हुए हैं , इनमे ग्रामीण क्षेत्र से 6,057 और शहरी क्षेत्र से 1,447 आवेदन मिले हैं। पशुधन क्षति के 383 दावे प्राप्त हुए हैं। शहरी क्षेत्रों में वाणिज्यिक संपत्तियों के नुकसान के मामले में 138 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि कुरूक्षेत्र, अंबाला और फतेहाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों से भी वाणिज्यिक संपत्ति के नुकसान के 32 आवेदन प्राप्त हुए हैं। कपड़ों और बर्तनों/घरेलू सामानों के नुकसान के 537 आवेदन मिले हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगे जानकारी दी कि प्रभावित लोगों द्वारा किये गए दावों को मंजूरी दे दी गई है और क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मूल्यांकन और सत्यापन के अनुसार हाल ही में आई बाढ़ के कारण पशुधन की हानि, घर की क्षति, वाणिज्यिक संपत्ति की हानि (ग्रामीण) और कपड़ों, बर्तनों/घरेलू सामानों की हानि के कुल 8456 दावे मिले जिनमें से 8449 का सत्यापन हो चुका है। इन सत्यापित दावों की भरपाई के लिए 5 करोड़ 90 लाख 99 हजार रुपए की राशि जारी कर दी है। उन्होंने विस्तार से जानकारी दी कि घर के नुकसान के 7504 दावे प्राप्त हुए जिनमें से 7499 का सत्यापन कर लिया गया है और इनके लिए 5 करोड़ 14 लाख 55 हजार की राशि जारी की है। इसी प्रकार, पशुधन की हानि के 383 दावे प्राप्त हुए, सभी का सत्यापन कर लिया है। पात्र लोगों को कुल राशि 58 लाख 2 हजार रुपए की राशि और घरेलु सामान के भी सभी 537 दावों का सत्यापन कर 13 लाख 42 हजार 500 रुपए की राशि जारी की है। ग्रामीण क्षेत्र में वाणिज्यिक संपत्ति के नुकसान के 32 दावे मिले हैं जिनमे से 30 का सत्यापन करके उनकी भरपाई के लिए 4 लाख 99 हजार 500 रुपए की राशि जारी की है।

12 जिलों के 1469 गांव बाढ़ प्रभावित घोषित

उन्होंने बताया कि राज्य के 12 जिलों (अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पंचकूला, पानीपत, पलवल, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर) में 1,469 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया था। इस बाढ़ के कारण 47 लोगों की जान चली गई थी और इनमें से 40 मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया गया है, शेष 7 मृतकों के सत्यापन का कार्य जारी है।

मृतक पशुओं का दिया गया मुआवजा

मुख्यमंत्री ने बताया कि मुआवजा प्रति घर 3 बड़े दुधारू पशुओं और/या 30 छोटे दुधारू पशुओं, या, 3 बड़े भारवाहक पशुओं और/या 6 छोटे भारवाहक पशुओं तक प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भैंस/गाय/ऊंट आदि के मामले में 37,500 रुपए, भेड़/बकरी/सुअर के मामले में 4,000 रुपए, ऊँट/घोड़ा/बैल आदि के मामले में 32,000 रुपए, बछड़ा/गधा/टट्टू/खच्चर/बछिया के मामले में 20,000 रुपए तथा मुर्गी पालन के लिए 100 रुपए प्रति पक्षी मुआवजा दिया गया है।

पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान का दिया 1 लाख 20 हजार मुआवजा

वहीं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजे के वितरण के मानदंड 1,20,000 रुपए प्रति घर और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 10,000 रुपए प्रति पक्का मकान एवं 5,000 रुपए प्रति कच्चा मकान दिया जाएगा। अगर अब भी मुआवजे के भुगतान में कटौती से किसी को ऐतराज है, तो वे अपनी शिकायत उसी पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। जांच सही पाए जाने पर शिकायत का निवारण किया जाएगा।

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