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Haryana AQI Updates : दिवाली की आतिशबाजी के बाद हरियाणा के 12 शहरों में हवा की गुणवत्ता हुई खराब

BY: • LAST UPDATED : November 14, 2023

India News (इंडिया न्यूज), Haryana AQI Updates, चंडीगढ़ : दिवाली पर हुई पटाखेबाजी के बाद प्रदेश में वायु प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ। दिवाली के अगले दिन 13 जनवरी को सुबह 9 बजे प्रदेश के आधा दर्जन शहरों धारूहेड़ा, गुरुग्राम, कैथल, फरीदाबाद व कई हिस्सों और रोहतक में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच रहा और एयर क्वालिटी वैरी पुअर श्रेणी में रही, लेकिन शाम होते-होते हालात बेहद ही खराब हो गए।

प्रदेश के एक दर्जन शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद ही खराब हो गई। स्थिति ये हो गई कि लोगों का सांस तक लेना दूभर हो गया। प्रदेश के एनसीआर में आने वाले शहरों व जिलों में तो स्थिति बेहद खराब थी और वैरी पुअर कैटेगरी वाले एक्यूआई वाले शहरों में ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले जिले थे।

12 शहरों में लोगों का सांस लेना हुआ दूभर

एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार 13 नवंबर को शाम 4 बजे प्रदेश के 12 शहरों बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, जींद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, मानेसर, पानीपत और रोहतक में एक्यूआई लेवल 300 से 400 के बीच रहा। इनके अलावा आधा दर्जन शहरों में एक्यूआई पुअर कैटेगरी में रहा। प्रदेश के भिवानी, बहादुरगढ़, करनाल, नारनौल, पंचकुला, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर में एक्यूआई 200 से 300 प्वाइंट के बीच दर्ज किया गया।

दिवाली के बाद पहले जैसी स्थिति हो गई

दिवाली से पहले लगातार कई दिन तो प्रदेश के 10 से 12 शहरों में एक्यूआई स्कोर वैरी पुअर कैटेगरी में रहा लेकिन दिवाली के बाद सुबह तो उम्मीदों के विपरीत कुछ राहत मिली। लेकिन शाम होते-होते हालत दिवाली से पहले जैसी हो गई। हालांकि पहले राहत मिलने के पिछे हल्की बूंदाबांदी का भी हवाला दिया गया। साथ ही कहा गया कि पराली के मामलों में कमी आने के चलते वायु प्रदूषण कम हुआ है, लेकिन दिवाली के दिन हुई पटाखेबाजी के चलते हालात बेहद ही चिंताजनक व खराब हो गए।

ये बोले प्रो. रविंद्र खैवाल

प्रो. रविंद्र खैवाल, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पीजीआई का कहना है कि मौसम में बदलाव आ रहा है और तापमान निरंतर गिर रहा है। आने वाले दिनों में ठंड बढ़ेगी और इसके चलते वायुमंडलीय सतह ज्यादा नीचे आएगी। इसके चलते भी वायु प्रदूषण बढ़ने के आसार हैं। फेस्टिवल सीजन में वाहनों का इस्तेमाल बढ़ता है और इससे प्रदूषण बढ़ता है। अबकी बार पिछली बार की तुलना में पराली जलने की घटनाओं में काफी कमी आई है।

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