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H9N2 Virus : कोरोना के बाद अब एच9एन2 का खतरा, हरियाणा में भी अलर्ट जारी

• LAST UPDATED : November 29, 2023
  • परिजनों को अतिरिक्त एहतियात बरतने की जरुरत
  • डीजी हेल्थ हरियाणा ने स्वास्थ्य संस्थानों में सुविधाओं की समीक्षा के आदेश जारी किए
  • महामारी कोरोना से मिलते हैं नए वायरस के लक्षण

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), H9N2 Virus, चंडीगढ़ : महामारी कोरोना के बाद फिर से एक गंभीर बीमारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पड़ोसी मुल्क चीन से ही कोरोना फैला और अब वहीं से एच9एन2 (एवियन इन्फ्लूएंजा) बीमारी का संक्रमण फैल रहा है जो मुख्य रूप से बच्चों को निशाना बना रहा है। इसको लेकर हरियाणा ने एडवाइजरी जारी कर दी है। कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने संबंधित वायरस को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे और अब इन पर अमल करते हुए हरियाणा सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। हालांकि फिलहाल गनीमत ये है कि बीमारी का कोई भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ, लेकिन फिर भी कोरोना से सबक लेते हुए सरकार भी अपनी तरफ से एहतियातन कदम उठा रही है।

केंद्र की तरफ से कहा गया है कि एवियन इन्फ्लूएंजा से भारत को खतरा नहीं है। लेकिन चीन में बढ़ते मामले कहीं न कहीं चिंता का विषय हैं और हरियाणा में वहां के उत्तरी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के मामलों को लेकर हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया है। बच्चों में सांस की बीमारी और निमोनिया के मरीजों की मॉनिटरिंग शुरू हो गई है।

सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में साझा किए गए ‘कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश’ को लागू करने के निर्देश हैं जो इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों के रूप में पेश होने वाले श्वसन रोगजनकों की एकीकृत निगरानी प्रदान करता है। (एसएआरआई), विशेषकर बच्चों और किशोरों के लिए आईएलआई/एसएआरआई के प्रभावों पर आईडीएसपी की जिला और राज्य निगरानी इकाइयों द्वारा बारीकी से निगरानी करने की जरुरत है।

स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करनी आवश्यक

बीमारी को लेकर जरूरी कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को एक लेटर जारी किया था। इसका हवाला देते हुए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने दिशा निर्देश करते हुए कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी दिक्कत व बीमारी बढ़ी है। हालांकि देश में फिलहाल तक बीमारी का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य सेवाओं व स्वास्थ्य संस्थानों में तैयारियों की समीक्षा जरूरी है।

इसी को लेकर केंद्र सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में मेडिकल स्टाफ, मरीजों के लिए बेड, लैब टेस्टिंग क्षमता और इंफेक्शन को नियंत्रित करने संबंधित प्रैक्टिस के बारे नवीनतम जानकारी हो। उपरोक्त के अलावा सरकार व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की जाए। एचआर, अस्पताल के बिस्तर, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं और टीके, चिकित्सा ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, परीक्षण किट और अभिकर्मकों की उपलब्धता, ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता, स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण प्रक्रिया आदि की वरिष्ठ स्तर पर तुरंत समीक्षा को कहा गया है।

हेल्थ डीजी ने सभी सिविल सर्जन को निर्देश जारी किए

आधिकारिक जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को स्वास्थ्य सेवाओं के अवलोकन का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा बच्चों में निमोनिया बीमारी के मामलों की निगरानी बढ़ाने और कोरोना के समय जारी की गई सभी हिदायतों के पालन को कहा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों को फॉलो करते हुए हरियाणा सरकार ने सभी सीएमओ को अलर्ट रहने के ऑर्डर जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बच्चों में निमोनिया के मामलों की निगरानी बढ़ाई जाए। साथ ही इसकी रिपोर्ट लगातार मुख्यालय भेजी जाए। वहीं, अस्पतालों में बच्चों से संबंधित दवाइयों, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था के लिए भी समीक्षा करके मुख्यालय को रिपोर्ट भेजे जाने के निर्देश भी हैं।

कोरोना जैसे हैं बीमारी के लक्षण

निर्देशों में ये भी साफ किया गया है कि इस मामले में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जाए। परिजनों को बच्चों में बीमारी को लेकर अतिरिक्त एहतियात बरतने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि  संक्रमण के लक्षण कोरोना वायरस से काफी समान हैं। ऐसे में सभी राज्यों को कोरोना संक्रमण को लेकर पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। ये भी बता दें कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में अस्पताल में आने वाले मरीजों को मास्क और दो गज की दूरी का पालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बीमारी के लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग वार्ड भी स्थापित किए जा रहे हैं।

जानिए क्या कहा डब्ल्यूएचओ ने …

डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा और माइकोप्लाज्मा निमोनिया आदि जैसे सामान्य कारणों से होती है। कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने और सर्दियों के मौसम की शुरुआत भी इसके पीछे कारण हो सकते हैं।

माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों की चक्रीय प्रवृत्ति है, लेकिन चूंकि इस स्तर पर पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है, इसलिए सटीक कारणों का पता लगाना मुश्किल है। वहीं मामले पर भारत सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और अत्यधिक सावधानी के तौर पर, श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों के उपायों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। यह मौजूदा इन्फ्लूएंजा और सर्दियों के मौसम को देखते हुए भी महत्वपूर्ण हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि होती है।

ये कहना है सोनिया त्रिखा खुल्लर का

डीजी, हेल्थ सोनिया त्रिखा खुल्लर का कहना है कि केंद्र द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना के आदेश जारी कर दिए गए हैं। बीमारी के संभावित खतरे को देखते हुए एहतियातन तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को पैनिक होने की जरुरत नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करने संबंधी तमाम कदम उठाए जाएंगे और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पतालों में तमाम सुविधाएं हों। देश में कहीं भी बीमारी के मामले की पुष्टि नहीं हुई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद प्रदेशभर के सीएमओ को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। अभिभावक अपने बच्चों का ध्यान रखें और लगातार बुखार आने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें।

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