India News (इंडिया न्यूज), Gyan Chand Gupta on Security Breach in Indian Parliament, चंडीगढ़ : संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। इसको देखते हुए 15 दिसंबर से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र को लेकर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सुरक्षा इंतजाम को लेकर दोबारा से समीक्षा बैठक बुलाने का फैसला किया है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि ये सुरक्षा चूक का बड़ा मामला है और इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता। बता दें कि सत्र के दौरान सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक के दौरान चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा तीनों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहते हैं। यूटी और हरियाणा व पंजाब की राजधानी होने के चलते चंडीगढ़ प्रशासन की समीक्षा बैठक में सहभागिता रहती है।
वहीं हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अधिकारियों के साथ एक सुरक्षा बैठक होती रही है जो 12 दिसंबर को हो चुकी है जिसमें हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के तमाम आला अधिकारी शामिल थे। बैठक में सुरक्षा इंतजामों को लेकर चर्चा की गई थी। संसद में जिस तरह घटना हुई है इसके बाद में एक बार फिर हरियाणा विधानसभा की सुरक्षा को लेकर बैठक करने की जरूरत हो गई है। हरियाणा विधानसभा का सत्र देखने के लिए भी बाहर से बहुत से लोग आते हैं, इसलिए एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा।
विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर कम अवधि को लेकर आरोप लगाते जाते रहे हैं। इस बारे में ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि वह लोग सत्र की अवधि पर आरोप लगा रहे हैं जो अपनी सरकार में शीतकालीन सत्र बुलाते ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैंने पिछली सरकार के 10 साल का डाटा निकलवाया है, जिसमें पता चला है कि कांग्रेस राज में 10 साल में सिर्फ तीन दिन ही शीतकालीन सत्र चलाया गया। इसमें 11 घंटे कार्रवाई चली। जबकि मौजूदा सरकार में अब तक 21 दिन शीतकालीन सत्र चला जिसमें 101 घंटे 43 मिनट सदन की कार्रवाई चली है। स्पीकर ने कहा कि फिर विपक्ष के लोग किस आधार पर सत्र की अवधि को लेकर आरोप लगाते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब तक उनके पास 49 कॉलिंग टेंशन मोशन आ चुके हैं और एक एडजर्नमेंट मोशन आया है। वहीं सदन के लिए 383 तारांकित और अतारांकित साल आए हैं। वहीं दो प्राइवेट बिल आए हैं। इसके अलावा प्राइवेट यूनिवर्सिटी को लेकर भी एक बिल आया है।
विस अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने एक बार फिर कहा कि संसद में हुई घटना बेहद निंदनीय है। संविधान के मंदिर में ऐसी घटना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि कोई और ऐसी घटना को अंजाम देने के बारे में न सोचे।
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