India News (इंडिया न्यूज़), Former CM Hooda, चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि विधानसभा में सरकार विपक्ष के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। सरकार के पास बताने के लिए कोई काम या उपलब्धि नहीं है, इसीलिए उसने जानबूझकर सत्र की अवधि को कम रखा। हुड्डा अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी उनके साथ मौजूद रहे। इस मौके पर हुड्डा ने बेरोजगारी के मुद्दे पर आंकड़ों के साथ सरकार को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। पिछले कई साल से सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते आ रहे हैं।
खुद केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2013-14 में कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा की बेरोजगारी दर 2.9% थी, वो आज 3 गुना से ज्यादा बढ़कर करीब 9.0% हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर 4.1% है। यानी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बेरोजगारी है। हुड्डा ने कहा कि अब सरकार दावा कर रही है कि बेरोजगारी दर कम हुई है। हैरानी की बात है कि इस दर को सरकार उपलब्धि की तरह बता रही है। जबकि इन आंकड़ों से भी स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार में बेरोजगारी दर बढ़ी है और मौजूदा सरकार रोजगार देने के मामले में कांग्रेस के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। बेरोजगारी के चलते हरियाणा के युवा आज अपना प्रदेश और देश छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। अग्निपथ और हरियाणा कौशल निगम जैसी योजनाओं के जरिए युवाओं से पक्की नौकरियां छीनी जा रही है। ठेके पर रखकर कम वेतन में पढ़े-लिखे योग्य युवाओं का शोषण हो रहा है। कांग्रेस सरकार बनने पर युवाओं को ठेके पर लगाने की नीति को रोका जाएगा और 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां होंगी।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में युवा अपने भविष्य को सुरक्षित नहीं पाते हैं। इसलिए वह लाखों रुपए लगाकर डोंकी लगाकर (गैर कानूनी तरीके से) विदेश जा रहे हैं। इस पलायन को रोकने के बजाय सरकार इसे प्रोत्साहित कर रही है। सरकार हरियाणा युवाओं को इजराइल में मजदूरी करने के लिए भेज रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा कि आखिर बीजेपी-जेजेपी हरियाणवी युवाओं को युद्ध प्रभावित क्षेत्र इजराइल में क्यों भेजना चाहती है? यह वहीं इसराइल है जहां हमास के साथ युद्ध चल रहा है। कुछ दिन पहले ही तमाम देशों ने अपने नागरिकों को यहां से सुरक्षित निकाला था। इसी तरह सरकार ने खाड़ी देशों में भी बेरोजगारों को भेजने की नीति बनाई है। इन खाड़ी देशों में मजदूरों के साथ शोषण और अत्याचार के हजारों मामले सामने आ चुके हैं। इन देशों में मजदूरों के पास कोई अधिकार नहीं होते और उन पर अमानवीय अत्याचार होते रहते हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जहां एक तरफ मौजूदा सरकार हरियाणवियों को पलायन करने के लिए मजबूर कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ गैर-हरियाणवियों को लगातार उच्च पदों पर भर्ती कर रही है। सरकार ने हाल ही में 7 बीडीपीओ को भर्ती किया है, जिनमें से 4 गैर-हरियाणवी हैं। यह इस सरकार की हरियाणवी विरोधी मानसिकता को दिखाता है। क्या ये सरकार हरियाणा वालों को उच्च पदों पर नियुक्ति के लायक नही समझती? एसडीओ से लेकर लेक्चरर एचपीएससी की लगभग हर भर्ती में स्थानीय युवाओं के साथ यही खिलवाड़ क्यों हो रहा है? तमाम बड़े पदों पर अन्य राज्य के लोगों को भरा जा रहा है। आखिर क्यों?
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