India News (इंडिया न्यूज), Healthy Diet in BP : आज के वक्त में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आम हो चुकी है। पहले यह अधेड़ लोगों की ही समस्या मानी जाती थी, लेकिन अब 30 की उम्र के आस-पास के लोग भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि इसके लिए हमारी बदली हुई जीवनशैली और खान-पान जिम्मेदार है, लेकिन कुछ ऐसे टेस्टी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक आहार भी हैं, जो हाईपर टेंशन, स्ट्रोक, किडनी डिजीज जैसी बीमारियों से बचाने के साथ ही मजेदार स्वाद भी देते हैं।
डार्कचॉकलेट : क्यों डार्क चॉकलेट का नाम पढ़ते ही आ गया न मुंह में पानी, हैरान मत होइए क्योंकि यह बात कई स्टडीज में साबित हो चुकी है कि डार्क चॉकलेट ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है। रेग्युलर चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट में 60 परसेंट तक कोकोआ स्लाइड्स होते हैं। इसकी यही खूबी हाइपरटेंशन और प्री-हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे लोगों में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का काम करती है।
स्ट्रॉबेरी, क्रेनबेरी, ब्लैकबेरी : यमी फ्र्टूस देखकर किसके मुंह में पानी नहीं आता है! ये टेस्टी बेरीज हमारे हाई ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने में बहुत मददगार है, इसलिए अब आप बेरीज केवल टेस्ट के लिए नहीं बल्कि हेल्थ के लिए भी खाइए। एक और मजेदार बात यह है कि बेरीज ऐंटिऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं और ये हमें कई मौसमी बीमारियों से भी दूर रखती हैं।
केला : यह तो पूर्ण शर्करा होता है, क्योंकि यह तो मीठा होता है लेकिन सिर्फ यही सच नहीं है। केले में पोटाशियम बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो हाइपरटेंशन में मैनेज करने में अहम भूमिका अदा करता है। पोटाशियम हमारे ब्लड में सोडियम की मात्रा को कम करके ब्लड वेसल्स में उत्पन्न हुए तनाव को कम करता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
चुकंदर : हर किसी को पसंद नहीं होता चुकंदर का टेस्ट लेकिन इसका लाल रंग और भीनी खुशबू हर किसी का जी लुभाती है। अगर आपको भी चुकंदर खाना पसंद नहीं है तो इसकी खूबियां जानकर आप इसे खाने लगेंगे। आखिर पसंद न पसंद भी तभी मैटर करती है ना, जब हम स्वस्थ रहें। चुकंदर में नाइट्रिक ऑक्साइड होता है, जो ब्लड वेसल्स को खोलने में मददगार होता है और रक्त फ्लोप्रवाह को संतुलित रखता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क कम होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां: हमारी किडनी को बहुत अधिक सहायता करती है। इनमें मौजूद पोटैशियम यूरिन के रास्ते सोडियम को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। जिससे शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल काफी आम हो गई है। ज्यादातर लोग हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी से परेशान हैं। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी पर प्रभाव पड़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में डॉक्टरी इलाज तो जरूरी है ही, साथ ही लाइफस्टाइल और खान-पान में भी बदलाव करने की जरूरत है।
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के मुताबिक कद्दू के बीजों में फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है जोकि मोटापा और हार्ट संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मैग्निशियम भी होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।
अपने डाइट में ऐसी हरी सब्जियां शामिल करें जो पोटेशियम से भरपूर हों। दरअसल पोटेशियम यूरिन से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने में किडनी की मदद करता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो जाता है। डाइट में पालक, करमसाग, चुकंदर के हरे पत्ते और बीन्स जैसी चीजें लें।
लहसुन में ऐलिसिन होता है जिसे हाई ब्लड प्रेशर के लिए ‘रामबाण’ माना जाता है। इसके अलावा इसमें ऐंटीमाइक्रोबियल और ऐंटीफंगल प्रॉपर्टीज़ भी होती हैं जो कोलस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं।
ब्लूबेरी, रसबेरी ,स्ट्रॉबेरी…इन्हें भी हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में सेहत के लिए काफी फायदेमंद बताया जाता है। इनमें में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जोकि ब्लड प्रेशर को कम करते हैं।
पिछले साल की गई एक स्टडी में बताया गया था सि चुकंदर में कुछ फोटोकैमिकल और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जोकि हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में सक्षम होते हैं। साथ ही ये हार्ट संबंधी बीमारियों को भी दूर करने में मदद करते हैं!
आजकल हाई ब्लड प्रेशर की समस्या काफी आम हो गई है। इतनी आम कि हर दूसरा व्यक्ति हाइपरटेंशन की बीमारी की चपेट में है। इसकी मुख्य वजह है बदलता लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, टेंशन और थकान। हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी कितनी खतरनाक बन चुकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। जब धमनियों में खून का दबाव बढ़ता है तो हार्ट को सामान्य क्रम से अधिक काम करना पड़ता है। इसी अत्यधिक प्रेशर को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
1- हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में हार्ट को ज्यादा ब्लड पंप करना पड़ता है। इसकी वजह से उस पर अत्यधिक प्रेशर बन जाता है। हाई बीपी की वजह से कोरोनरी आर्टरी डिजीज और अन्य बीमारियां हो जाती हैं।
2- जिस तरह हमारे दिल की सेहत के लिए ब्लड का फ्लो सामान्य और हेल्दी रहना जरूरी है, उसी तरह यह हमारे मस्तिष्क के विकास के लिए भी जरूरी है। लेकिन जब ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो दिमाग के एक हिस्से में ऑक्सीजन बाधित हो जाती है, जो स्ट्रोक का कारण बनती है।
3- इसे डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी हो जाती है। इसके अलावा हाई बीपी से ब्रेन हेमरेज का खतरा भी 50 फीसदी तक बढ़ जाता है।
4- किडनी शरीर में एक फिल्टर का काम करती है और ब्लड में मौजूद गंदगी को बाहर निकाल देती हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी भी फेल हो जाती है। हाई बीपी की वजह से किडनी तक जाने वाली बड़ी और धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में किडनी ब्लड को फिल्टर नहीं कर पाती और उसमें वेस्ट जमा हो जाता है।
5- ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी के अलावा आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है। हाई बीपी की वजह से आंखों में मौजूद वेसल्स डैमेज हो जाती हैं। इस वजह से रेटिना तक ब्लड नहीं पहुंच पाता। ऐसी स्थिति में आंख से ब्लीडिंग होने लगती है। यहां तक कि आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
हाई बीपी से बचाव के लिए क्या करें
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