India News (इंडिया न्यूज), Ram Lalla Pran Pratishtha Anushthan Day 4, अयोध्या : देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की नजरें अयोध्या पर टिकी हुई हैं क्योंकि अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले 16 जनवरी से अनुष्ठान शुरू किया जा चुका है और इसके तीसरे दिन रामलला की मूर्ति दोपहर गर्भगृह में बने आसन पर रखा गया।
गर्भ गृह में रखी जाने वाली रामलला की मूर्ति का कुल वजन 200 किलो है। वहीं आपको बता दें कि आज राम लला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का चौथा दिन है। लगातार मंदिर परिसर में पूजा अर्चना चल रही हैं। मंदिर में आज भी 21 प्रकार की पूजन प्रक्रियाएं होंगी, जिनमें प्रभु राम के देवता पूजन से लेकर नवग्रह पूजा और आरती भी शामिल हैं।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन आने वाले मेहमान अपने साथ कोई भी मोबाइल, पर्स और गैजेट्स वगैरह नहीं ले जा सकेंगे। जी हां इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्णय लिया है और मेहमानों को इन नियमों का पालन करना होगा। ट्रस्ट के अनुसार सभी अतिथियों को सुबह 11 बजे से पहले समारोह स्थल पर प्रवेश करना होगा।
किसी भी विशिष्टजन और धर्माचार्य के साथ सुरक्षाकर्मी या फिर उनके शिष्य व सेवक अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। साथ ही ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रवेश करने वाले महानुभावों को नियमों के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अनुसार राम मंदिर में प्रवेश के दौरान कोई भी अतिथि मोबाइल और पर्स नहीं ले जा सकेगा। गैजेट्स को ले जाने की भी इजाजत नहीं होगी। इसमें ईयर फोन और रिमोट वाली चाबी शामिल है।
वहीं ये भी बता दें कि देशभर से समारोह में बड़ी संख्या में आने वाले संतों व धर्माचार्यों को भी अपने साथ पारंपरिक रूप से छत्र, चंवर, ठाकुर जी, सिंहासन और गुरु पादुका ले जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। ट्रस्ट की ओर से 7000 से अधिक मेहमानों को समारोह का निमंत्रण दिया गया है। विपक्ष के कुछ लोगों को राम मंदिर के शुभारंभ पर बीजेपी व पीएम मोदी को मिल रही लोकप्रियता रास नहीं आ रही। ये लोग अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में जो राम मंदिर बन रहा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बन रहा है। भाजपा के पास राम मंदिर का कोई पट्टा नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिसर से चले जाने पर ही आगंतुक मेहमानों को रामलला के दर्शन मिलेंगे। भारतीय परंपरा के अनुसार वस्त्र धारण कर आने को प्राथमिकता देने की भी अपेक्षा की गई है। हालांकि, ट्रस्ट की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है।
उधर विपक्ष के कुछ लोगों को राम मंदिर के शुभारंभ पर बीजेपी व पीएम मोदी को मिल रही लोकप्रियता रास नहीं आ रही है। ये लोग अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में जो राम मंदिर बन रहा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बन रहा है। भाजपा के पास राम मंदिर का कोई पट्टा नहीं है।
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