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Surajkund Mela 2024 : सूरजकुंड मेला शिल्पकारों और कलाकारों के लिए बड़ा आर्थिक मंच : राष्ट्रपति मुर्मु

• LAST UPDATED : February 3, 2024
  • 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2024 का भव्य आगाज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया उद्घाटन

India News (इंडिया न्यूज़), Surajkund Mela 2024, चंडीगढ़ : हरियाणा के फरीदाबाद में शुक्रवार को 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2024 का भव्य आगाज किया गया जोकि 18 फरवरी तक चलेगा। बता दें कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्मयंत्री मनोहर लाल सहित कई गणमान्य अतिथियों की गरीमामयी उपस्थिति रही। मेले के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति ने मेला परिसर में हरियाणा की अपना घर पवेलियन का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे यंत्रों की बारीकी से जानकारी भी ली।

राष्ट्रपति ने स्टालों का किया अवलोकन

राष्ट्रपति ने मेले के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए शिल्पकारों से भी संवाद किया। साथ ही मेले के सहभागी देशों व प्रदेशों की सांस्कृतिक विधा को भी देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। परिसर की मुख्य चौपाल के मंच से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उद्घाटन करने उपरांत राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1987 से हर वर्ष आयोजित किए जा रहे इस मेले के सफल आयोजन के लिए सभी टीमें बधाई की पात्र हैं।

उन्होंने इस वर्ष के मेले के आयोजन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनकी टीम की प्रशंसा की। द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है। पिछले साल अक्टूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों की सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी। इस मेले में आने वाले आगंतुकों को लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी के बर्तन और बुनाई सहित जीवंत और रंगीन तंजानिया कला और शिल्प का अनुभव करने का मौका मिलेगा।

यह तंजानियाई नृत्य, संगीत और व्यंजनों को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच है, जिसमें हम भारत और पूर्वी अफ्रीकी तट के बीच सदियों से लोगों के बीच संपर्क के कारण कुछ भारतीय प्रभाव की झलक भी देख सकते हैं। इस मेले में भागीदार राष्ट्र के रूप में तंजानिया की भागीदारी अफ्रीकी संघ के साथ भारत की मजबूत भागीदारी को उजागर करती है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष के मेले के साझेदार राज्य गुजरात की कला, परंपरा देखते ही बनती है। गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिल्पकरों व कलाकारों के माध्यम से राज्य की जीवंत कला देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड इस वर्ष के मेले के सांस्कृतिक भागीदार हैं। हमारे शिल्पकारों ने देश की कला विरासत को संजो कर रखा है। इसके लिए सभी शिल्पकार सराहना के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला हमारी सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है।

यह मेला हमारी परंपरा का उत्सव भी है और नवीनता का भी। यह मेला हमारे शिल्पकारों को कला प्रेमियों से जोड़ने का प्रभावी मंच है। यह मेला कला प्रदर्शनी भी है और व्यापार केंद्र भी है। उन्होंने कहा कि इस मेले के दौरान 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है, जो शिल्पकारों व हथकरघा व्यापारियों के लिए आर्थिक दृष्टि से एक बहुत बड़ा मंच है। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज के दिन को हरियाणा राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिवस बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति से इस मेले की भव्यता में एक नया आयाम जुड़ा है। उनके आगमन से हरियाणा राज्य के लिए भी आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है।

इस बार मेले का थीम स्टेट गुजरात है, जो सांस्कृतिक विविधता और सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है और मेले का सहयोगी राष्ट्र तंजानिया है, जिसका भारतवर्ष के साथ गहरा रिश्ता है। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उम्मीद है इस प्रकार के आयोजनों से हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। राज्यपाल ने कहा की सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटक कैलेंडर में अपनी अलग पहचान बना ली है। अब यह हर साल एक बहू प्रतीक्षित कार्यक्रम है जो निरंतर सफलता की ओर अग्रसर है। गत वर्ष देश विदेश से लगभग 14 लाख पर्यटकों का मेले में आगमन हुआ था।

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस वर्ष हमारे आठ उत्तर पूर्वी राज्य-अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम व त्रिपुरा- हमारी अस्टलक्ष्मी सांस्कृतिक भागीदार के रूप में भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हरियाणा के पर्यटन एवं विरासत मंत्री कंवर पाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि 36 वर्षों से सूरजकुंड शिल्प मेला का आयोजन किया जा रहा है और हर साल इसका आकार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दूरदर्शी नेतृत्व में यह मेला तेजी से लोकप्रियता के मामले में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के पर्यटन को बढ़ावा देने तथा वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के प्रयासों का ही परिणाम है कि विभिन्न देशों की भागीदारी इस मेले में हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए सरकार शिल्पकारों को विशेष मंच प्रदान कर रही है। इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के अलावा जिला स्तर पर सरस मेले लगाए जाते हैं, जिनमें शिल्पकारों और बुनकरों को अपनी हस्तशिल्पों का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है।

ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल, हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा, राजेश नागर, नरेंद्र गुप्ता, मुख्य सचिव संजीव कौशल, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण अध्यक्ष वी. विद्यावती, सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ सहित अन्य सांसदगण और विधायकगण मौजूद रहे।

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