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Haryana Cabinet Meeting : मंत्रिमंडल की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय: हिसार के चार गांवों के लिए नीति बनाने को दी मंजूरी

• LAST UPDATED : March 6, 2024
  • भूमि स्वामित्व नीति को भी लगी मुहर

  • 31 मार्च, 2023 तक सरकारी पशुधन फार्म, हिसार से संबंधित 1873 कनाल 19 मरला भूमि पर निर्मित आवास वाले मालिक स्वामित्व अधिकार के लिए पात्र होंगे

India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Cabinet Meeting, चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा निवासियों के अधिकारों को सशक्त बनाने और सुरक्षित भूमि अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हिसार के गांव ढंढूर, पीरांवाली, झिरी (चिकनवास) और बबरान (बस्ती और डिग्गी ताल) चार गांवों में रहने वालों को आवासीय भूमि या भूखंडों का मालिकाना देने वाली नीति बनाने को मंजूरी दे दी गई है।

इस नीति के तहत 31 मार्च, 2023 तक राजकीय पशुधन फार्म, हिसार से संबंधित 1873 कनाल 19 मरला भूमि पर निर्मित आवास वाले लोग स्वामित्व अधिकार के लिए पात्र होंगे। जिन लोगों ने 250 वर्ग गज तक की भूमि पर निर्माण किया है, उन्हें 2000 रुपये प्रति वर्ग गज का शुल्क चुकाने के बाद मालिकाना हक दिया जाएगा। इसी प्रकार जिन लोगों ने 250 वर्ग गज से लेकर 1 कनाल तक के क्षेत्र में निर्माण किया है, उन्हें 3000 रुपए प्रति वर्ग गज का भुगतान करने पर मालिकाना हक मिलेगा।

इसके साथ ही 1 कनाल से 4 कनाल तक की संपत्ति वाले परिवारों को 4000 रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से भुगतान करना होगा। इस पॉलिसी के तहत मालिकाना हक के लिए अधिकतम अनुमानत प्लॉट का आकार 4 कनाल तक है। 4 कनाल से बड़े प्लॉट के दावे स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

इन चार गांवों में सरकारी पशुधन फार्म, हिसार की 1873 कनाल 19 मरला भूमि पर 31 मार्च, 2023 तक निर्मित आवास वाले भूखंड, संपत्ति के सभी कब्जाधारी और जिनके नाम जिला प्रशासन हिसार द्वारा किए गए ड्रोन-इमेजिंग सर्वेक्षण में दिखाई देते हैं, वे ही आवंटन के लिए पात्र होंगे। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आईडी पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए एकमात्र दस्तावेज की आवश्यकता के रूप में काम करेगी, जब तक कि सरकार द्वारा किसी अन्य दस्तावेज को अपेक्षित प्रमाण के रूप में अधिसूचित नहीं किया जाता।

अतिरिक्त उपायुक्त, हिसार की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति दावेदारों से आवेदन आमंत्रित कर उनकी जांच करेगी और सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी। स्थानीय समिति सार्वजनिक सूचना समाचार पत्रों, सामान्य वेब पोर्टल, अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन मांगेगी। इन सभी दावे और आपत्तियों सहित सभी आवेदन सामान्य पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर संशोधित किए जाएंगे। डिमांड नोटिस जारी होने की तारीख से छह महीने के अन्दर प्रीमियम का भुगतान किया जाना चाहिए।

यूएचबीवीएन के लिए 500 करोड़ रुपए की राज्य सरकार गारंटी प्रदान करने के लिए घटनोत्तर दी स्वीकृति

मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएन) के 500 करोड़ रुपए के स्वीकृत कैपेक्स ऋण के पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक के पक्ष में 500 करोड़ रुपए की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की। निगम विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत फंड-आधारित और गैर-फंड-आधारित कार्यशील पूंजी सीमाओं का उपयोग करके अपने दैनिक कार्यों के संचालन का प्रबंधन करता है। फंड आधारित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूएचबीवीएन ने बैंक से 500 करोड़ रुपए के कैपेक्स ऋण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था और पंजाब नेशनल बैंक ने निगम के अनुरोध पर विचार कर 500 करोड़ रुपए का कैपेक्स ऋण स्वीकृत किया है।

पेंशन राशि में की बढ़ोतरी

बैठक में हिन्दी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों और हरियाणा राज्य शुभ्र ज्योत्सना पेंशन एवं अन्य सुविधाएं योजना, 2018 के तहत दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए करने को मंजूरी दी गई। दोनों योजनाओं के तहत बढ़ी हुई मासिक पेंशन तुरंत प्रभाव से लागू होगी। बैठक में नगर पालिका, कनीना की खसरा संख्या 207/9, 10 में स्थित 209 वर्ग मीटर भूमि को सेवा भारती हरियाणा प्रदेश पंजीकृत, कनीना को स्थायी धर्मार्थ स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने को मंजूरी प्रदान की। यह निर्णय व्यापक जनहित को देखते हुए लिया गया है और सरकार ने सेवा भारती हरियाणा प्रदेश को 8 लाख 25 हजार रुपए की लागत पर उक्त भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया है।

निर्णय के अनुसार सेवा भारती हरियाणा प्रदेश को स्थायी धर्मार्थ स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए आकस्मिक शुल्क, यदि कोई है तो भुगतान करना होगा। हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2024 के प्रारूप को दी स्वीकृति। हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2024 के प्रारूप को दी स्वीकृति प्रदान की। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, शामलात देह में भूमि का स्वामित्व, जो पूर्वी पंजाब भूमि उपयोग अधिनियम 1949 के तहत 20 साल की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर आवंटित किया गया था और मूल आवंटी, हस्तांतरण करने वाला (ट्रांसफ्री) या उनके मूल आवंटी के खेती अधिकार में शामिल है और उनके कानूनी उत्तराधिकारी को तत्काल प्रभाव से शामलात देह के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

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