India News Haryana (इंडिया न्यूज), Digital Arrest Case: देश में ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनमें साइबर अपराधी लोगों को सीबीआई और ईडी के अधिकारी बनकर डराकर पैसे वसूलते हैं। हाल ही में यमुनानगर में एक महिला के साथ एक ऐसी ही अजीबो-गरीब ठगी का मामला सामने आया, जिसे “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
9 नवंबर को महिला के पास एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उसे कहा गया कि उसके आधार कार्ड से एक सिम जारी हुआ है, जिसका उपयोग कर 68 करोड़ की हेरा-फेरी की गई है। इसके बाद महिला से पूछा गया कि वह डिजिटल अरेस्ट होना चाहेंगी या फिजिकल। महिला ने डिजिटल अरेस्ट को स्वीकार किया और इस पर उसे वीडियो कॉल पर रखने की मांग की गई। उसके बाद, महिला को कहीं भी जाने की अनुमति नहीं दी गई और वीडियो कॉल ऑन रखनी पड़ी।
10 दिन तक चलने वाले इस मानसिक उत्पीड़न के दौरान, महिला से 13 लाख रुपये की राशि विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा ली गई। सीबीआई के फर्जी अधिकारियों ने महिला को व्हाट्सएप पर लेटर भेजकर उसे डराया और फिर ट्रांजैक्शंस को अंजाम दिया। जब साइबर थाना प्रभारी को इस मामले का पता चला, तो उन्होंने तुरंत संबंधित बैंकों से संपर्क किया और राशि को सीज करने का प्रयास किया।
साइबर थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से सतर्क रहें और “डिजिटल अरेस्ट” जैसी किसी भी स्थिति में न फंसे। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है और इस तरह के फर्जी मामलों से बचने के लिए पुलिस या साइबर थाने को तुरंत सूचित करें। यह घटना दिखाती है कि कैसे ठग डिजिटल प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और आम जनता को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे मामलों में सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।