India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana University: केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा (सीयूएच) के कानून विभाग की पूर्व डीन, प्रो. मोनिका मलिक, पिछले 49 दिनों से अपने अधिकारों के लिए धरने पर बैठी हैं। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें जानबूझकर उत्पीड़ित किया और झूठे मामलों में फंसाया। यह धरना 17 अक्टूबर से जारी है और उन्होंने कहा है कि वे तब तक यह आंदोलन जारी रखेंगी, जब तक उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हो जाता।
प्रो. मोनिका मलिक का कहना है कि उनके साथ यह अत्याचार जुलाई 2021 में नए कुलपति के आने के बाद शुरू हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यालय को चोरी-छुपे खोला गया और उनके दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके अलावा, उन्हें जरूरी कागजात भी नहीं दिए जा रहे हैं। प्रो. मलिक ने कई उच्च अधिकारियों, जैसे शिक्षा मंत्री, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को इस मामले में शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि प्रो. मोनिका का मामला वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन है, और इसलिए वे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, प्रोफेसर सुनील कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा है और इस मामले में कोई भी निर्णय कोर्ट के आदेशों के बाद ही लिया जाएगा। प्रो. मोनिका मलिक ने कहा कि वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे और विश्वविद्यालय प्रशासन से न्याय की उम्मीद करती हैं।