India News Haryana (इंडिया न्यूज), Lawrence Bishnoi: कुछ दिनों पहले बाबा सिद्दीकी के मौत की खबर सामने आई, जिसमे एक बार फिर बिश्नोई गैंग का जिक्र हुआ। सिद्दीकी मर्डर मामले में अब तक 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। मुंबई पुलिस एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भागा हुआ तीसरे शूटर शिवकुमार गौतम की तलाश में जुटी हुई है।
ये पहला बड़ा मामला नहीं है, जहां किसी हाई प्रोफाइल शख्स की हत्या हुई है। गोल्डी-लॉरेंस गैंग ने इससे पहले भी कई मामलों में अपने आप पर हत्या की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले इस गैंग ने मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इतना ही नहीं सालों पहले एक्टर सलमान खान को भी मौत के घाट उतारने की धमकी दी थी।
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पोस्ट शेयर कर इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। पोस्ट में बराड़ ने कहा था की कि उसने अपने साथी विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
लॉरेंस बिश्नोई ने अपने पोस्ट में लिखा था की ‘मैं और गोल्डी बरार सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं। लोग चाहे कुछ भी कहें, हमने अपने भाई विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या का बदला ले लिया है। सिद्धू मूसेवाला ने उसकी हत्या में मदद की थी। अब इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है की सिद्धू मूसेवाला ने असलियत में विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में साथ दिया।
अब जानते है की कौन है विक्की मिड्डूखेड़ा? जिसके लिए गोल्डी-लॉरेंस गैंग ने सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारा। विक्की मिड्डूखेड़ा जिनका असली नाम विक्रमजीत सिंह है, एक उभरते राजनीतिक नेता थे, जो युवा अकाली दल के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने पहले स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ P.U. (एसओपीयू) का हिस्सा रहते हुए अपनी राजनीति की शुरुआत की, लेकिन बाद में वे स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसओआई) में शामिल हो गए। उन्हें सुखबीर सिंह बादल ने एसओआई का चंडीगढ़ अध्यक्ष बनाया था।
मिड्डूखेड़ा की पहचान उनके गांव मिद्दूखेड़ा के नाम से भी थी, जैसा कि गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ था। उनकी हत्या का मामला तब सुर्खियों में आया, जब कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने यह दावा किया कि मूसेवाला की हत्या का कारण मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेना था। विक्की की हत्या 7 अगस्त, 2021 को की गई थी और मिद्दूखेड़ा पर राजनीतिक और व्यक्तिगत विवादों का भी आरोप लगाया गया था। एक छात्र नेता के रूप में उनकी छवि बनी रही, हालांकि वे 2015 में लॉ कोर्स की प्रवेश परीक्षा में नकल के विवाद में फंस गए थे। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और डिफेंस स्टडीज के मास्टर्स में दाखिला लिया।
विक्की का चंडीगढ़ और पंजाब में युवा वर्ग के बीच काफी बड़ा नेटवर्क था और वे मीडिया में भी जाने-पहचाने चेहरे बन चुके थे। उनकी केवल एक एफआईआर थी, जो अक्टूबर 2020 में दर्ज हुई थी, जिसमें उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य बताया गया था। इस मामले में उन पर आरोप था कि उन्होंने गिरोह के सदस्यों को सहायता प्रदान की। विक्की मिड्डूखेड़ा एक विवादित लेकिन प्रभावशाली युवा नेता थे, जिनकी हत्या ने राजनीतिक और गैंगवार उजागर कर दिया।