मेष राशिफल 18 जुलाई 2022

***|| जय श्री राधे ||***

** महर्षि पाराशर पंचांग **
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*******************

दिनाँक:-18/07/2022, सोमवार
पंचमी, कृष्ण पक्ष,
श्रावण
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष 

आज का दिन आपके लिए छोटी-मोटी टेंशन लेकर आ सकती है। विद्यार्थियों को परीक्षा में ज्यादा मेहनत करनी होगी,तभी वह सफलता हासिल कर सकेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें। जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आपको अपने गुस्से पर कंट्रोल करना होगा,नहीं तो आपके हाथ से कोई डील निकल सकती है। आपको किसी नए निवेश को सोच विचार कर करना बेहतर रहेगा। यदि पहले किसी ने आपसे कुछ कर्जा लिया था,तो वह आपको वापस लौटा सकता है। आपको आपको छोटे-मोटे लाभ के अवसर मिलते रहेंगे,जिनसे आप मन मुताबिक लाभ कमाने में कामयाब रहेंगे।

तिथि———– पंचमी 08:54:25 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र—–पूर्वा भाद्रपदा 12:22:26
योग———— शोभन 15:24:15
करण———– तैतुल 08:54:26
करण————– गर 20:15:22
वार———————– सोमवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि——- कुम्भ 06:33:18
चन्द्र राशि——————– मीन
सूर्य राशि——————– कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:36:13
सूर्यास्त—————- 19:14:27
दिन काल————- 13:38:13
रात्री काल————- 10:22:16
चंद्रास्त—————- 10:17:17
चंद्रोदय—————- 22:55:59

लग्न—- कर्क 1°13′ , 91°13′

सूर्य नक्षत्र—————– पुनर्वसु
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र चरण——————– ताम्र

**** पद, चरण ****

दा—- पूर्वा भाद्रपदा 06:33:18

दी—- पूर्वा भाद्रपदा 12:22:26

दू—- उत्तरा भाद्रपदा 18:14:41

थ—- उत्तरा भाद्रपदा 24:10:04

**** ग्रह गोचर ****

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 01:12 पुनर्वसु , 4 ही
चन्द्र = कुम्भ 29°23, पू o भा o , 3 दा
बुध =कर्क 02 ° 07′ पुनर्वसु ‘ 4 ही
शुक्र=मिथुन 05°05, मृगशिरा ‘ 4 की
मंगल=मेष 14°30 ‘ भरणी ‘ 1 ली
गुरु=मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 25°00’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 25°00 विशाखा , 2 तू

**** मुहूर्त प्रकरण ****

राहू काल 07:19 – 09:01 अशुभ
यम घंटा 10:43 – 12:25 अशुभ
गुली काल 14:08 – 15: 50अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 12:53 – 13:47 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:36 – 16:31 अशुभ

**** पंचक अहोरात्र अशुभ

**** चोघडिया, दिन
अमृत 05:36 – 07:19 शुभ
काल 07:19 – 09:01 अशुभ
शुभ 09:01 – 10:43 शुभ
रोग 10:43 – 12:25 अशुभ
उद्वेग 12:25 – 14:08 अशुभ
चर 14:08 – 15:50 शुभ
लाभ 15:50 – 17:32 शुभ
अमृत 17:32 – 19:14 शुभ

**** चोघडिया, रात
चर 19:14 – 20:32 शुभ
रोग 20:32 – 21:50 अशुभ
काल 21:50 – 23:08 अशुभ
लाभ 23:08 – 24:26* शुभ
उद्वेग 24:26* – 25:43* अशुभ
शुभ 25:43* – 27:01* शुभ
अमृत 27:01* – 28:19* शुभ
चर 28:19* – 29:37* शुभ

**** होरा, दिन
चन्द्र 05:36 – 06:44
शनि 06:44 – 07:53
बृहस्पति 07:53 – 09:01
मंगल 09:01 – 10:09
सूर्य 10:09 – 11:17
शुक्र 11:17 – 12:25
बुध 12:25 – 13:34
चन्द्र 13:34 – 14:42
शनि 14:42 – 15:50
बृहस्पति 15:50 – 16:58
मंगल 16:58 – 18:06
सूर्य 18:06 – 19:14

**** होरा, रात
शुक्र 19:14 – 20:06
बुध 20:06 – 20:58
चन्द्र 20:58 – 21:50
शनि 21:50 – 22:42
बृहस्पति 22:42 – 23:34
मंगल 23:34 – 24:26
सूर्य 24:26* – 25:17
शुक्र 25:17* – 26:09
बुध 26:09* – 27:01
चन्द्र 27:01* – 27:53
शनि 27:53* – 28:45
बृहस्पति 28:45* – 29:37

**** उदयलग्न प्रवेशकाल ****

मिथुन > 02:33 से 04:40 तक
कर्क > 04:40 से 07:18 तक
सिंह > 07:18 से 09:24 तक
कन्या > 09:24 से 11:34 तक
तुला > 11:34 से 13:49 तक
वृश्चिक > 13:49 से 16:02 तक
धनु > 16:02 से 18:18 तक
मकर > 18:18 से 20:02 तक
कुम्भ > 20:02 से 21:36 तक
मीन > 21:36 से 22:08 तक
मेष > 22:08 से 00:42 तक
वृषभ > 00:42 से 02:33 तक

**** विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

**** दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

**** अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 5 + 2 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

**** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ****

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

**** शिव वास एवं फल -:

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषाभा रूढ़ = शुभ कारक

**** भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

**** विशेष जानकारी ****

* श्रावण प्रथम सोमवार

*नाग पंचमी मेला हरदेव जी ( जयपुर)

*नाग पंचमी (राज़०)

 

**** शुभ विचार ****

यावत्स्वस्थो ह्ययं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः ।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
।। चा o नी o।।

जब आपका शरीर स्वस्थ है और आपके नियंत्रण में है उसी समय आत्मसाक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है.

**** सुभाषितानि ****

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

यत्तु कृत्स्नवदेकस्मिन्कार्ये सक्तमहैतुकम्‌।,
अतत्त्वार्थवदल्पंच तत्तामसमुदाहृतम्‌॥,

परन्तु जो ज्ञान एक कार्यरूप शरीर में ही सम्पूर्ण के सदृश आसक्त है तथा जो बिना युक्तिवाला, तात्त्विक अर्थ से रहित और तुच्छ है- वह तामस कहा गया है॥,22॥,

****आपका दिन मंगलमय हो ****
***********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Connect With Us: Twitter Facebook

Neha Dhiman

Share
Published by
Neha Dhiman

Recent Posts

Haryana Government: हरियाणा सरकार की नई योजना, महिलाओं को मिलेगा 3 लाख रुपये तक का सस्ता लोन

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Government: हरियाणा सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए…

34 mins ago

NewlyWed Bride: नई नवेली दुल्हन के अगले दिन ही दिखे ऐसे रंग, पति-सास को नशीली चाय पिलाई और फिर…

India News Haryana (इंडिया न्यूज), NewlyWed Bride: हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखौदा इलाके से…

1 hour ago

Haryana Weather: हरियाणा में ठंड की बढ़ती लहर, प्रदूषण स्तर भी हुआ गंभीर, जानें ताजा मौसम रिपोर्ट

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Weather: हरियाणा में इन दिनों ठंड और प्रदूषण दोनों…

1 hour ago

Electricity Department: हरियाणा में सौर ऊर्जा को बढ़ाने पर जोर, कैसे मिलेगी फ्री बिजली यहां जानें

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Electricity Department: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन नंदलाल…

2 hours ago

Drug Smuggler Arrested : शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने की चाह में पकड़ी….नशा तस्करी की राह, तीसरा आरोपी गिरफ्तार 

1 किलो 930 ग्राम चरस तस्करी मामले में तीसरे आरोपी को किया गिरफ्तार किया India…

12 hours ago