होम / Chaitra Navratri 2022 Date जानिये अप्रैल में कब से शुरू हो रहे हैं नवरात्रे

Chaitra Navratri 2022 Date जानिये अप्रैल में कब से शुरू हो रहे हैं नवरात्रे

• LAST UPDATED : March 24, 2022

Chaitra Navratri 2022 Date

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्

MADAN GUPTA SPATU PIC
MADAN GUPTA SPATU PIC

2 अप्रैल से चैत्र के वासंती नवरात्र प्रारंभ होंगे जो 10 तारीख, रविवार को रामनवमी पर समाप्त होंगे। इस दिन सुबह 8ः30 पर वैधृति नामक अशुभ योग आरंभ होगा। अतः घटस्थापन, अखंड ज्योति प्रज्जवलन, देवी पूजन, नववर्ष पूजन पहले ही करना चाहिए।

Chaitra Navratri 2022 Date

नल नामक विक्रमी संवत 2079, शनिवार को ही शुरू होगा। इस वर्ष का राजा शनि तथा मंत्री गुरु होगा। इस महीने राहु, 12 अप्रैल को मेष राशि में आ जाएंगे। इसके अलावा मुख्य ग्रह गुरु 13 अप्रैल को अपनी राशि मीन में आ जाएंगे और शनि 29 अप्रैल से कुंभ राशि में आ जाएंगे। साथ ही 27 से गुरु-शुक्र योग तथा 29 से मंगल-शनि योग आरंभ होंगे।
इस साल 4 ग्रहण लगेंगे। पहली मई को सूर्यग्रहण, 16 मई को चंद्रग्रहण, 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण और अंतः में 8 नवंबर को चंद्रग्रहण होगा।

कुछ महत्वपूर्ण भविष्य वाणियां Chaitra Navratri 2022 Date

कोरोना का प्रभाव इस साल कम होता जाएगा। यूक्रेन-रुस का महायुद्ध पहली मई से पहले शांत होने की संभावना है। तीसरा विश्वयुद्ध नहीं होगा। भारत सुरक्षित रहेगा। कई देश भारत की ओर विश्व शांति के लिए देखेंगे। मोदी विशेष भूमिका निभाएंगे। भारत की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी। हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 दो अप्रैल 2022 यानी शनिवार से शुरू हो रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास मार्च या अप्रैल के महीने में आता है इस दिन को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा तथा आंध्र प्रदेश में उगादी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

Chaitra Navratri 2022 Date

हिंदू नवसंवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन आता है। इस बार नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि और मंत्री गुरु होंगे। शनि अभी मकर राशि में हैं और 29 अप्रैल को कुंभ में गोचर करेंगे। ये दोनों शनि की अपनी राशि है। इससे आने वाले वर्ष में शनि का दबदबा रहेगा। विक्रम संवत 2079 शनिवार से शुरू हो रहा है और इसके राजा भी शनि है। ये हिंदू नववर्ष उन जातकों के लिए काफी कष्टप्रद हो सकता है। जिन राशियों में पहले से ही शनि की महादशा चल रही है। इसी के साथ कुंडली में शनि की साढ़े साती है तो इसके लिए विशेष उपाय करवाने होंगे। इसके अलावा जिन राशियों पर गुरु की कृपा है और कुंडली में गुरु उच्च स्थान पर है तो ऐसे जातकों के लिए ये हिंदू नव वर्ष काफी शुभ होगा।

Chaitra Navratri 2022 Date

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिवस ही वासंती नवरात्र का प्रथम दिवस होता है, पुरातन ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारम्भ की थी, चैत्र मास ही नव वर्ष मनाने के लिए सर्वोत्तोम है क्योंकि चैत्र मास में चारो ओर पुष्प खिलते है, वृक्षों पर नए पत्ते आ जाते है चारो ओर हरियाली मानो प्रकृति ही नववर्ष मना रही हो, चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है तथा गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है। मनुष्य के लिए यह समय प्रत्येक प्रकार के वस्त्र पहनने के लिए उपयुक्त है। भारतीय नव वर्ष से प्रथम नवरात्र प्रारम्भ होता है जिससे घर-घर में माता रानी की पूजा की जाती है जी को वातावरण को शुद्ध तथा सात्विक बना देता है। चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत की शुरुआत भगवान झूलेलाल का जन्म नवरात्री प्रारम्भ गुड़ी पड़वा, उगादी तथा ब्रम्हा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का सम्बन्ध इस दिन से है।

Chaitra Navratri 2022 Date

इस वर्ष का मंत्री मण्डल के पद इस प्रकार है राजा-शनि, मन्त्री-गुरु, सस्येश-सूर्य , दुर्गेश-बुध, धनेश-शनि, रसेश-मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश-बुध, मेघेश-बुध होंगे। साथ ही संवत्सर का निवास कुम्हार का घर एवं समय का वाहन घोड़ा होगा। इस वर्ष भी समय का वाहन घोड़ा होता है उस वर्ष तेज गति से वायु, चक्रवात, तूफान, भूकंप भूस्खलन आदि से व्यापक क्षति की संभावना बन जाती है तेज गति से चलने वाले वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना हो जाती है।राजा शनिदेव एवं मंत्री देव गुरु बृहस्पति के होने से यह संवत्सर साधारण एवं सामान्य शुभ फलप्रदायक होगा। जनता एवं समाज में तीव्रता, जन आंदोलन की स्थिति बन सकती है। सरकार अथवा सरकारी संस्थाओं द्वारा किया गया कार्य- योजना जनता के हित में होगा परंतु आम जन राजनीतिज्ञों के क्रिया कलापो से असंतुष्ट भी रहेंगे । भारत मे अचानक प्राकृतिक आपदाओं के दुष्प्रभाव दिखेगा।

Chaitra Navratri 2022 Date

इस वर्ष भीषण व रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, ग्लैशियर का तीव्रता के साथ पिघलना समुद्र के किनारे के शहरों के लिए अत्यधिक खतरा उत्पन्न हो सकता है। इस संवत्सर में बम, आयुधों, हथियारों का व्यापार एवं प्रयोग बढ़ेगा। इस संवत्सर में युद्ध या युद्ध जैसी स्थितियां अचानक बढ़ेंगी। वर्ष के राजा शनि देव के होने से भारत सहित विश्व के अनेक देशों में आंतरिक समस्याएं गंभीर रूप से प्रभाव छोडेंगी। भ्रष्टाचारी एवं साइबर क्राइम के द्वारा लोगों को उनके धन एवं संपदा से विमुख करने तथा उनके बैंकों से धन चोरी करके परेशान किया जा सकता है। कर्म की प्रधानता में वृद्धि होगी। विश्व में भुखमरी, धन के क्षति, बीमारियों एवं प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण लोगों के सुख में कमी होगी तथा त्राहिमाम की स्थिति बनेगी। इस वर्ष एकाधिक आतंकवादी विस्फोट, अग्नि कांड की घटनाएं, पड़ोसियों से तनाव, सीमा पर युद्ध जैसी स्थितियां देश की जनता को विचलित करेंगी। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार होगा, केंद्रीय सरकार देश हित मे महत्वपूर्ण कार्यो के साथ अनेको नियमो कानूनों का निर्माण करेगी परन्तु सरकार कार्यो में शिथिलता बरतेगी। न्यायालय एवं न्यायाधीशो का सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags: