इंडिया न्यूज, Ganesh Chaturthi 2022 : आज से गणेश उत्सव (ganesh Festival) का शुभारंभ है। बताया गया है कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी कारण से सभी चतुर्थी में इसका विशेष स्थान है। आज से घर-घर और बड़े पंडालों में गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है और तय दिनों तक उनकी आराधना की जाती है। यह गणेशोत्सव 10 दिनों तक चलेगा। 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ संयोग बना रहा है।
वैसे तो आप आज किसी भी दिन भगवान गणेश की स्थापना कर सकते हैं। लेकिन कुछ इस शुभ मुहूर्त भी है। जिसमें गणपति की स्थापना, पूजा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
गणेश स्थापना 5 शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त : प्रात: 6.05 से 9.27 बजे तक।
दूसरा मुहूर्त : प्रात: 10.30 से दोपहर 2.00 बजे तक।
तृतीय मुहूर्त: दोपहर 3.30 से शाम 5 बजे तक।
चतुर्थ मुहूर्त : शाम 6 से से 7 बजे तक
मध्याह्न काल मुहूर्त : सुबह 11.20 से दोपहर 1.20 तक।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश की पूजा उपासना करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। उनके पूजा ने व्यक्ति को सफलता, यश, सिद्धि, मान-सम्मान और सुख-समृद्धि सभी की प्राप्ति होती है, दूख, रोग और दरिद्रता कोसों दूर रहती है।
आपको जानकारी नहीं होगी कि भगवान गणेश को दूर्वा यानि दूब भी काफी प्रिय है। दूर्वा एक घास है जो इस धरा पर हर जगह आसानी के साथ मिल जाती है। इसे कई जगहों पर दूब भी कहा जाता है। पूजा स्थल पर हमेशा इस दूब का प्रयोग किया जाता है, जिसके पीछे एक कथा भी है, जिसके अनुसार अनलासुर राक्षस से सभी देवी-देवता परेशान हो गए थे।
इसी कारण भगवान गणेश ने सभी देवी-देवताओं और मुनियों की रक्षा के लिए इस अनलासुर को निगल लिया था। इस कारणउनके पेट में बहुत जलन हो गई थी। तब उनकी जलन को शांत करने के लिए मुनि कश्यप ने इसी दूब को उन्हें खाने को दी थी जिसे खाते ही गणेश जी के पेट की जलन दूर हो गई। तभी से भगवान गणपति की पूजा में दूर्वा (दूब) चढ़ाई जाती है।
यह भी जानकारी दे दें कि गणेश जी की सूंड हमेशा हिलती रहती है, जोकि हमेश प्रेरणा देती है कि मानव को हमेशा सचेत रहना चाहिए। लम्बी सूंड महाबुद्धित्व का प्रतीक है लम्बी सूंड तीव्र सूंघने की क्षमता भी अधिक होती है यानि जो समझदार व्यक्ति है वह अपने आसपास के माहौल को पहले से ही सूंघ सकता है।
देशभर में आज से बणपति बप्पा मौरया का घर-घर विराजमान हो रहा है। गणेशोत्सव के पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। यह गणेश पर्व 9 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालु पूरे विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करेंगे और भगवान गणपति से जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद लेंगे।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव होता है और इसी दिन श्रद्धालु अपने-अपने घरों में गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उसकी पूजा करते हैं और अंनत चतुर्दशी पर उनका विसर्जन करते हैं।