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Ganesh Chaturthi Celebration: गणेश उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह, जाने कब होगी स्थापना और विसर्जन?

• LAST UPDATED : September 16, 2023

India News (इंडिया न्यूज़) Ganesh Chaturthi Celebration: भगवान श्री गणेश जी को समृद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 19 सितंबर को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है।हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्री गणेश जी की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। महाराष्‍ट्र, गुजरात, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्‍सों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।

19 सितंबर को होगी बप्पा की स्थापना

इस साल गणेश चतुर्थी का पावन उत्सव 19 सितंबर, को शुरू होगा और 28 सितंबर, को बप्पा के विसर्जन के साथ समाप्त होगा।शास्त्रों के अनुसार बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए विशेष फलदायी होता है। इस बार बुधवार के दिन से 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव पर्व का शुभारंभ हो रहा है। देश के तमाम राज्यो में जगह-जगह गणेश पंडालों में गणपति की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक लगातार सिद्धिदाता और विग्नहर्ता की उपासना की जाती है। भगवान श्री गणेश की सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। हर शुभ काम से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा और ऊं गणेशाय नम: का जाप किया जाता है।

यमुनानगर स्थित दयाल जी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित गणपति प्रसाद शास्त्री का कहना है कि गणेश जी विग्नहर्ता है। वे हर एक प्राणी का दुख हर लेते हैं।उन्होंने कहा कि जो विधि विधान से 10 दिन तक गणेश जी की आराधना करता है उनकी सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गणपति उत्सव को लेकर जोरदार तैयारी

शुरू में यह परंपरा हालांकि महाराष्ट्र से शुरू हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे देश के तमाम राज्यों में अब गणपति उत्सव मनाया जाता हैं। हरियाणा के अन्य इलाकों की तरह यमुनानगर में भी इसको लेकर जोरदार तैयारी की जा रही है। राजस्थान से आए मूर्तिकारों द्वारा गणेश जी की विभिन्न आकार की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। जो देखते ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। इन मूर्तिकारों का कहना है कि वह पिछले कई पीढियाों से इस काम को कर रहे हैं ।

हालांकि पहले गणेश जी की मूर्ति की इतनी मांग नहीं थी लेकिन पिछले 10 वर्षों में यहां गणेश जी की मूर्तियों की बहुत मांग है। कई- कई दिन पहले ही श्रद्धालु आ कर मूर्ति के लिए आर्डर करते हैं। उनकी इच्छा के अनुसार ही गणेश जी की प्रतीमा का निर्माण किया जाता है। मूर्तिकार ने बताया कि 150 रुपए से लेकर 20000 रुपए तक की कीमत वाली मूर्तियां उनके पास मौजूद हैं। जैसे-जैसे गणपति उत्सव का समय पास आ रहा है, लोग बप्पा की प्रतीमा की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। कई लोग आकर गणपति की मूर्ति को बुक कर रहे हैं और 19 सितंबर यानि गणपति उत्सव को ही अपनी अपनी बुक करवाई गई मूर्तियों को यहाँ से लेकर जाएंगे।

गणपति उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह

शहर के विभिन्न इलाकों में विभिन्न धार्मिक संस्थाओं द्वारा पंडाल सजाकर गणपति जी की 10 दिन तक आराधना की जाती है। और उसके बाद गणपति जी की विदाई होती है। जहां भारी संख्या में श्रद्धालु उन्हें विधि विधान से अगले बरस तू जल्दी आ कह कर विदा करते हैं। गणपति उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं विशेष कर विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों में काफी उत्साह है और वह इस उत्सव की जोरदार तैयारी में जुटे हुए हैं।

 

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