Historic Faridkot Fort : किला फरीदकोट जिसमें आज भी दिखती है समृद्ध विरासत की झलक

  • 15 जुलाई, 1948 को फरीदकोट रियासत का भारत में विलय किया गया

India News (इंडिया न्यज), Historic Faridkot Fort, फरीदकोट : पंजाब को जहां गुरुओं और पीरों-फकीरों की धरती माना जाता है। वहीं यह प्रदेश अपने अमीर और समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है। हालांकि मुगलों की तरफ से जितने भी आक्रमण भारत पर हुए उनमें से ज्यादात्तर का सामना सबसे पहले पंजाब की धरती ने ही किया। बावजूद इसके इस धरती पर ऐसे सैकड़ों स्थान हैं जो अपनी समृद्धि के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते थे। यहां पर कई रियासतें थीं जो आर्थिक और संस्कृति के रूप में बहुत ज्यादा समृद्ध थी उन्हीं मं से एक है रियासत फरीदकोट। इसकी समृद्धि को दर्शाता है किला फरीदकोट।

करीब 700 साल पहले हुआ था निर्माण

ऐतिहासिक किला फरीदकोट

इतिहासकारों का कहना है कि किला फरीदकोट का निर्माण करीब 700 साल पहले हुआ था। बताया जाता है कि इस किले का निर्माण कपूरों द्वारा बनाया गया था, जो अपने वंश को वापस खोजते हैं। 13वीं शताब्दी के आसपास इस क्षेत्र के फुलकियां प्रमुख। किले और उसके इतिहास के बारे में बात करते हुए, कर्नल बलबीर सिंह, अध्यक्ष, महा रावल खेवाजी ट्रस्ट, फरीदकोट ने कहा, “पुराने दिनों में, किले की सीमाओं के भीतर आवासीय कॉलोनियां भी मौजूद थीं। जब भी हमला होता था, लोग एक जगह इकट्ठा होते थे और किला उनका रक्षक बन गया। उस समय किला जीवन से भरा हुआ था। धीरे-धीरे वह संस्कृति बदल गई और लोग बाहर निकलने लगे।

आजादी से पहले बराड़ परिवार के अधीन रही फरीदकोट रियासत

ऐतिहासिक किला फरीदकोट

फरीदकोट रियासत का भारत में विलय होने से पहले यहां पर बराड़ परिवार का शासन था। यह परिवार मुगलों और उसके बाद अंग्रेजों के करीब रहा। यही कारण है कि यह रियासत अकूत संपत्ति की मालिक थी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेज हुकुमत को भी रियासत ने कर्ज ही नहीं दिया बल्कि लड़ाई में भाग लेने के लिए सैनिक व सोजो-समान भी मुहैया कराए। इतिहास में दर्ज है कि 1916 में महाराजा बरजिंद्र सिंह ने रियासत का कार्यभार संभाला। महाराजा बरजिंद्र सिंह ने ब्रिटिश सरकार को 17 लाख रुपये कर्ज के रूप में दिए और उनके लिए हथियार, घोड़े, ऊंट तथा 2800 फौजी जवान भी भेजे। महाराजा बरजिंद्र सिंह की इस सहायता से खुश होकर ब्रिटिश सरकार ने सम्मान के रूप में उनको उपाधि भी दी।

फरीदकोट रियासत की वंश परंपरा रियासत के राजा

ऐतिहासिक किला फरीदकोट

राजा हमीरसिंह फरीदकोट नामक रियासत के पहले शासक थे। ऐसा माना जाता है कि यहीं से फरीदकोट रियासत की शुरूआत हुई। यह राव सिद्ध की 20वीं पीढ़ी में तथा राव बराड़ की 13वीं पीढ़ी में हुआ। यह राज परिवार सिख धर्म का अनुयायी बन गया। इसी से सिख जाटों का फरीदकोट पर राज्य शुरू हुआ, जो कि पीढ़ियों से हिंंदुओं के सिद्धू या बराड़ गोत्री जाटों का शासन चला आ रहा था। देश को आजादी मिलने के बाद फरीदकोट रियासत का 15 जुलाई, 1948 भारत में विलय कर फरीदकोट रियासत को खत्म कर दिया गया। जिसके बाद फरीदकोट भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया।

Harpreet Singh

Share
Published by
Harpreet Singh

Recent Posts

Panipat News : मां-बेटे को पुलिस से पंगा लेना पड़ा महंगा, पुलिस ने किया गिरफ्तार 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat News : समालखा थाना की समालखा चौकी पुलिस टीम ने…

3 hours ago

Krishna Bedi’s Taunt On Hooda : हुड्डा पर ली बेदी ने चुटकी, हुड़्डा जी ईवीएम नहीं, डीएससी समाज खड़ा था बीजेपी के साथ

जींद में डीएससी समाज नायब सैनी का करेगा ऐतिहासिक सम्मान समारोह नायब सैनी ने काटा…

3 hours ago

Shrimad Bhagwat Katha : दशहरा ग्राउंड सेक्टर 5 पंचकूला में श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह की तैयारियां तेज, बन रहा भव्य पंडाल

25 नवंबर से 1 दिसंबर तक विश्व विख्यात आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी सुनाएंगी कथा राज्यपाल…

3 hours ago

Panipat News : नशा तस्कर को दस साल की सजा, 1 लाख रुपए जुर्माना

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat News : स्थानीय एक अदालत ने नशा तस्कर को…

4 hours ago