*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** ***
दिनाँक:-29/05/2022, रविवार
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
कर्क
Kark Rashifal 29 May 2022 Cancer horoscope Today: कर्क राशिफल वालों के लिए आज का दिन उत्तम रूप से फलदायक रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार–व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह–कलेश का माहौल रह सकता है।
खुशमिजाज व्यक्तित्व होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति आपसे मित्रता रखने की चेष्टा रखेगा,लेकिन शत्रु अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे व आपके खिलाफ कुछ षड्यंत्र रच सकते हैं। भाई व बहनों से आप मीठी वाणी का प्रयोग करके अपने काफी कामों को निकाल सकते हैं।
भौतिक सुख साधनों पर खर्चा अधिक होगा। रात्रि के समय आपकी किसी आध्यात्मिक व महान पुरुष से भेंट हो सकती है,जिनसे आपको ज्ञान प्राप्त होगा। भौतिक सुख व साधनों पर भी आप कुछ धन खर्च करेंगे। (Kark Rashifal 29 May 2022 Cancer horoscope Today)
तिथि———- चतुर्दशी 14:54:23 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— कृत्तिका 31:11:07
योग———–अतिगंड 22:51:52
करण———– शकुनी 14:54:23
करण———-चतुष्पद 27:54:42
वार———————— रविवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——— मेष 11:14:30
चन्द्र राशि—————— वृषभ
सूर्य राशि——————– वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर)—————- राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———-2078
शाका संवत—————- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:26:04
सूर्यास्त—————- 19:07:23
दिन काल————- 13:41:19
रात्री काल————- 10:18:25
चंद्रोदय————— 05:45:16
चंद्रास्त—————- 18:16:27
लग्न—- वृषभ 13°28′ , 43°28′
सूर्य नक्षत्र—————– रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————- लोहा
*** पद, चरण ***
अ—- कृत्तिका 11:14:30
ई—- कृत्तिका 17:52:16
उ—- कृत्तिका 24:31:10
*** ग्रह गोचर ***
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 13:12 रोहिणी , 2 वा
चन्द्र = मेष 27°23 , कृतिका , 1 अ
बुध =वृषभ 02 ° 07′ कृतिका ‘ 2 ई
शुक्र=मेष 06°05, अश्विनी ‘ 2 चे
मंगल=मीन 08°30 ‘ उoभाo’ 2 थ
गुरु=मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 27°30’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°30 विशाखा , 3 ते
*** मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 17:25 – 19:07 अशुभ
यम घंटा 12:17 – 13:59 अशुभ
गुली काल 15:42 – 17:25 अशुभ
अभिजित 11:49 -12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 17:18 – 18:13 अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:26 – 07:09 अशुभ
चर 07:09 – 08:51 शुभ
लाभ 08:51 – 10:34 शुभ
अमृत 10:34 – 12:17 शुभ
काल 12:17 – 13:59 अशुभ
शुभ 13:59 – 15:42 शुभ
रोग 15:42 – 17:25 अशुभ
उद्वेग 17:25 – 19:07 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 19:07 – 20:25 शुभ
अमृत 20:25 – 21:42 शुभ
चर 21:42 – 22:59 शुभ
रोग 22:59 – 24:17* अशुभ
काल 24:17* – 25:34* अशुभ
लाभ 25:34* – 26:51* शुभ
उद्वेग 26:51* – 28:09* अशुभ
शुभ 28:09* – 29:26* शुभ
होरा, दिन
सूर्य 05:26 – 06:35
शुक्र 06:35 – 07:43
बुध 07:43 – 08:51
चन्द्र 08:51 – 09:59
शनि 09:59 – 11:08
बृहस्पति 11:08 – 12:17
मंगल 12:17 – 13:25
सूर्य 13:25 – 14:34
शुक्र 14:34 – 15:42
बुध 15:42 – 16:51
चन्द्र 16:51 – 17:59
शनि 17:59 – 19:07
होरा, रात
बृहस्पति 19:07 – 19:59
मंगल 19:59 – 20:50
सूर्य 20:50 – 21:42
शुक्र 21:42 – 22:34
बुध 22:34 – 23:25
चन्द्र 23:25 – 24:17
शनि 24:17* – 25:08
बृहस्पति 25:08* – 25:59
मंगल 25:59* – 26:51
सूर्य 26:51* – 27:43
शुक्र 27:43* – 28:34
बुध 28:34* – 29:26
*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***
वृषभ > 03:54 से 05:52 तक
मिथुन > 05:52 से 08:05 तक
कर्क > 08:05 से 10:22 तक
सिंह > 10:22 से 12:30 तक
कन्या > 12:30 से 14:46 तक
तुला > 14:46 से 17:01 तक
वृश्चिक > 17:01 से 19:22 तक
धनु > 19:22 से 21:22 तक
मकर > 21:22 से 23:08 तक
कुम्भ > 11:08 से 00:41 तक
मीन > 00:41 से 02:07 तक
मेष > 02:07 से 03:54 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 14 + 1 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 =0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
*** विशेष जानकारी ***
* श्री शशिमोहन दास त्रिरोभाव दिवस
* फलहारिणी कालिका पूजा (बंगाल)
*चौधरी चरणसिंह पुण्य तिथि
*मुनि शान्तिनाथ जयन्ती
*** शुभ विचार ***
अग्निहोत्रं विना वेदाः न च दानं विना क्रियाः ।
न भावेनविना सिध्दिस्तस्माद्भावो हि कारणम् ।।
।।चा o नी o।।
यह बाते बेकार है. वेद मंत्रो का उच्चारण करना लेकिन निहित यज्ञ कर्मो को ना करना. यज्ञ करना लेकिन बाद में लोगो को दान दे कर तृप्त ना करना. पूर्णता तो भक्ति से ही आती है. भक्ति ही सभी सफलताओ का मूल है.
*** सुभाषितानि ***
गीता -: दैवासुरसम्पद्विभागयोग अo-16
एतैर्विमुक्तः कौन्तेय तमोद्वारैस्त्रिभिर्नरः।,
आचरत्यात्मनः श्रेयस्ततो याति परां गतिम्॥,
हे अर्जुन! इन तीनों नरक के द्वारों से मुक्त पुरुष अपने कल्याण का आचरण करता है (अपने उद्धार के लिए भगवदाज्ञानुसार बरतना ही ‘अपने कल्याण का आचरण करना’ है), इससे वह परमगति को जाता है अर्थात् मुझको प्राप्त हो जाता है॥,22॥,
*** आपका दिन मंगलमय हो***
*** *** *** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
Kark Rashifal 29 May 2022 Cancer horoscope Today
यह भी पढ़ें: सिंह राशिफल 29 मई 2022
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Postal Department : डाक विभाग द्वारा आम व्यक्ति को डाकघर…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Election Result On EC Website : विधानसभा आम चुनाव 2024 के…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Martyr Mahendra Singh : जिला के गांव लावण निवासी लगभग…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Election Counting : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कल…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Accident In Bhiwani : भिवानी जिला के गांव बलियाली में…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Rewari News : रेवाड़ी जिले के गांव गुरावड़ा में एक…