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Bhadrakali Shaktipeeth Temple : जानें कुरुक्षेत्र के श्रीदेवी कूप भद्रकाली मंदिर का इतिहास

  • इस शक्तिपीठ में देवी सती का दाए पैर का गिरा था टखना

India News (इंडिया न्यूज) Bhadrakali Shaktipeeth Temple, चंडीगढ़ : भारत में 51 शक्तिपीठ, इनका सभी का अलग महत्व है। इन्हीं शक्तिपीठ में से एक शक्तिपीठ हैं कुरुक्षेत्र का श्रीदेवी कूप भद्रकाली मंदिर। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस भद्रकाली शक्तिपीठ में देवी सती का दाए पैर का टखना यानि घुटने के नीचे का भाग गिरा था।

बता दें कि उक्त भद्रकाली मंदिर मां काली को समर्पित है। इसी कारण मंदिर में मा काली की प्रतिमा स्थापित है। भद्रकाली शक्ति पीठ सावत्री पीठ के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर में जैसे ही श्रद्धालु प्रवेश करेंगे तो बड़ा कमल का फूल बना हुआ दिखाई देगा। इसमें ही मां सती के दायें पैर का टखना स्थापित है जोकि सफेद संगमरमर से बना हुआ है।

श्रीकृष्ण और बलराम का भी यहीं हुआ था मुंडन, पांडवों ने चढ़ाए थे यहां घोड़े

बताया जाता है कि इस भद्रकाली शक्तिपीठ में श्रीकृष्ण व बलराम का मुंडन भी हुआ था। इतना ही नहीं, महाभारत युद्ध में भी विजय का आशीर्वाद लेने पांडव श्रीकृष्ण के साथ यहां पहुंचे थे और मन्नत पूरी होने के बाद पांडवों ने मंदिर में आकर घोड़े भी दान किए थे। जब से पांडवों ने यहां घोड़े दान किए हैं तभी से घोड़े दान करने की प्रथा चलती आ रही है।

ये है मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किए यज्ञ में अपने प्राण त्याग दिए थे। जैस ही प्रभु शंकर को इस बारे में पता चला और वे क्रोधित हो गए और देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे  ब्रह्मांड का चक्कर लगाने लगे। इस दौरान भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था। इस दौरान ही सती का दाया टखना कुरुक्षेत्र की धरा पर एक कुएं में गिरा था, इसीकारण ही इस मंदिर को श्री देवीकूप मंदिर भी कहा जाता है।

जानें शक्तिपीठों के बारे में

देवी के प्रसिद्ध और पावन मंदिरों में 52 शक्तिपीठ शामिल हैं। वैसे तो 51 शक्तिपीठ माने जाते हैं पर तंत्र चूड़ामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। इन शक्तिपीठों के अस्तित्व में आने के पीछे एक खास वजह है। पौराणिक कथा को मानें तो भगवान शिव की पहली पत्नी सती ने अपने पिता राजा दक्ष की मर्जी के बिना भोलेनाथ से विवाह किया था जिस कारण वे काफी नाराज थे।

देवी मां के शक्तिपीठों की पूरी सूची

1. मणिकर्णिका घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
2. रामगिरी, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश।
3. वृंदावन में उमा शक्तिपीठ (कात्यायनी शक्तिपीठ)।
4. देवी पाटन मंदिर, बलरामपुर।
5. माता ललिता देवी शक्तिपीठ, प्रयागराज।
6. हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ, मध्य प्रदेश।
7. मणिबंध शक्तिपीठ, अजमेर के पुष्कर में।
8. शोणदेव नर्मता शक्तिपीठ, अमरकंटक, मध्यप्रदेश।
9. नैना देवी मंदिर, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
10. ज्वाला जी शक्तिपीठ, कांगड़ा, हिमाचल।
11. त्रिपुरमालिनी माता शक्तिपीठ,जालंधर, पंजाब।
12. महामाया शक्तिपीठ, अमरनाथ के पहलगांव, कश्मीर।
13. माता सावित्री का शक्तिपीठ, कुरुक्षेत्र, हरियाणा।
14. मां भद्रकाली देवीकूप मंदिर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा।
14. माता के भ्रामरी स्वरूप का शक्तिपीठ, महाराष्ट्र।
16 .बिरात, मां अंबिका का शक्तिपीठ राजस्थान।
16. अंबाजी मंदिर शक्तिपीठ- गुजरात।
16. मां चंद्रभागा शक्तिपीठ, जूनागढ़, गुजरात।
19- भ्रामरी देवी शक्तिपीठ जलपाइगुड़ी, बंगाल।
20. नंदीपुर शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल।
21. माताबाढ़ी पर्वत शिखर शक्तिपीठ, त्रिपुरा।
22.देवी कपालिनी का मंदिर, पूर्व मेदिनीपुर जिला, पश्चिम बंगाल।
23. माता देवी कुमारी शक्तिपीठ, रत्नावली, बंगाल।
24- माता विमला का शक्तिपीठ, मुर्शीदाबाद, बंगाल।
25. सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ, आंध्र प्रदेश।
26. बहुला देवी शक्तिपीठ- वर्धमान, बंगाल।
27. मंगल चंद्रिका माता शक्तिपीठ, वर्धमान, बंगाल।
28. मां महिषमर्दिनी का शक्तिपीठ, वक्रेश्वर, पश्चिम बंगाल।
29. नलहाटी शक्तिपीठ, बीरभूम, बंगाल।
30. फुल्लारा देवी शक्तिपीठ, अट्टहास, पश्चिम बंगाल।
31. युगाधा शक्तिपीठ- वर्धमान, बंगाल।
32. कलिका देवी शक्तिपीठ, बंगाल।
33. कांची देवगर्भ शक्तिपीठ, कांची, पश्चिम बंगाल।
34. भद्रकाली शक्तिपीठ, तमिलनाडु।
35. शुचि शक्तिपीठ, कन्याकुमारी, तमिलनाडु।
36. विमला देवी शक्तिपीठ, उत्कल, उड़ीसा।
37. गुहेश्वरी शक्तिपीठ, नेपाल।
38. आद्या शक्तिपीठ, नेपाल।
39.दंतकाली शक्तिपीठ- नेपाल।
40. हिंगुला शक्तिपीठ-पाकिस्तान।
41. श्रीशैलम शक्तिपीठ, कुर्नूर, आंध्र प्रदेश।
42. कर्नाट शक्तिपीठ, कर्नाटक।
43. कामाख्या शक्तपीठ, गुवाहाटी, असम।
44. मिथिला शक्तिपीठ, – भारत नेपाल सीमा।
45. चट्टल भवानी शक्तिपीठ, बांग्लादेश।
46. सुगंधा शक्तिपीठ, बांग्लादेश।
47. जयंती शक्तिपीठ, बांग्लादेश।
48. श्रीशैल महालक्ष्मी, बांग्लादेश।
49. यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ, बांग्लादेश।
50. इन्द्राक्षी शक्तिपीठ, श्रीलंका।
51. मनसा शक्तिपीठ, तिब्बत।

यह भी पढ़ें : Somvati Amavasya 2024 : साल 2024 की पहली चैत्र कृष्ण अमावस्या 8 अप्रैल को

Amit Sood

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