***|| जय श्री राधे ||***
महर्षि पाराशर पंचांग
अथ पंचांगम्
****ll जय श्री राधे ll****
?? दैनिक राशिफल ??
दिनाँक-: 14/03/2022,सोमवार
आय में वृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।
एकादशी, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि—— एकादशी 12:04:58 तक
पक्ष———————- शुक्ल
नक्षत्र———– पुष्य 22:06:41
योग——— अतिगंड 28:12:36
करण—– विष्टि भद्र 12:04:58
करण———- बव 24:43:09
वार——————— सोमवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि—————- कर्क
सूर्य राशि—— कुम्भ 24:15:03
सूर्य राशि——————-मीन
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————- प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————-आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943
वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:31:20
सूर्यास्त—————18:25:48
दिन काल———– 11:54:28
रात्री काल———– 12:04:25
चंद्रोदय—————14:42:29
चंद्रास्त————– 28:49:20
लग्न—-कुम्भ 29°16′ , 329°16′
सूर्य नक्षत्र——— पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——————पुष्य
नक्षत्र पाया—————–रजत
??? पद, चरण ???
हे —- पुष्य 09:10:04
हो—- पुष्य 15:39:31
ड—- पुष्य 22:06:41
डी—- आश्लेषा 28:31:32
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 29:12 ‘पू o भा o , 3 दा
चन्द्र =कर्क 08°23, पुष्य , 2 हे
बुध = कुम्भ 12 ° 07 ‘ शतभिषा ‘ 2 सा
शुक्र=मकर 12°05, श्रवण ‘ 1 खी
मंगल=मकर 11°30 ‘ श्रवण ‘ 1 खी
गुरु=कुम्भ 22°30 ‘ पू o भा o, 1 से
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°40’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°40 विशाखा , 4 तो
मुहूर्त प्रकरण
राहू काल 08:01 – 09:30 अशुभ
यम घंटा 10:59 – 12:29 अशुभ
गुली काल 13:58 – 15:27
अभिजित 12:05 -12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:40 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:15 – 16:03 अशुभ
?गंड मूल 22:07 – अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
अमृत 06:31 – 08:01 शुभ
काल 08:01 – 09:30 अशुभ
शुभ 09:30 – 10:59 शुभ
रोग 10:59 – 12:29 अशुभ
उद्वेग 12:29 – 13:58 अशुभ
चर 13:58 – 15:27 शुभ
लाभ 15:27 – 16:57 शुभ
अमृत 16:57 – 18:26 शुभ
?चोघडिया, रात
चर 18:26 – 19:56 शुभ
रोग 19:56 – 21:27 अशुभ
काल 21:27 – 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 – 24:28* शुभ
उद्वेग 24:28* – 25:59* अशुभ
शुभ 25:59* – 27:29* शुभ
अमृत 27:29* – 28:59* शुभ
चर 28:59* – 30:30* शुभ
?होरा, दिन
चन्द्र 06:31 – 07:31
शनि 07:31 – 08:30
बृहस्पति 08:30 – 09:30
मंगल 09:30 – 10:29
सूर्य 10:29 – 11:29
शुक्र 11:29 – 12:29
बुध 12:29 – 13:28
चन्द्र 13:28 – 14:28
शनि 14:28 – 15:27
बृहस्पति 15:27 – 16:27
मंगल 16:27 – 17:26
सूर्य 17:26 – 18:26
?होरा, रात
शुक्र 18:26 – 19:26
बुध 19:26 – 20:27
चन्द्र 20:27 – 21:27
शनि 21:27 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:28
मंगल 23:28 – 24:28
सूर्य 24:28* – 25:28
शुक्र 25:28* – 26:29
बुध 26:29* – 27:29
चन्द्र 27:29* – 28:29
शनि 28:29* – 29:30
बृहस्पति 29:30* – 30:30
?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??
कुम्भ > 05:12 से 06:38 तक
मीन > 06:38 से 08:09 तक
मेष > 08:13 से 10:52 तक
वृषभ > 10:52 से 12:33 तक
मिथुन > 12:33 से 13:57 तक
कर्क > 13:57 से 16:17 तक
सिंह > 16:17 से 17:23 तक
कन्या > 17:23 से 08:33 तक
तुला > 08:33 से 11:04 तक
वृश्चिक > 11:04 से 02:16 तक
धनु > 02:16 से 03:20 तक
मकर > 03:20 से 05:12 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
11 + 2 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
? शिव वास एवं फल -:
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 12:04 तक समाप्त
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
?? विशेष जानकारी ??
* आँवलकी एकादशी व्रत (सर्वेषां)
* रंगभरी एकादशी (वृन्दावन) होली
* सर्वार्थसिद्धि योग 27:02 तक
शुभ विचार
अपुत्रस्य गृहं शून्यं दिशः शुन्यास्त्वबांधवाः ।
मूर्खस्य हृदयं शून्यं सर्वशून्या दरिद्रता ।।
।।चा o नी o।।
जिस व्यक्ति के पुत्र नहीं है उसका घर उजाड़ है. जिसे कोई सम्बन्धी नहीं है उसकी सभी दिशाए उजाड़ है. मुर्ख व्यक्ति का ह्रदय उजाड़ है. निर्धन व्यक्ति का सब कुछ उजाड़ है.
सुभाषितानि
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13
समं पश्यन्हि सर्वत्र समवस्थितमीश्वरम् ।,
न हिनस्त्यात्मनात्मानं ततो याति परां गतिम् ॥,
क्योंकि जो पुरुष सबमें समभाव से स्थित परमेश्वर को समान देखता हुआ अपने द्वारा अपने को नष्ट नहीं करता, इससे वह परम गति को प्राप्त होता है॥,28॥,
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण, ज्योतिष एवं पुराणाचार्य)
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हरियाणा में जहाँ तक तड़के सुबह मौसम बिलकुल साफ था वहीँ अचानक से हरियाणा में…
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद से ही हरियाणा में…
हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद से ही हरियाणा का एक अलग ही माहौल…