इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।
भारत तीज त्यौहारों का देश हैं। यहां भांति भांति धर्म के लोग रहते हैं। बता दें कि आज हनुमान जयंती है जिसके पावन अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अनुपम उपहार दिया। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। देश में इस प्रतिमा से पहले भी कई प्रतिमाएं हैं जिनकी ऊंचाई 100 मीटर से ज्यादा है। बात करें तो भारत में हनुमानजी की कई प्रतिमाएं हैं। हर तीन या चार साल बाद ऊंची प्रतिमा का रिकॉर्ड टूट जाता है। 100 फीट से ज्यादा की प्रतिमाएं तो देश में अनेक हैं। आज आपकों बताते हैं कि देश में हनुमान जी की बड़ी प्रतिमाएं किस किस राज्य में हैं
अमृतसर (पंजाब) के रामतीर्थ में हनुमान की 80 फुट की प्रतिमा स्थापित है। यह मूर्ति मुख्य अमृतसर शहर से मात्र 12 किलोमीटर दूर रामतीर्थ मंदिर वाल्मीकि परिसर में स्थित है। मान्यता है कि यहां महार्षि वाल्मीकि जी का आश्रम था। इसी आश्रम में सीता माता रुकी थी और लव-कुश का जन्म भी यहीं पर हुआ था। इस स्थान पर रामतीर्थ सरोवर भी स्थित है।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा (सिमरिया कलां) में हनुमान जी की 101 फीट ऊंची प्रतिमा है। मूर्ति को नेशनल हाईवे से देखा जा सकता है। यह मंदिर परिसर 5 एकड़ में फैला हुआ है। इस मूर्ति को बनाने के लिए राजस्थान से कारीगरों को बुलाया गया था।
भगवान हनुमान जी की 105 फीट ऊंची प्रतिमा महाराष्ट्र के नंदुरा में स्थित है। मूृर्ति की लंबाई 32 मीटर है। इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति बताया जा रहा है। हनुमान जी का सीना 70 फीट और गदा 30 फीट की है। नंदुरा एक छोटा सा कस्बा है। यह बुलढाणा में आता है। बुलढाणा मशहूर तीर्थ शेगांव से 50 किलोमीटर दूर है। नंदुरा शेगांव से जलगांव की तरफ जाते हुए आता है। यह मूर्ति नेशनल हाईवे से ही नजर आ जाती है। शेगांव मुंबई-कोलकाता हाईवे से जुड़ा है।
दिल्ली में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति है। यह मूर्ति करोलबाग मेट्रो स्टेशन के नजदीक स्थित है। बताया जाता है कि काफी समय पहले एक संत यहां आए थे। उन्होंने ही भगवान श्रीराम के आदेशानुसार यहां भगवान की प्रतिमा और मंदिर का निर्माण आरंभ करवाया था। मंदिर का निर्माण 1994 में शुरू हुआ था। 13 साल तक मंदिर बनने का कार्य चलता रहा। 2 अप्रैल 2007 को मंदिर का निर्माण संपूर्ण हुआ था।
हिमाचल के जाखू में हनुमान की 33 मीटर ऊंची मूर्ति स्थित है। इस मूर्ति को एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति भी कहा जाता है। इस मूर्ति की ऊंचाई 108 फीट बताई जाती है। जाखू मंदिर शिमला में स्थित है। यह मंदिर 2296 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मूर्ति की स्थापना 2010 में एचसी नंदा न्यास की तरफ से करवाई गई थी। मूर्ति के लोकार्पण के समय अभिषेक बच्चन और उनकी बहन श्वेता बच्चन नंदा मौजूद रही।
आंध्रप्रदेश में हनुमान जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है। इस मूर्ति को वीरा अभया अंजनया हनुमान स्वामी कहा जाता है। मूर्ति की ऊंचाई 41 मीटर यानि 135 फीट है। यह आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में मौजूद है। परितला में इस मूर्ति की स्थापना 2003 में की गई थी। हनुमान जी की यह मूर्ति ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में स्थापित क्राइस्ट की मूर्ति से भी बड़ी है।
इंदौर म्के पितृ पर्वत पर भगवान हनुमान की 71 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा का वजन 108 टन है। इस मूर्ति के निर्माण में सोना, चांदी, प्लेटिनम, पारा, एंटीमनी, जस्ता, सीसा और रांगा का प्रयोग किया गया है। इस मूर्ति को ग्वालियर में बनाया गया था। जिसके बाद कई भागों में इस मूर्ति को यहां लाकर स्थापित किया गया। हनुमान जी के ऊपर 18 फीट गोलाकार छत्र लगा है। मूर्ति के सामने पंच धातु से निर्मित 9 बाइ 19 फुट की रामायण स्थापित की गई है। इसकी स्थापना के लिए 121 बाइ 121 फुट का चबूतरा बनाया गया है। अन्य मूर्तियां खड़े हुए हनुमान जी की है। वहीं यह मूर्ति विराजमान अवस्था में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी धातु की प्रतिमा है।
आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के नरसन्नापेटा मंडल में विराजित हनुमान मूर्ति की ऊंचाई 175 फुट से भी ऊंची बताई जाती है। इससे भी बड़ी प्रतिमा का राजस्थान के सिरोही जिले के माधव विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण चल रहा है जिसकी ऊंचाई 221 फुट होने का दावा किया जाता है।