India News (इंडिया न्यूज़), Maha Shivratri 2024 Puja : देवों के देव महादेव और माता पार्वती का शुभ विवाह महाशिवरात्री का पर्व 8 मार्च को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस साल शिवरात्रि की पूजा संपूर्ण विधि विधान के साथ करने पर भक्तों को मनचाहा फल प्राप्त होगा। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के साथ चतुर्दशी तिथि का सहयोग बना रहा है। ऐसे में भगवान शिव की आराधना करना काफी फलदायी होने वाला है।
जी हां, इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जा रही है। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च को शाम 9:57 बजे से शुरू होगा और अगले दिन 9 मार्च को 09:17 मिनट पर समाप्त होगा। शिवजी की पूजा प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व बताया गया है। शिव पूजा के लिए शाम 6:25 मिनट से रात 9:28 मिनट तक का मुहूर्त सबसे शुभ है। .
पानी वाला नारियल, 1 रक्षासूत्र, 5 या 11 मिट्टी के दीपक, पीली सरसों, कुश का आसन, पंचमेवा, फल, मिठाई, गन्ने का रस, इलायची, अखंडित अक्षत, तिल, जौ, चंदन, रुद्राक्ष, कुमकुम, भस्म, केसर, सिंदूर, धूप, बत्ती, घी, शक्कर, दूध, दही, गंगाजल, मधु, गुड़, कपूर, पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची, वस्त्र, 16 श्रृंगार या सुहाग की सामग्री, बेलपत्र, फूल, शमी के पत्ते, भांग, धतूरा, आम का पत्ता, माचिस, आरती और चालीसा की पुस्तक, दान सामग्री, हवन सामग्री आदि।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने की विधि की बात करें तो इस दिन आप भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करें। इसके साथ ही आप गाय के दूध या फिर गन्ने के रस से भी अभिषेक कर सकते हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए पूजन में बेलपत्र, धतूरा के फूल, भांग, शमी का पुष्प व पत्र, कलवा, फल मिष्ठान आदि चढ़ाई जाएंगे। साथ ही अक्षत तेल के साथ नील सफेद और पीले पुष्प भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय होते हैं।
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