Mata Mansa Devi Temple Panchkula : श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करती है श्री माता मनसा देवी

  • 26 सितम्बर से 04 अक्तूबर तक लगेगा अश्विन नवरात्र मेला

रमेश गोयत, Haryana News (Mata Mansa Devi Temple Panchkula): हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वतमालाओं की गोद में सिन्धुवन के अंतिम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित, मनोरम एवं शांति वातावरण में माता मनसा देवी का मंदिर (Mata Mansa Devi Temple Panchkula) स्थित है। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिनों तक माता मनसा देवी के भवन में पहुंचकर पूजा करता है तो माता मनसा उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। श्री माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।

मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं

बता दें कि श्री माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्रीमाता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना अन्य सिद्ध शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ, इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्ध पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्ध पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए।

श्रीमाता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी और पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिद की।

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महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरुद्ध भी है। अन्त में विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन चल रहा था।

Mata Mansa Devi Temple Panchkula

यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी-देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। जिस कारण आत्म-सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में भेंट कर दिया। जैसे ही इस बारे में शिवजी ने सुना तो वे बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।

भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रह्मा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई। शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा।

देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी शक्ति पीठ बना

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मंदिर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरुक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबन्ध

जिला प्रशासन ने 4 अक्तूबर तक लगने वाले माता मनसा देवी पर नवरात्रों पर मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखनें व यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए कडेÞ सुरक्षा के प्रबंध किए है। मेले की हर गतिविधि कैमरे में कैद की जा रही है। सुरक्षा को लेकर 15 पुलिस नाके लगाए गए हैं। मेले की सुरक्षा को देखते हुए करीब 800 पुलिस कर्मचारी तैनात होंगे। सभी नाकों पर 24 घंटे पुलिस कर्मी मौजूद रहेंगे।

इसके अलावा माता मनसा देवी मेले में श्रद्धालुओं को होने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए एक सहायता केंद्र भी बनाया गया है, जहां पुलिस कर्मचारी पुरुष व महिला कर्मचारी तैनात किए गए हैं। माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एवं उपायुक्त महाबीर कौशिक ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई बार बैठकें आयोजित कर किए गए प्रबंधों की गहन रूचि लेकर समीक्षा भी की, ताकि देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने आने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

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