***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
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?? दैनिक राशिफल ??
दिनाँक-: 15/03/2022, मंगलवार
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे लेकिन थोड़ी थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।
द्वादशी, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि——- द्वादशी 13:11:36 तक
पक्ष———————- शुक्ल
नक्षत्र—— आश्लेषा 23:31:54
योग——— सुकर्मा 27:39:26
करण——— बालव 13:11:36
करण———कौलव 25:30:12
वार———————मंगलवार
माह——————– फाल्गुन
चन्द्र राशि ——– कर्क23:31:54
चन्द्र राशि ——————— सिंह
सूर्य राशि——————–मीन
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)———— आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943
वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:30:14
सूर्यास्त————- 18:26:21
दिन काल ————–11:56:07
रात्री काल———–12:02:45
चंद्रोदय————–15:40:44
चंद्रास्त————– 29:27:23
लग्न—-मीन 0°16′ , 330°16′
सूर्य नक्षत्र———-पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– आश्लेषा
नक्षत्र पाया—————–रजत
??? पद, चरण ???
डू—- आश्लेषा 10:54:01
डे—- आश्लेषा 17:14:08
डो—- आश्लेषा 23:31:54
मा—- मघा 29:47:17
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 00:12 ‘पू o भा o , 4 दी
चन्द्र =कर्क 21°23, अश्लेषा , 2 डू
बुध = कुम्भ 13 ° 07 ‘ शतभिषा ‘ 3 सी
शुक्र=मकर 13°05, श्रवण ‘ 2 खू
मंगल=मकर 12°30 ‘ श्रवण ‘ 1 खी
गुरु=कुम्भ 22°30 ‘ पू o भा o, 1 से
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°30’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°3विशाखा , 4 तो
??? मुहूर्त प्रकरण ???
राहू काल 15:27 – 16:57 अशुभ
यम घंटा 09:29 – 10:59 अशुभ
गुली काल 12:28 – 13:58 अशुभ
अभिजित 12:04 -12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 08:53 – 09:41 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:16 – 24:04* अशुभ
?गंड मूल अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
रोग 06:30 – 07:59 अशुभ
उद्वेग 07:59 – 09:29 अशुभ
चर 09:29 – 10:59 शुभ
लाभ 10:59 – 12:28 शुभ
अमृत 12:28 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:27 अशुभ
शुभ 15:27 – 16:57 शुभ
रोग 16:57 – 18:26 अशुभ
?चोघडिया, रात
काल 18:26 – 19:57 अशुभ
लाभ 19:57 – 21:27 शुभ
उद्वेग 21:27 – 22:57 अशुभ
शुभ 22:57 – 24:28* शुभ
अमृत 24:28* – 25:58* शुभ
चर 25:58* – 27:28* शुभ
रोग 27:28* – 28:59* अशुभ
काल 28:59* – 30:29* अशुभ
?होरा, दिन
मंगल 06:30 – 07:30
सूर्य 07:30 – 08:30
शुक्र 08:30 – 09:29
बुध 09:29 – 10:29
चन्द्र 10:29 – 11:29
शनि 11:29 – 12:28
बृहस्पति 12:28 – 13:28
मंगल 13:28 – 14:28
सूर्य 14:28 – 15:27
शुक्र 15:27 – 16:27
बुध 16:27 – 17:27
चन्द्र 17:27 – 18:26
?होरा, रात
शनि 18:26 – 19:27
बृहस्पति 19:27 – 20:27
मंगल 20:27 – 21:27
सूर्य 21:27 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:28
बुध 23:28 – 24:28
चन्द्र 24:28* – 25:28
शनि 25:28* – 26:28
बृहस्पति 26:28* – 27:28
मंगल 27:28* – 28:29
सूर्य 28:29* – 29:29
शुक्र 29:29* – 30:29
?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??
कुम्भ > 05:06 से 06:34 तक
मीन > 06:34 से 08:05 तक
मेष > 08:05 से 10:48 तक
वृषभ > 10:48 से 12:29 तक
मिथुन > 12:29 से 13:53 तक
कर्क > 13:53 से 16:13 तक
सिंह > 16:13 से 17:17 तक
कन्या > 17:17 से 08:29 तक
तुला > 08:29 से 11:00 तक
वृश्चिक > 11:00 से 02:12 तक
धनु > 02:12 से 03:16 तक
मकर > 03:16 से 05:06 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
12 + 3 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
? शिव वास एवं फल -:
12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
* गोविन्द द्वादशी
* भौम प्रदोष व्रत (शिवपूजन)
*सर्वार्थसिद्धि योग 23:32 तक
* विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस
* खाटू श्याम मेला पूर्ण
??? शुभ विचार ???
अनभ्यासे विषं शास्त्रमजीर्णे भोजनं विषम् ।
दरिद्रस्य विषं गोष्ठी वृध्दस्य तरुणी विषम् ।।
।।चा o नी o।।
जिस अध्यात्मिक सीख का आचरण नहीं किया जाता वह जहर है. जिसका पेट ख़राब है उसके लिए भोजन जहर है. निर्धन व्यक्ति के लिए लोगो का किसी सामाजिक या व्यक्तिगत कार्यक्रम में एकत्र होना जहर है.
??? सुभाषितानि ???
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13
प्रकृत्यैव च कर्माणि क्रियमाणानि सर्वशः ।,
यः पश्यति तथात्मानमकर्तारं स पश्यति ॥,
और जो पुरुष सम्पूर्ण कर्मों को सब प्रकार से प्रकृति द्वारा ही किए जाते हुए देखता है और आत्मा को अकर्ता देखता है, वही यथार्थ देखता है॥,29।।
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण, ज्योतिष एवं पुराणाचार्य)