***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
??????????
दैनिक राशिफल
दिनाँक-: 16/3/2022, बुधवार
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अच्छे लोगों से भेंट होगी जो आपके हितचिंतक रहेंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी। नौकरी में पदोन्नाति के योग हैं। आलस्य से बचकर रहें। परिवार की मदद मिलेगी।
त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””( समाप्ति काल)
तिथि—— त्रयोदशी 13:39:07 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र———– मघा 24:19:43
योग———— धृति 26:36:38
करण——– तैतुल 13:39:07
करण———– गर 25:38:40
वार——————– बुधवार
माह———————फाल्गुन
चन्द्र राशि ——————— सिंह
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————–वसन्त
आयन ———————उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————-आनंद
विक्रम संवत————–2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत—————1943
वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:29:07
सूर्यास्त————- 18:26:54
दिन काल———– 11:57:46
रात्री काल———– 12:01:06
चंद्रोदय————- 16:39:34
चंद्रास्त————– 30:02:33
लग्न—-मीन 1°15′ , 331°15′
सूर्य नक्षत्र——— पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——————-मघा
नक्षत्र पाया—————–रजत
??? पद, चरण ???
मी—- मघा 12:00:22
मू—- मघा 18:11:09
मे—- मघा 24:19:43
मो—- पूर्वाफाल्गुनी 30:26:06
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 01:12 ‘पू o भा o , 4 दी
चन्द्र =सिंह 03°23, मघा , 2 मी
बुध = कुम्भ 15 ° 07 ‘ शतभिषा ‘ 3 सी
शुक्र=मकर 14°05, श्रवण ‘ 2 खू
मंगल=मकर 14°30 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
गुरु=कुम्भ 23°30 ‘ पू o भा o, 1 से
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°30’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°30 विशाखा , 4 तो
??? मुहूर्त प्रकरण ???
राहू काल 12:28 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 07:59 – 09:29 अशुभ
गुली काल 10:58 – 12:28 अशुभ
अभिजित 12:04 -12:52 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:04 – 12:52 अशुभ
?गंड मूल 06:29 – 24:20* अशुभ
?चोघडिया, दिन
लाभ 06:29 – 07:59 शुभ
अमृत 07:59 – 09:29 शुभ
काल 09:29 – 10:58 अशुभ
शुभ 10:58 – 12:28 शुभ
रोग 12:28 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:27 अशुभ
चर 15:27 – 16:57 शुभ
लाभ 16:57 – 18:27 शुभ
?चोघडिया, रात
उद्वेग 18:27 – 19:57 अशुभ
शुभ 19:57 – 21:27 शुभ
अमृत 21:27 – 22:57 शुभ
चर 22:57 – 24:27* शुभ
रोग 24:27* – 25:58* अशुभ
काल 25:58* – 27:28* अशुभ
लाभ 27:28* – 28:58* शुभ
उद्वेग 28:58* – 30:28* अशुभ
?होरा, दिन
बुध 06:29 – 07:29
चन्द्र 07:29 – 08:29
शनि 08:29 – 09:29
बृहस्पति 09:29 – 10:28
मंगल 10:28 – 11:28
सूर्य 11:28 – 12:28
शुक्र 12:28 – 13:28
बुध 13:28 – 14:28
चन्द्र 14:28 – 15:27
शनि 15:27 – 16:27
बृहस्पति 16:27 – 17:27
मंगल 17:27 – 18:27
?होरा, रात
सूर्य 18:27 – 19:27
शुक्र 19:27 – 20:27
बुध 20:27 – 21:27
चन्द्र 21:27 – 22:27
शनि 22:27 – 23:27
बृहस्पति 23:27 – 24:27
मंगल 24:27* – 25:28
सूर्य 25:28* – 26:28
शुक्र 26:28* – 27:28
बुध 27:28* – 28:28
चन्द्र 28:28* – 29:28
शनि 29:28* – 30:28
?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??
कुम्भ > 05:02 से 06:30 तक
मीन > 06:30 से 08:01 तक
मेष > 08:01 से 10:44 तक
वृषभ > 10:44 से 12:25 तक
मिथुन > 12:25 से 13:49 तक
कर्क > 13:49 से 16:09 तक
सिंह > 16:09 से 17:13 तक
कन्या > 17:13 से 08:25 तक
तुला > 08:25 से 10:56 तक
वृश्चिक > 10:56 से 02:08 तक
धनु > 02:08 से 03:12 तक
मकर > 03:12 से 05:02 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो त पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
13 + 4 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
? शिव वास एवं फल -:
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
* नंद त्रयोदशी
??? शुभ विचार ???
त्यजेध्दर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत् ।
त्यजेत्क्रोधमुखीं भार्यान्निः स्नेहानबंधवांस्त्यजेत् ।।
।।चा o नी o।।
जिस व्यक्ति के पास धर्म और दया नहीं है उसे दूर करो. जिस गुरु के पास अध्यात्मिक ज्ञान नहीं है उसे दूर करो. जिस पत्नी के चेहरे पर हरदम घृणा है उसे दूर करो. जिन रिश्तेदारों के पास प्रेम नहीं उन्हें दूर करो.
??? सुभाषितानि ???
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13
यदा भूतपृथग्भावमेकस्थमनुपश्यति ।,
तत एव च विस्तारं ब्रह्म सम्पद्यते तदा ॥,
जिस क्षण यह पुरुष भूतों के पृथक-पृथक भाव को एक परमात्मा में ही स्थित तथा उस परमात्मा से ही सम्पूर्ण भूतों का विस्तार देखता है, उसी क्षण वह सच्चिदानन्दघन ब्रह्म को प्राप्त हो जाता है॥,30॥,
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण, ज्योतिष एवं पुराणाचार्य)