***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक-: 09/03/2022, बुधवार
?? दैनिक राशिफल ??
मेष राशिफल के लोगों के लिए आज मानसिक शांति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के कार्य भी सभी मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
सप्तमी, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि——– सप्तमी 26:56:02 तक
पक्ष———————- शुक्ल
नक्षत्र——- कृत्तिका 08:30:08
योग——- विश्कुम्भ 25:14:07
करण———— गर 13:40:46
करण——- वणिज 26:56:02
वार———————- बुधवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि ———————-वृषभ
सूर्य राशि—————— कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन———————वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————-आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943
वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:36:46
सूर्यास्त————– 18:23:02
दिन काल———– 11:46:15
रात्री काल———– 12:12:40
चंद्रोदय————- 10:35:08
चंद्रास्त————– 24:44:32
लग्न—- कुम्भ 24°16′ , 324°16′
सूर्य नक्षत्र———-पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– कृत्तिका
नक्षत्र पाया—————-लोहा
??? पद, चरण ???
ए—- कृत्तिका 08:30:08
ओ—- रोहिणी 15:13:21
वा—- रोहिणी 21:57:42
वी—- रोहिणी 28:42:58
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 24:12 ‘पू o भा o , 2 सो
चन्द्र =वृषभ 09°23, कृतिका , 4 ए
बुध = कुम्भ 04 ° 07 ‘ धनिष्ठा ‘ 4 गे
शुक्र=मकर 08°05, उ oषा o ‘ 4 जी
मंगल=मकर 05°30 ‘ उ o षा o ‘ 4 जी
गुरु=कुम्भ 20°30 ‘ पू o भा o, 1 से
शनि=मकर 24°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°50’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°50 विशाखा , 4 तो
??? मुहूर्त प्रकरण ???
राहू काल 12:30 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 08:05 – 09:33 अशुभ
गुली काल 11:02 – 12:30 अशुभ
अभिजित 12:06 -12:53 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:06 – 12:53 अशुभ
?चोघडिया, दिन
लाभ 06:37 – 08:05 शुभ
अमृत 08:05 – 09:33 शुभ
काल 09:33 – 11:02 अशुभ
शुभ 11:02 – 12:30 शुभ
रोग 12:30 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:26 अशुभ
चर 15:26 – 16:55 शुभ
लाभ 16:55 – 18:23 शुभ
?चोघडिया, रात
उद्वेग 18:23 – 19:55 अशुभ
शुभ 19:55 – 21:26 शुभ
अमृत 21:26 – 22:58 शुभ
चर 22:58 – 24:29* शुभ
रोग 24:29* – 26:01* अशुभ
काल 26:01* – 27:33* अशुभ
लाभ 27:33* – 29:04* शुभ
उद्वेग 29:04* – 30:36* अशुभ
?होरा, दिन
बुध 06:37 – 07:36
चन्द्र 07:36 – 08:34
शनि 08:34 – 09:33
बृहस्पति 09:33 – 10:32
मंगल 10:32 – 11:31
सूर्य 11:31 – 12:30
शुक्र 12:30 – 13:29
बुध 13:29 – 14:28
चन्द्र 14:28 – 15:26
शनि 15:26 – 16:25
बृहस्पति 16:25 – 17:24
मंगल 17:24 – 18:23
?होरा, रात
सूर्य 18:23 – 19:24
शुक्र 19:24 – 20:25
बुध 20:25 – 21:26
चन्द्र 21:26 – 22:27
शनि 22:27 – 23:28
बृहस्पति 23:28 – 24:29
मंगल 24:29* – 25:30
सूर्य 25:30* – 26:31
शुक्र 26:31* – 27:33
बुध 27:33* – 28:34
चन्द्र 28:34* – 29:35
शनि 29:35* – 30:36
?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??
कुम्भ > 05:32 से 06:58 तक
मीन > 06:58 से 08:29 तक
मेष > 08:29 से 11:12 तक
वृषभ > 11:12 से 12:53 तक
मिथुन > 12:53 से 14:17 तक
कर्क > 14:17 से 16:41 तक
सिंह > 16:41 से 17:43 तक
कन्या > 17:43 से 08:57 तक
तुला > 08:57 से 11:24 तक
वृश्चिक > 11:24 से 02:36 तक
धनु > 02:36 से 03:40 तक
मकर > 03:40 से 05:32 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
7 + 4 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
08:41 शुक्र
? शिव वास एवं फल -:
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्टकारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 26:56 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
?? विशेष जानकारी ??
*दुर्गाष्टमी
*रोहिणी व्रत
*मथुरेश जी पाटोत्सव मथुरा
*भावान्युत्पति
*अशोक कलिका प्रासन
* मनसादेवी पूजा (हरियाणा)
*अन्नपूर्णा पूजा (बंगाल)
??? शुभ विचार ???
कुग्रामवासः कुलहीनसेवा ।
कुभोजनं क्रोधमुखी च भार्या ।।
पुत्रश्च मूर्खो विधवा च कन्या ।
विनाग्निमेते प्रदहन्ति कायम् ।।
।।चा o नी o।।
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण, ज्योतिष एवं पुराणाचार्य)