पर्युषण पर्व के अंतर्गत ही करीबन 250 वर्ष प्राचीन परंपराओं और उत्सवों का आयोजन होगा
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Paryushan Parv 2024 : रविवार, 8 सितंबर से पर्युषण पर्व (दसलक्षण धर्म पर्व) का शुभारंभ हो रहा है। जैन धर्म में इस पर्व की बहुत बड़ी विशेषता है। इन दस दिनो में सभी अनुयायी व्रत, उपवास त्याग, तप एवं दान आदि विशेष रूप से करते हैं। दस दिवसीय उत्सव पानीपत के प्रसिद्ध प्राचीन श्री दिगंबर जैन मंदिर जैन मोहल्ला में मनाए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश भर के जैन मंदिरों में एवं पानीपत में स्थित सभी सातों जैन मंदिर में इस महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा।
Paryushan Parv 2024 : प्राचीन परंपराओं और उत्सवों का आयोजन होगा
पर्युषण पर्व के अंतर्गत ही करीबन 250 वर्ष प्राचीन परंपराओं और उत्सवों का आयोजन होगा। जिसमें विशेष रूप प्रतिदिन प्रातः के समय विशेष पूजा विधान का आयोजन होगा। 13 सितंबर धूप दशमी के पावन अवसर पर जोत नगर भ्रमण दर्शन (आरती) का आयोजन किया जाएगा। साथ ही 17 सितंबर को आनंद चौदस के दिवस प्राचीन परंपरा के तहत जल यात्रा का भी आयोजन किया जाएगा।
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जैन महोल्ला, पानीपत
दसलक्षण धर्मो का पालन हर मनुष्य को करना चाहिए
जानकारी देते हुए अधिवक्ता मेहुल जैन ने बताया कि जैन धर्म के दिगंबर अनुयायियों द्वारा आदर्श अवस्था में अपनाए जाने वाले गुणों को दसलक्षण धर्म कहा जाता है। इसके अनुसार जीवन में सुख शांति के लिए उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, अकिंचन और ब्रह्मचर्य आदि दसलक्षण धर्मो का पालन हर मनुष्य को करना चाहिए। दिगंबर जैन समाज के पर्वाधिराज दसलक्षण पर्व धूमधाम के साथ मनाए जाएंगे।
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जैन महोल्ला, पानीपत
पर्युषण पर्व 8 सितंबर से 17 सितंबर (दसलक्षण धर्म)
जैन धर्म के अनुयायी प्रतिदिन व्रत, उपवास एवं विधान आदि का आयोजन किया जाएगा
प्रतिदिन संध्या में आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा
धूप दशमी 13 सितंबर (ज्योत नगर भ्रमण)
स्थानीय श्री दिगंबर जैन मंदिर जैन मोहल्ला से संध्या के समय पवन जोत का नगर भ्रमण कराया जाएगा
यह परंपरा ढाई सौ वर्ष से पानीपत में आयोजित निर्बाध रूप से आयोजित की जा रही है
अनंत चौदस 17 सितंबर (जल यात्रा)
स्थानीय श्री दिगंबर जैन मंदिर जैन मोहल्ला से दोपहर में जल यात्रा का आयोजन किया जाएगा
तत्पश्चात इंद्रो के द्वारा भगवान श्री पारसनाथ की बड़ी मूर्ति का महामस्तकाभिषेक किया जाएगा
क्षमा वाणी पर्व 18 सितंबर
पर्युषण पर्व के समापन पर सभी एक दूसरे से पूरे वर्ष में हुई या की गई गलती या त्रुटि के लिए क्षमा याचना करेंगे
यह पर्व अपने आप में अनोखा पर्व है जैन धर्म में सभी लोग वर्ष में एक बार एक दूसरे से क्षमा याचना करते हैं कि पूरे वर्ष में जो भी गलती हमसे किसी के प्रति हुई है उसके लिए क्षमा याचना करते है