India News (इंडिया न्यूज), Patiala Kali Devi Temple, पटियाला : पंजाब में एक ऐसा शहर है जिसे शाही शहर होने का गौरव प्राप्त है। यह शहर है पटियाला। पटियाला शहर की जहां प्रदेश की राजनीति में अहम पहचान है वहीं इस एतिहासिक और शाही शहर में बहुत सारे ऐसे स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन्हीं में से एक है पटियाला का ऐतिहासिक काली देवी मंदिर। यह मंदिर पटियाला शहर के माल रोड पर स्थित है। यह न केवल पटियाला बल्कि प्रदेश के साथ-साथ देश के भी लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। दूर-दूर से भक्तजन यहां मुराद मांगने आते हैं। भक्तों के साथ-साथ भारी संख्या में देशी व विदेशी पर्यटक भी पटियाला के अन्य स्थानों के साथ-साथ मां काली देवी मंदिर देखने पहुंचते हैं।
पटियाला में काली देवी मंदिर का निर्माण पटियाला रियासत के दो महाराजा, महाराजा भूपिंदर सिंह और महाराजा कर्म सिंह ने करवाया था। महाराजा भूपिंदर सिंह ने जहां 1936 में इस मंदिर का नींवपत्थर रखा वहीं मंदिर को पूरा करने का काम महाराजा कर्म सिंह ने किया। मंदिर में पटियाला रियासत की कुलदेवी मां राज राजेशवरी के साथ साथ छह फीट उंची मां काली देवी जी की मूर्ति स्थापित है।
उस समय माता श्री काली देवी जी की मूर्ति का मुख शहर के बाहर की तरफ यानी बारांदरी गार्डन की तरफ रखा गया। जैसे-जैसे शहर के बाहरी हिस्सों में यानी बारांदरी की तरफ आबादी बढ़ ती गई तो देवी मां की नजरों के प्रभाव से उनको बचाने के लिए मंदिर में दीवार कर दी गई। इसी मंदिर में विराजमान रियासत की कुलदेवी मां राज राजेश्वरी का मंदिर मां काली देवी के पीछे है।
इस मंदिर में स्थापित की गई मां काली देवी की मूर्ति कोलकाता उस समय के कलकत्ता से लाई गई और अखंड ज्योति बंगाल से लाई गई। इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता हर रोज लगता है लेकिन नवरात्र के दौरान यहां बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं जिसके चलते व्यवस्था बनाने के लिए मंदिर कमेटी सदस्यों के साथ-साथ पुलिस को भी जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है।
पटियाला का यह काली देवी मंदिर हर रोज सुबह पांच बजे खुलता है और रात नौ बजे तक खुला रहता है। इस दौरान मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। रोजाना सुबह मंदिर के पुजारी देवी मां को स्नान करवाते हैं और श्रंगार किया जाता है। नवरात्र के समय में मंदिर के आसपास मेला लगता है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने के लिए आते हैं। इस लिए माल रोड से नौ दिन के लिए वाहनों का गुजरना रोक दिया जाता है।
दूर-दूर से लोग मां काली की कृपा प्राप्त करने और मन्नतें मांगने के लिए यहां पहुंचते हैं। जब किसी की मन्नत पूरी हो जाती है तो वह श्रद्धालु मंदिर में नवरात्र के दौरान विशेष रूप से बकरे, मुर्गे सहित शराब का प्रसाद चढ़ता है। इस दौरान मंदिर में देशी से लेकर विदेशी और महंगी शराब चढ़ाई जाती है। इसके अलावा कड़ाह प्रसाद व मीठा पान का भी मां के चरणों में भोग लगाया जाता है।
यदि आप भी पटियाला में स्थित मां काली देवी मंदिर में माथा टेकना चाहते हैं तो आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आप हवाई जहाज के माध्यम से यहां आना चाहते हैं तो यहां से सबसे नजदीक हवाई अड्डा चंडीगढ़ पड़ता है। चंडीगढ़ से पटियाला की दूरी करीब 65 किलोमीटर है। आप चंडीगढ़ से टैक्सी अथवा बस के द्वारा पटियाला पहुंच सकते हैं।
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