इंडिया न्यूज,(Sakat Chauth 2023): चौथ का व्रत हर महीने रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और संतान की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की जाती है। हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में दो चौथ व्रत रखे जाते हैं। एक को विनायक और दूसरे को अंगारकी चौथ कहते हैं। खासकर माघ मास के चौथ का विशेष महत्व है, इस गणेश चतुर्थी को सकट, तिलवा और तिलकुटा चौथ का व्रत कहा जाता है। इस बार सकट व्रत की पूजा 10 जनवरी यानी मंगलवार को होगी। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। पहले यह व्रत पुत्र के लिए रखा जाता था, लेकिन अब पुत्रियों के लिए भी यह व्रत रखा जाने लगा है। सकट चौथ के हर व्रत की पूजा करने से भगवान गणेश से हर संकट से मुक्ति की कामना की जाती है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ पर ब्रह्मचर्य बनाए रखें। जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह कर गणेश जी को नदी में 21 बार, तो घर में एक बार जल देना चाहिए। सकट चौथ संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। प्रात:काल स्नानादि के बाद गणेश अष्टोत्तर का जाप करें। शाम के समय भगवान गणेश की मूर्ति को एक साफ पीडे पर रखें, उसे सुंदर फूलों से सजाएं। मूर्ति के सामने अगरबत्ती और दीया जलाएं। देवताओं को फल अर्पित करें। ईश्वर से प्रार्थना करें। भगवान गणेश जी की आरती करें। महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस व्रत को करने से दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ या तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। चतुर्थी के दिन मूली नहीं खानी चाहिए, धन हानि होने की संभावना रहती है। इस दिन अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ा जाता है।
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