आज का मेष राशिफल 17 जून 2022

इंडिया न्यूज़, Ambala: 

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक:-17/06/2022, शुक्रवार
प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष,
आषाढ़
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

कोई मित्र आपके खुले विचारों और सहनशीलता की परीक्षा ले सकता है। आपको सावधान रहना चाहिए कि आप अपने मूल्यों को आत्मसमर्पण न करें और हर निर्णय में तर्कसंगत रहें। जो लोग अब तक बेवजह अपना पैसा उड़ा रहे थे, उन्हें आज से ही अपने कार्यों पर नियंत्रण करके बचत करना शुरू कर देना चाहिए। लोगों और उनके उद्देश्यों के बारे में त्वरित निर्णय न लें- वे दबाव में हो सकते हैं और उन्हें आपकी करुणा और समझ की आवश्यकता है। अपने प्रेमी से दूर रहना बहुत कठिन होगा। अपने आस-पास क्या हो रहा है, इस पर ध्यान दें- आज आपके द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय कोई ले सकता है। आप अंतहीन रूप से अपने शरीर को फिर से जीवंत करने और फिट बनने की योजना बनाएंगे। लेकिन बाकी दिनों की तरह, आप इसे निष्पादित करने में विफल रहेंगे। किसी अनपेक्षित अतिथि के कारण आपकी योजनाएँ बाधित हो सकती हैं, लेकिन यह आपका दिन बना देगी।

तिथि——– प्रतिपदा 13:31:18 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र————- मूल 15:31:46
योग————– शुभ 05:26:28
योग———— शुक्ल 25:13:05
करण———– कौलव 13:31:18
करण———– तैतुल 23:36:55
वार———————— शुक्रवार
माह———————— आषाढ
चन्द्र राशि———————- धनु
सूर्य राशि—— वृषभ 12:02:10
सूर्य राशि—————— मिथुन
रितु————————– ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शक संवत——————-1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:24:47
सूर्यास्त—————- 19:14:41
दिन काल————- 13:49:54
रात्री काल————–10:10:12
चंद्रास्त—————- 05:51:10
चंद्रोदय—————- 20:33:00

लग्न—- वृषभ 29°44′ , 59°44′

सूर्य नक्षत्र—————– मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र——————— मूल
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*** पद, चरण ***

भा—- मूल 10:16:41

भी—- मूल 15:31:46

भू—- पूर्वाषाढा 20:47:04

धा—- पूर्वाषाढा 26:02:47

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 29:12 मृगशिरा , 2 वो
चन्द्र = धनु 06°23 , ज्येष्ठा , 3 भा
बुध =वृषभ 06 ° 07′ कृतिका ‘ 4 ए
शुक्र=मेष 26°05, भरणी ‘ 4 लो
मंगल=मीन 21°30 ‘ रेवती ‘ 2 दो
गुरु=मीन 11°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 26°40’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 26°40 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 12:20 – 14:03 अशुभ
यम घंटा 07:09 – 08:52 अशुभ
गुली काल 10:36 – 12:20 अशुभ
अभिजित 11:52 -12:47 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:52 – 12:47 अशुभ
गंड मूल 05:25 – 15:32 अशुभ

***चोघडिया, दिन
लाभ 05:25 – 07:09 शुभ
अमृत 07:09 – 08:52 शुभ
काल 08:52 – 10:36 अशुभ
शुभ 10:36 – 12:20 शुभ
रोग 12:20 – 14:03 अशुभ
उद्वेग 14:03 – 15:47 अशुभ
चर 15:47 – 17:31 शुभ
लाभ 17:31 – 19:15 शुभ

***चोघडिया, रात
उद्वेग 19:15 – 20:31 अशुभ
शुभ 20:31 – 21:47 शुभ
अमृत 21:47 – 23:04 शुभ
चर 23:04 – 24:20* शुभ
रोग 24:20* – 25:36* अशुभ
काल 25:36* – 26:52* अशुभ
लाभ 26:52* – 28:09* शुभ
उद्वेग 28:09* – 29:25* अशुभ

***होरा, दिन
बुध 05:25 – 06:34
चन्द्र 06:34 – 07:43
शनि 07:43 – 08:52
बृहस्पति 08:52 – 10:01
मंगल 10:01 – 11:11
सूर्य 11:11 – 12:20
शुक्र 12:20 – 13:29
बुध 13:29 – 14:38
चन्द्र 14:38 – 15:47
शनि 15:47 – 16:56
बृहस्पति 16:56 – 18:06
मंगल 18:06 – 19:15

***होरा, रात
सूर्य 19:15 – 20:06
शुक्र 20:06 – 20:56
बुध 20:56 – 21:47
चन्द्र 21:47 – 22:38
शनि 22:38 – 23:29
बृहस्पति 23:29 – 24:20
मंगल 24:20* – 25:11
सूर्य 25:11* – 26:01
शुक्र 26:01* – 26:52
बुध 26:52* – 27:43
चन्द्र 27:43* – 28:34
शनि 28:34* – 29:25

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

वृषभ > 02:40 से 04:30 तक
मिथुन > 04:30 से 06:50 तक
कर्क > 06:50 से 09:10 तक
सिंह > 09:10 से 11:14 तक
कन्या > 11:14 से 13:30 तक
तुला > 13:30 से 15:45 तक
वृश्चिक > 15:45 से 18:00 तक
धनु > 18:00 से 20:06 तक
मकर > 20:06 से 21:52 तक
कुम्भ > 21:52 से 23:26 तक
मीन > 23:26 से 00:52 तक
मेष > 00:052 से 02:40 तक

***विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

***दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

*** अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 1 + 4 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*** शिव वास एवं फल -:

16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

***भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

*वट सावित्री व्रत पारायण (गुजरात)

* गुरु हरगोविंद जयन्ती

* मिथुन संक्रान्ति

*** शुभ विचार ***

कःकालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमौ ।
कस्याहं का च मेशक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ।।
।। चा o नी o।।

इन बातो को बार बार गौर करे…
सही समय
सही मित्र
सही ठिकाना
पैसे कमाने के सही साधन
पैसे खर्चा करने के सही तरीके
आपके उर्जा स्रोत.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17

मनः प्रसादः सौम्यत्वं मौनमात्मविनिग्रहः।,
भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते॥,

मन की प्रसन्नता, शान्तभाव, भगवच्चिन्तन करने का स्वभाव, मन का निग्रह और अन्तःकरण के भावों की भलीभाँति पवित्रता, इस प्रकार यह मन सम्बन्धी तप कहा जाता है॥,16॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो ***
*** *** *** *** *** ***

आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

onnect With Us : Twitter Facebook

Neha Dhiman

Share
Published by
Neha Dhiman

Recent Posts

Mohan Lal Badoli’s Big Statement : कांग्रेस को कुछ समय की खुशी, कल सुबह …; ये बोल गए मोहनलाल बडोली

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mohan Lal Badoli's Big Statement : हरियाणा की राजनीति में अगले…

16 mins ago

Haryana CM Face: ‘…जो सीएम बनेगा उससे पूछिए’, चुनावी नतीजों से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बड़ा बयान

Haryana CM Face: '...जो सीएम बनेगा उससे पूछिए', चुनावी नतीजों से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा…

24 mins ago

Haryana Jind News: युवक ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या की, फाइनेंसरों से था परेशान, मरने से पहले बनाई वीडियो

Haryana Jind News: युवक ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या की, फाइनेंसरों से था परेशान,…

59 mins ago

Haryana Exit Polls : करवट लेने जा रही प्रदेश की राजनीति, भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकी सबकी निगाहें

प्रदेश में लहर- कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना पवन शर्मा, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana…

1 hour ago