तुला राशिफल 07 जून 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक:-07/06/2022, मंगलवार

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

सप्तमी, शुक्ल पक्ष
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तुला

Tula Rashifal 07 June 2022 Libra horoscope Today: आज आपकी आय में अनिश्चितता बनी रहेगी और भागदौड़ भी लगी रहेंगी जो व्यर्थ होगी। दूर से उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगा। भूले–बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार–व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें।

निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। उत्साह से काम कर पाएंगे।आपकी बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आपको किसी दूसरे के बहकावे में आकर धन का निवेश नहीं करना है,नहीं तो आपका वह धन डूब सकता है। शत्रुओं का प्रभाव आज ठीक-ठाक रहेगा और निराशाजनक समाचार सुनने को मिल सकता है।

आपको लोगों की फालतू की बातों पर ध्यान नहीं देना है,नहीं तो वह आपको गुमराह कर सकते हैं। आपको छुटपुट लाभ के अवसरों को पहचान कर उन पर अमल करना होगा,तभी आप लाभ कमाने में सफल रहेंगे। (Tula Rashifal 07 June 2022 Libra horoscope Today)

तिथि——— सप्तमी 07:54:25 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र—- पूर्वाफाल्गुनी 27:48:27
योग—————वज्र 28:25:11
करण———- वणिज 07:54:25
करण——- विष्टि भद्र 20:17:29
वार———————- मंगलवार
माह————————– ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————– सिंह
सूर्य राशि——————- वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————— नल
संवत्सर (उत्तर) —————–राक्षस
विक्रम संवत————– 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——- 2078
शाका संवत————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:24:37
सूर्यास्त—————- 19:11:41
दिन काल————- 13:47:03
रात्री काल————–10:12:53
चंद्रोदय—————- 11:55:20
चंद्रास्त—————- 25:00:38

लग्न—- वृषभ 22°5′ , 52°5′

सूर्य नक्षत्र—————– रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र————- पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत

*** पद, चरण ***

मो—- पूर्वाफाल्गुनी 08:49:20

टा—- पूर्वाफाल्गुनी 15:11:35

टी—- पूर्वाफाल्गुनी 21:31:20

टू—- पूर्वाफाल्गुनी 27:48:27

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 22:12 रोहिणी , 4 वु
चन्द्र = सिंह 14°23 , पू o फ़ा o , 1 मो
बुध =वृषभ 02 ° 07′ कृतिका ‘ 2 ई
शुक्र=मेष 16°05, भरणी ‘ 2 लू
मंगल=मीन 15°30 ‘ उoभाo’ 4 ञ
गुरु=मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 27°10’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°10 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 15:45 – 17:28 अशुभ
यम घंटा 08:51 – 10:35 अशुभ
गुली काल 12:18 – 14:02 अशुभ
अभिजित 11:51 -12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 08:10 – 09:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:12* अशुभ

चोघडिया, दिन
रोग 05:25 – 07:08 अशुभ
उद्वेग 07:08 – 08:51 अशुभ
चर 08:51 – 10:35 शुभ
लाभ 10:35 – 12:18 शुभ
अमृत 12:18 – 14:02 शुभ
काल 14:02 – 15:45 अशुभ
शुभ 15:45 – 17:28 शुभ
रोग 17:28 – 19:12 अशुभ

चोघडिया, रात
काल 19:12 – 20:28 अशुभ
लाभ 20:28 – 21:45 शुभ
उद्वेग 21:45 – 23:02 अशुभ
शुभ 23:02 – 24:18* शुभ
अमृत 24:18* – 25:35* शुभ
चर 25:35* – 26:51* शुभ
रोग 26:51* – 28:08* अशुभ
काल 28:08* – 29:25* अशुभ

होरा, दिन
मंगल 05:25 – 06:34
सूर्य 06:34 – 07:42
शुक्र 07:42 – 08:51
बुध 08:51 – 10:00
चन्द्र 10:00 – 11:09
शनि 11:09 – 12:18
बृहस्पति 12:18 – 13:27
मंगल 13:27 – 14:36
सूर्य 14:36 – 15:45
शुक्र 15:45 – 16:54
बुध 16:54 – 18:03
चन्द्र 18:03 – 19:12

होरा, रात
शनि 19:12 – 20:03
बृहस्पति 20:03 – 20:54
मंगल 20:54 – 21:45
सूर्य 21:45 – 22:36
शुक्र 22:36 – 23:27
बुध 23:27 – 24:18
चन्द्र 24:18* – 25:09
शनि 25:09* – 26:00
बृहस्पति 26:00* – 26:51
मंगल 26:51* – 27:42
सूर्य 27:42* – 28:34
शुक्र 28:34* – 29:25

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

वृषभ > 03:16 से 05:16 तक
मिथुन > 05:16 से 07:27 तक
कर्क > 07:27 से 09:44 तक
सिंह > 09:44 से 11:52 तक
कन्या > 11:52 से 14:08 तक
तुला > 14:08 से 16:23 तक
वृश्चिक > 16:23 से 18:44 तक
धनु > 18:44 से 20:44 तक
मकर > 20:44 से 22:30 तक
कुम्भ > 22:30 से 00:03 तक
मीन > 00:03 से 01:30 तक
मेष > 01:30 से 03:16 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

7 + 3 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 07:54 से रात्रि 20:17 तक

मृत्यु लोक = सवकार्य विनाशिनी

*** विशेष जानकारी ***

* भानु सप्तमी

*** शुभ विचार ***

धन्या द्विजमयि नौका विपरीता भवार्णवे ।
तरन्त्यधोगताः सर्वे उपरिस्थाः पतन्त्यधः ।।
।। चा o नी o।।

वह लोग धन्य है, ऊँचे उठे हुए है जिन्होंने संसार समुद्र को पार करते हुए एक सच्चे ब्राह्मण की शरण ली. उनकी शरणागति ने नौका का काम किया. वे ऐसे मुसाफिरों की तरह नहीं है जो ऐसे सामान्य जहाज पर सवार है जिसके डूबने का खतरा है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17

आहारस्त्वपि सर्वस्य त्रिविधो भवति प्रियः।,
यज्ञस्तपस्तथा दानं तेषां भेदमिमं श्रृणु॥,

भोजन भी सबको अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार तीन प्रकार का प्रिय होता है।, और वैसे ही यज्ञ, तप और दान भी तीन-तीन प्रकार के होते हैं।, उनके इस पृथक्‌-पृथक्‌ भेद को तू मुझ से सुन॥,7॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो ***
*********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Tula Rashifal 07 June 2022 Libra horoscope Today

Connect With Us : Twitter Facebook

Nitesh Kumar

Share
Published by
Nitesh Kumar

Recent Posts

bhupinder Hooda: ‘यह तंत्र है जिसकी…’, हुड्डा ने बीजेपी की जीत को लेकर किया बड़ा दावा

हरियाणा में बीजेपी की जीत के एक महीने बाद भी कांग्रेस की बौखलाहट बरकरार है।…

29 mins ago

Minister Ranbir Gangwa : अग्रोहा मेडिकल में ट्रॉमा सेंटर व कैंसर इंस्टिट्यूट लेकर आना प्राथमिकता

अग्रोहा मेडिकल के विकास के लिए हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध : जनस्वास्थ्य एवं लोक निर्माण मंत्री…

9 hours ago

Dr. Arvind Kumar Sharma : ‘इन खास योजनाओं’ की जानकारी के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगाए जाएंगे शिविर 

अधिक से अधिक भागीदारी कर भारत को विकसित बनाने के सपने को करना है साकार…

9 hours ago

Prof. Rambilas Sharma : बड़ा भाई हमेशा उदारता दिखाता है..पंजाब-हरियाणा के रिश्ते पर जानें क्या बोले रामबिलास शर्मा

कांग्रेस पार्टी को जनता के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए : प्रो. रामबिलास शर्मा India…

10 hours ago

Minister Shruti Choudhary जल्द लेंगी हथिनी कुंड बैराज का जायजा, परियोजनाओं की पोर्टल पर ख़ुद करेंगी मॉनिटरिंग  

हर विधानसभा के किसानों की समस्या का पता लगाकर खेतों की टेल तक पहुंचाया जाएगा…

10 hours ago