होम / तुला राशिफल 10 जुलाई 2022

तुला राशिफल 10 जुलाई 2022

• LAST UPDATED : July 10, 2022

***|| जय श्री राधे ||***

** महर्षि पाराशर पंचांग **
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*******************

दिनाँक:-10/07/2022, रविवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष,
आषाढ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

**** दैनिक राशिफल ****

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

तुला 

Tula Rashifal 10 July 2022 Libra horoscope Today: आज का दिन आपके लिए भागदौड़ भरा रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में चैन रहेगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी।

धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर मिल सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आपकी वाणी आपको कार्यक्षेत्र में मान सम्मान दिलाएगी, इसलिए आपको उसकी मधुरता को बनाए रखना होगा। विद्यार्थियों को शिक्षा व प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता मिलती दिख रही है।

आपको स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। यदि उसमें लापरवाही की तो आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। ससुराल पक्ष को पर्याप्त मात्रा में धन लाभ हो सकता है। जो लोग प्रेम जीवन जी रहे हैं, वह अपने साथी की बातों से नाराज हो सकते हैं।

Tula Rashifal 10 July 2022 Libra horoscope Today

तिथि——- एकादशी 14:13:24 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———-विशाखा 09:54:17
योग————– शुभ 24:43:17
करण——- विष्टि भद्र 14:13:24
करण————– बव 24:47:11
वार———————— रविवार
माह———————– आषाढ
चन्द्र राशि—————— वृश्चिक
सूर्य राशि—————— मिथुन
रितु————————–ग्रीष्म
सायन———————– वर्षा
आयन—————— उत्तरायण
सायन—————– दक्षिणायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——— 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:32:20
सूर्यास्त—————- 19:16:40
दिन काल————- 13:44:19
रात्री काल————- 10:16:08
चंद्रोदय————— 15:47:38
चंद्रास्त—————- 26:35:06

लग्न—- मिथुन 23°35′ , 83°35′

सूर्य नक्षत्र—————– पुनर्वसु
चन्द्र नक्षत्र—————- विशाखा
नक्षत्र पाया——————- रजत

**** पद, चरण ****

तो—- विशाखा 09:54:17

ना—- अनुराधा 15:26:02

नी—- अनुराधा 20:55:37

नू—-अनुराधा 26:23:10

**** ग्रह गोचर ****

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मिथुन 23:12 पुनर्वसु , 2 को
चन्द्र = वृश्चिक 00°23, विशाखा , 4 तो
बुध =मिथुन 15 ° 07′ आर्द्रा ‘ 3 ङ
शुक्र=वृषभ 26°05, मृगशिरा ‘ 1 वे
मंगल=मेष 09°30 ‘ अश्विनी ‘ 3 चो
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 00°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 25°25’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 25°25 विशाखा , 2 तू

**** मुहूर्त प्रकरण ****

राहू काल 17:34 – 19:17 अशुभ
यम घंटा 12:25 – 14:08 अशुभ
गुली काल 15:51 – 17:34 अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 17:27 – 18:22 अशुभ

**** चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:32 – 07:15 अशुभ
चर 07:15 – 08:58 शुभ
लाभ 08:58 – 10:41 शुभ
अमृत 10:41 – 12:25 शुभ
काल 12:25 – 14:08 अशुभ
शुभ 14:08 – 15:51 शुभ
रोग 15:51 – 17:34 अशुभ
उद्वेग 17:34 – 19:17 अशुभ

**** चोघडिया, रात
शुभ 19:17 – 20:34 शुभ
अमृत 20:34 – 21:51 शुभ
चर 21:51 – 23:08 शुभ
रोग 23:08 – 24:25* अशुभ
काल 24:25* – 25:42* अशुभ
लाभ 25:42* – 26:59* शुभ
उद्वेग 26:59* – 28:16* अशुभ
शुभ 28:16* – 29:33* शुभ

****होरा, दिन
सूर्य 05:32 – 06:41
शुक्र 06:41 – 07:50
बुध 07:50 – 08:58
चन्द्र 08:58 – 10:07
शनि 10:07 – 11:16
बृहस्पति 11:16 – 12:25
मंगल 12:25 – 13:33
सूर्य 13:33 – 14:42
शुक्र 14:42 – 15:51
बुध 15:51 – 16:59
चन्द्र 16:59 – 18:08
शनि 18:08 – 19:17

**** होरा, रात
बृहस्पति 19:17 – 20:08
मंगल 20:08 – 20:59
सूर्य 20:59 – 21:51
शुक्र 21:51 – 22:42
बुध 22:42 – 23:33
चन्द्र 23:33 – 24:25
शनि 24:25* – 25:16
बृहस्पति 25:16* – 26:07
मंगल 26:07* – 26:59
सूर्य 26:59* – 27:50
शुक्र 27:50* – 28:41
बुध 28:41* – 29:33

**** उदयलग्न प्रवेशकाल ****

मिथुन > 03:03 से 05:16 तक
कर्क > 05:16 से 07:42 तक
सिंह > 07:42 से 09:44 तक
कन्या > 09:44 से 12:00 तक
तुला > 12:00 से 14:13 तक
वृश्चिक > 14:13 से 16:30 तक
धनु > 16:30 से 18:42 तक
मकर > 18:42 से 20:22 तक
कुम्भ > 20:22 से 22:00 तक
मीन > 22:00 से 22:30 तक
मेष > 22:30 से 01:06 तक
वृषभ > 01:06 से 03:03 तक

**** विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

Tula Rashifal 10 July 2022 Libra horoscope Today

नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

**** दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

**** अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

11 + 1 + 1 = 13 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

Tula Rashifal 10 July 2022 Libra horoscope Today

**** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ****

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

**** शिव वास एवं फल -:

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

**** भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:13 तक समाप्त

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

**** विशेष जानकारी ****

*देवशयनी एकादशी व्रत (सर्वेषां)

* चातुर्मास व्रत प्रारम्भ

**** शुभ विचार ****

एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वन्हिना ।
दह्यते तद्वनं सर्व कुपुत्रेण कुलं यथा ।।
।। चा o नी o।।

जिस प्रकार केवल एक सुखा हुआ जलता वृक्ष सम्पूर्ण वन को जला देता है उसी प्रकार एक ही कुपुत्र सरे कुल के मान, मर्यादा और प्रतिष्ठा को नष्ट कर देता है.

**** सुभाषितानि ****

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

अधिष्ठानं तथा कर्ता करणं च पृथग्विधम्‌ ।,
विविधाश्च पृथक्चेष्टा दैवं चैवात्र पञ्चमम्‌ ॥,

इस विषय में अर्थात कर्मों की सिद्धि में अधिष्ठान (जिसके आश्रय कर्म किए जाएँ, उसका नाम अधिष्ठान है) और कर्ता तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के करण (जिन-जिन इंद्रियादिकों और साधनों द्वारा कर्म किए जाते हैं, उनका नाम करण है) एवं नाना प्रकार की अलग-अलग चेष्टाएँ और वैसे ही पाँचवाँ हेतु दैव (पूर्वकृत शुभाशुभ कर्मों के संस्कारों का नाम दैव है) है॥,14॥,

****आपका दिन मंगलमय हो ****
***********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Tula Rashifal 10 July 2022 Libra horoscope Today

ये भी पढ़ें:  With Us : Twitter Facebook

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox