आज की तुला राशिफल 20 मई 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** *** ***

दिनाँक:-20/05/2022, शुक्रवार
***  दैनिक राशिफल *** 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

Tula Rashifal 20 May 2022 Libra horoscope Today

पंचमी, कृष्ण पक्ष
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तुला

तुला राशिफल वाले विद्यार्थियों के लिए आज का दिन बेहतर रहेगा, क्योंकि उनके किसी परीक्षा के परिणाम आ सकते हैं,जिसमें उन्हें सफलता मिलेगी। किसी अपने के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। समय पर आवश्यक वस्तु न मिलने से तनाव रहेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें।

आय में निश्चितता रहेगी। थकान महसूस होगी। अनावश्यक विवाद को बढ़ावा न दें। परेशानी हो सकती है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। जमीन जायदाद के मामले में आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यवसाय में किसी नए प्रोजेक्ट पर कार्य करने की सोच रहे हैं,तो उसमें अपने साझेदार से सलाह मशवरा अवश्य करना होगा। (Tula Rashifal 20 May 2022 Libra horoscope Today)

संतान के भविष्य की योजनाओं को आपको सोच विचार कर बनाना होगा व संतान से भी सलाह मशवरा अवश्य करें। कार्य व्यवहार से जुड़े सभी विवाद आज सुलझ सकते हैं।

तिथि———– पंचमी 17:28:27 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र—— उत्तराषाढा 25:17:06
योग————– शुभ 11:23:23
करण———– कौलव 06:53:09
करण———– तैतुल 17:28:27
करण————– गर 28:10:00
वार———————– शुक्रवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——- धनु 08:44:11
चन्द्र राशि——————–मकर
सूर्य राशि——————– वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————- नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:29:16
सूर्यास्त—————- 19:02:29
दिन काल————- 13:33:12
रात्री काल————- 10:26:20
चंद्रास्त—————- 09:18:54
चंद्रोदय—————- 23:47:29

लग्न—- वृषभ 4°49′ , 34°49′

सूर्य नक्षत्र—————– कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र————– उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*** पद, चरण ***

भे—- उत्तराषाढा 08:44:11

भो—- उत्तराषाढा 14:13:36

जा—-उत्तराषाढा 19:44:32

जी—- उत्तराषाढा 25:17:06

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 04:12 कृतिका , 3 उ
चन्द्र =धनु 28°23 , उ o षाo , 1 भे
बुध =वृषभ 07 ° 07′ कृतिका ‘ 4 ए
शुक्र=मीन 25 °05, रेवती ‘ 3 च
मंगल=कुम्भ 02°30 ‘ पूoभाo’ 4 दी
गुरु=मीन 07°30 ‘ ऊ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 00°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 28°05’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 28°05 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 10:34 – 12:16 अशुभ
यम घंटा 15:39 – 17:21 अशुभ
गुली काल 07:11 – 08:53 अशुभ
अभिजित 11:49 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 08:12 – 09:06 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:37 अशुभ

चोघडिया, दिन
चर 05:29 – 07:11 शुभ
लाभ 07:11 – 08:53 शुभ
अमृत 08:53 – 10:34 शुभ
काल 10:34 – 12:16 अशुभ
शुभ 12:16 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:39 अशुभ
उद्वेग 15:39 – 17:21 अशुभ
चर 17:21 – 19:02 शुभ

चोघडिया, रात
रोग 19:02 – 20:21 अशुभ
काल 20:21 – 21:39 अशुभ
लाभ 21:39 – 22:57 शुभ
उद्वेग 22:57 – 24:16* अशुभ
शुभ 24:16* – 25:34* शुभ
अमृत 25:34* – 26:52* शुभ
चर 26:52* – 28:11* शुभ
रोग 28:11* – 29:29* अशुभ

होरा, दिन
शुक्र 05:29 – 06:37
बुध 06:37 – 07:45
चन्द्र 07:45 – 08:53
शनि 08:53 – 10:00
बृहस्पति 10:00 – 11:08
मंगल 11:08 – 12:16
सूर्य 12:16 – 13:24
शुक्र 13:24 – 14:31
बुध 14:31 – 15:39
चन्द्र 15:39 – 16:47
शनि 16:47 – 17:55
बृहस्पति 17:55 – 19:02

होरा, रात
मंगल 19:02 – 19:55
सूर्य 19:55 – 20:47
शुक्र 20:47 – 21:39
बुध 21:39 – 22:31
चन्द्र 22:31 – 23:23
शनि 23:23 – 24:16
बृहस्पति 24:16* – 25:08
मंगल 25:08* – 26:00
सूर्य 26:00* – 26:52
शुक्र 26:52* – 27:44
बुध 27:44* – 28:37
चन्द्र 28:37* – 29:29

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

वृषभ > 04:26 से 06:24 तक
मिथुन > 06:24 से 08:37 तक
कर्क > 08:37 से 10:54 तक
सिंह > 10:54 से 13:07 तक
कन्या > 13:07 से 15:18 तक
तुला > 15:18 से 17:33 तक
वृश्चिक > 17:33 से 19:54 तक
धनु > 19:52 से 21:54 तक
मकर > 21:54 से 23:40 तक
कुम्भ > 11:40 से 01:13 तक
मीन > 01:13 से 02:43 तक
मेष > 02:43 से 04:26 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 5 + 6 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

 शिव वास एवं फल -:

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

*सर्वार्थ सिद्धि योग25: 17से

* भूवनेश्वरी माता पाटोत्सव

*** शुभ विचार ***

पीतः क्रुध्देन तातश्चरणतलहता वल्लभो येन रोषा-
दाबाल्याद्विप्रवर्यैः स्ववदनविवरे धार्यते वैरिणी में ।
गेहं मे छेदयन्ति प्रतिदिवसमुमाकान्तपूजानिमित्तं
तस्मात्खिन्नासदात्हंद्विजकुलनिलयं नाथ युक्तं त्यजामि ।।
।। चा o नी o।।

हे भगवान् विष्णु, मेरे स्वामी, मै ब्राह्मणों के घर में इस लिए नहीं रहती क्यों की…..
अगस्त्य ऋषि ने गुस्से में समुद्र को ( जो मेरे पिता है) पी लिया.
भृगु मुनि ने आपकी छाती पर लात मारी.
ब्राह्मणों को पढने में बहोत आनंद आता है और वे मेरी जो स्पर्धक है उस सरस्वती की हरदम कृपा चाहते है.
और वे रोज कमल के फूल को जो मेरा निवास है जलाशय से निकलते है और भगवान् शिव की पूजा करते है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: दैवासुरसम्पद्विभागयोग अo-16

आशापाशशतैर्बद्धाः कामक्रोधपरायणाः।,
ईहन्ते कामभोगार्थमन्यायेनार्थसञ्चयान्‌॥,

वे आशा की सैकड़ों फाँसियों से बँधे हुए मनुष्य काम-क्रोध के परायण होकर विषय भोगों के लिए अन्यायपूर्वक धनादि पदार्थों का संग्रह करने की चेष्टा करते हैं॥,12॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Tula Rashifal 20 May 2022 Libra horoscope Today

Connect With Us : Twitter Facebook

Nitesh Kumar

Share
Published by
Nitesh Kumar

Recent Posts

Drug Smuggler Arrested : शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने की चाह में पकड़ी….नशा तस्करी की राह, तीसरा आरोपी गिरफ्तार 

1 किलो 930 ग्राम चरस तस्करी मामले में तीसरे आरोपी को किया गिरफ्तार किया India…

2 hours ago

Rewari Viral News : खूब चर्चा में हरियाणा के इस आर्मी अफसर की शादी, आखिर क्या है वजह, पढ़ें पूरी ख़बर  

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Rewari Viral News :  हरियाणा के जिला रेवाड़ी के आर्मी अफसर…

2 hours ago

Chalo Theatre Festival 2024 : बंद गली के आखिरी मकान ने झकझोरा…जिंदगी से रूबरू कराती है थियेटर की दुनिया

पाइट में चलो थियेटर उत्सव, कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा- मंच से जुड़ें बच्‍चे,…

3 hours ago