कन्या राशिफल 22 अगस्त 2022

*** दैनिक राशिफल ***

***महर्षि पाराशर पंचांग ***

*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
***************************

दिनाँक:-22/08/2022, सोमवार
पंचमी, कृष्ण पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

कन्या

आप अपनी शारीरिक सहनशक्ति को बनाए रखने के लिए अपना समय खेलों में व्यतीत करने की संभावना रखते हैं। पैसों से जुड़े किसी मामले में आप शामिल थे तो आज कोर्ट आपके पक्ष में फैसला सुनाएगा। इससे आपको आर्थिक लाभ होगा। मित्र और परिवार के सदस्य आपको सहायता और प्यार प्रदान करते हैं। आज आपको अपने जीवन में सच्चे प्यार की कमी खलेगी। चिंता न करें समय के साथ सब कुछ बदल जाता है इसलिए आपकी रोमांटिक लाइफ भी बदल जाएगी। अपने पेशेवर ब्लॉकों को हल करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करें। आपका छोटा सा प्रयास हमेशा के लिए समस्या का समाधान कर सकता है। आपके रूप और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयास आपकी संतुष्टि के लिए निकलेंगे। आपका वैवाहिक जीवन उबाऊ हो सकता है। कुछ उत्साह खोजें।

तिथि———– पंचमी 20:16:50 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– रेवती 21:05:31
योग————– शूल 21:47:36
करण———–कौलव 08:32:36
करण———– तैतुल 20:16:50
वार——————— सोमवार
माह———————– भाद्रपद
चन्द्र राशि——– मीन 21:05:31
चन्द्र राशि——————— मेष
सूर्य राशि——————– कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————–शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:51:24
सूर्यास्त—————- 18:55:11
दिन काल————- 13:03:47
रात्री काल————- 10:56:42
चंद्रास्त—————- 10:01:30
चंद्रोदय—————- 21:56:51

लग्न—- कर्क 28°59′ , 118°59′

सूर्य नक्षत्र————— आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र——————- रेवती
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण

??? पद, चरण ???

दो—- रेवती 08:59:12

च—- रेवती 15:00:46

ची—- रेवती 21:05:31

चु—- अश्विनी 27:13:27

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 28:12 अश्लेषा , 4 डो
चन्द्र =मीन 21 °23, रेवती , 2 दो
बुध =सिंह 23 ° 07′ पू o फा o ‘ 3 टी
शुक्र=कर्क 09°05, पुष्य ‘ 3 हो
मंगल=वृषभ 03°30 ‘ कृतिका ‘ 2 ई
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°25’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°25 विशाखा , 2 तू

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 15:39 – 17:17 अशुभ
यम घंटा 09:07 – 10:45 अशुभ
गुली काल 12:23 – 14: 01अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 08:28 – 09:20 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:18 – 24:10* अशुभ

?गंड मूल अहोरात्र अशुभ

?पंचक 05:51 – 21:06 अशुभ

?चोघडिया, दिन
रोग 05:51 – 07:29 अशुभ
उद्वेग 07:29 – 09:07 अशुभ
चर 09:07 – 10:45 शुभ
लाभ 10:45 – 12:23 शुभ
अमृत 12:23 – 14:01 शुभ
काल 14:01 – 15:39 अशुभ
शुभ 15:39 – 17:17 शुभ
रोग 17:17 – 18:55 अशुभ

?चोघडिया, रात
काल 18:55 – 20:17 अशुभ
लाभ 20:17 – 21:39 शुभ
उद्वेग 21:39 – 23:01 अशुभ
शुभ 23:01 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24* – 25:46* शुभ
चर 25:46* – 27:08* शुभ
रोग 27:08* – 28:30* अशुभ
काल 28:30* – 29:52* अशुभ

?होरा, दिन
मंगल 05:51 – 06:57
सूर्य 06:57 – 08:02
शुक्र 08:02 – 09:07
बुध 09:07 – 10:13
चन्द्र 10:13 – 11:18
शनि 11:18 – 12:23
बृहस्पति 12:23 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:34
सूर्य 14:34 – 15:39
शुक्र 15:39 – 16:45
बुध 16:45 – 17:50
चन्द्र 17:50 – 18:55

?होरा, रात
शनि 18:55 – 19:50
बृहस्पति 19:50 – 20:45
मंगल 20:45 – 21:39
सूर्य 21:39 – 22:34
शुक्र 22:34 – 23:29
बुध 23:29 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:18
शनि 25:18* – 26:13
बृहस्पति 26:13* – 27:08
मंगल 27:08* – 28:02
सूर्य 28:02* – 28:57
शुक्र 28:57* – 29:52

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

कर्क > 02:51 से 05:08 तक
सिंह > 05:08 से 07:14 तक
कन्या > 07:14 से 09:24 तक
तुला > 09:24 से 11:38 तक
वृश्चिक > 11:38 से 13:54 तक
धनु > 13:54 से 16:24 तक
मकर > 16:24 से 17:58 तक
कुम्भ > 17:58 से 19:30 तक
मीन > 19:30 से 20:04 तक
मेष > 20:04 से 10:36 तक
वृषभ > 10:36 से 00:28 तक
मिथुन > 00:28 से 02:48 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 5 + 3 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभा रूढ़ = शुभ कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

?? विशेष जानकारी ??

*गूगा पंचमी

*रक्षा पंचमी (उड़ीसा)

*चन्द षष्ठी व्रत

*बृहदगौरी व्रत

* श्री कृष्ण चरण चिन्ह दर्शन गोवर्धन शिला श्री राधादामोदार जी वृन्दावन

*सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग 21: 6 से

* श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी पुण्य तिथि

??? शुभ विचार ???

स्वयं कर्म करोत्यत्मा स्वयं तत्फलमश्नुते ।
स्वयं भ्रमति संसारे स्वयं तस्माद्विमुच्यते ।।
।। चा o नी o।।

जीवात्मा अपने कर्म के मार्ग से जाता है. और जो भी भले बुरे परिणाम कर्मो के आते है उन्हंं भोगता है. अपने ही कर्मो से वह संसार में बंधता है और अपने ही कर्मो से बन्धनों से छूटता है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

ब्रह्मभूतः प्रसन्नात्मा न शोचति न काङ्क्षति।,
समः सर्वेषु भूतेषु मद्भक्तिं लभते पराम्‌॥,

फिर वह सच्चिदानन्दघन ब्रह्म में एकीभाव से स्थित, प्रसन्न मनवाला योगी न तो किसी के लिए शोक करता है और न किसी की आकांक्षा ही करता है।, ऐसा समस्त प्राणियों में समभाव वाला (गीता अध्याय 6 श्लोक 29 में देखना चाहिए) योगी मेरी पराभक्ति को ( जो तत्त्व ज्ञान की पराकाष्ठा है तथा जिसको प्राप्त होकर और कुछ जानना बाकी नहीं रहता वही यहाँ पराभक्ति, ज्ञान की परानिष्ठा, परम नैष्कर्म्यसिद्धि और परमसिद्धि इत्यादि नामों से कही गई है) प्राप्त हो जाता है॥,54॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

ये भी पढ़ें: सिंह राशिफल 22 अगस्त 2022

ये भी पढ़ें: कर्क राशिफल 22 अगस्त 2022

Connect With Us : Twitter Facebook

Neha Dhiman

Share
Published by
Neha Dhiman

Recent Posts

Road Accident: भीषण हादसा! ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर, जीजा-साले समेत 3 की मौत

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Road Accident: हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना में एक…

20 mins ago

Patwari News: हरियाणा में उर्दू पढ़ेंगे नव नियुक्त पटवारी, कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए देंगे विशेष ट्रेनिंग

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Patwari News: हरियाणा सरकार ने पटवारियों की कार्यक्षमता और प्रशासनिक…

32 mins ago

Ranbir Gangwa: “ये अब कोई पार्टी नहीं, बल्कि गुट है…”, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने कांग्रेस पर कसा निशाना

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ranbir Gangwa: कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा रविवार को सिरसा पहुंचे,…

44 mins ago

Live in Relationship: प्यार में बड़ी धोखेबाजी! लिव इन में रह रही गर्लफ्रेंड के साथ किया घिनौना काम, फिर घर को आग से फूंका

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Live in Relationship: प्यार, तकरार और फिर प्रेमिका की बेरहमी…

2 hours ago