इंडिया न्यूज, World Brain Tumor Day 2022: हर वर्ष 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता हैं। इस दिन को मनाने के पिछे को मकसद लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना है। आज के समय में यह बीमारी बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है। इस दिन कई जगहों पर कार्यक्रम किए जात है ताकि लोगों को इस बीमारी से जुडे लक्षण और इसके बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है ताकी लोग इस बीमारी का बढ़ने से रोका जा सके और इससे बचा जा सके।
ब्रेन ट्यूमर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। अगर इस बीमारी का सही समय पर सही इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। लोगों को इस बीमारी से प्रति चेतावनी देने के लिए आज के दिन ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है।
विश्व ब्रेन ट्यूमर डे पहली बार जर्मनी के जर्मन में ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन ने आयोजित किया था। इस संस्था का मकसद लोगों को ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक करना है।
-ब्रेन ट्यूमर के आकार और स्थिति के आधार पर अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। प्रमुख लक्षणों में सम्मिलित हैं:
-मामूली सिरदर्द का धीरे-धीरे गंभीर हो जाना।
-सुबह-सुबह सिरदर्द के कारण नींद खुल जाना।
-जी मचलाना या उल्टी होना।
-दृष्टि प्रभावित होना जैसे धुंधला दिखाई देना, चीजें दो-दो दिखाई देना।
-संतुलन बनाने में समस्या आना।
-बोलने में परेशानी होना।-चक्कर आना, विशेषरूप से ऐसे व्यक्ति को जिसे कभी यह समस्या नहीं हो।
-सुनने में समस्या होना।
बार बार सर दर्द होना भी ब्रेन ट्यूमर विकसित होने का संकेत हो सकता है। अगर आप पिछले कुछ दिनों से इस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं और तुरंत जांच कराएं। हालांकि समय पर चिकित्सा की सलाह के अनुसार इस बीमारी का समय पर इलाज करवा लिया जाए तो ठीक होने की संभावना रहती है।
ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क में एक पिंड या आसामान्य कोशिकाओं का विकास है। ब्रेन ट्युमर मुख्यता दो प्रकार के होते हैं। कैंसर रहित और कैंसर युक्त होते हैं। कैंसरयुक्त ट्यूमर को भी उसके विकसित होने के तरीके के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है। जो ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में विकसित होते हैं उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और जो शरीर के दूसरे भाग से मस्तिष्क में फैल जाते हैं उन्हें सेकंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ब्रेन ट्यूमर के कारण तंत्रिका तंत्र की कार्यवाही कितनी प्रभावित होगी यह इसपर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से विकसित हो रहा है, और किस स्थान पर स्थित है।
सर्जरी के द्वारा पूरे ट्यूमर को या ट्यूमर के कुछ भाग को निकाल दिया जाता है। यहां तक कि अगर ब्रेन ट्यूमर के एक भाग को भी निकाल दिया जाए तो भी लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है। ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी में कईं जोखिम होते हैं, जैसे संक्रमण और ब्लीडिंग। अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर है जहां जोखिम अधिक है तब उपचार के दूसरे उपायों का सहारा लिया जाता है। माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन (एमईएस) सर्जरी ने ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए की जाने वाली सर्जरी को आसान और ज्यादा बेहतर बना दिया है।
रेडिएशन थेरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई-एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का इस्तेमाल किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी दो प्रकार से दी जाती है; एक्सटर्नल बीम रेडिएशन और ब्रैकीथेरेपी। रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स इसपर निर्भर हैं कि रेडिएशन के किस प्रकार का और कितना डोज दिया जा रहा है। सामान्य साइड इफेक्ट्स में सम्मिलित है थकान, सिरदर्द, याददाश्त कमजोर पड़ना और स्कॉल्प पर जलन और खुजली होना।
यह पारंपरिक रूप में सर्जरी नहीं है। इसमें कैंसरयुक्त कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की कईं बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है। रेडियो सर्जरी एक ही सीटिंग में हो जाती है, और अधिकतर मामलों में, इसमें उसी दिन घर जा सकते हैं।
इसमें दवाईयों का इस्तेमाल ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी की दवाएं, गोली के रूप में ली जा सकती हैं या नसों में इंजेक्शन के द्वारा ली जाती हैं। इसका कितना डोज दिया जाएगा यह ट्यूमर के प्रकार पर निर्भर करता है। इसके कारण जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
टारगेट ड्रग थेरेपी, कैंसर कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट आसामान्यताओं पर फोकस करती है। इन असामान्यताओं को ब्लॉक करके कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है।
जीवनशैली में परिवर्तन लाना जैसे नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, पोषक और संतुलित भोजन का सेवन करना, और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन, शरीर को अधिक शक्तिशाली और ट्यूमर के विकास के लिए अधिक रेजिस्टेंट बनाता है। इसके अलावा इन बातों का भी ध्यान रखें:
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