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DOB Change in Marksheet: उम्र घटाने के लिए 10वीं-12वीं की परीक्षा दोबारा देना धोखाधड़ी, क्या हैं नियम?

BY: • LAST UPDATED : November 27, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), DOB Change in Marksheet: सरकारी नौकरी की चाहत में कई लोग कभी-कभी गलत रास्ते अपना लेते हैं, लेकिन यही रास्ता उन्हें मुसीबत में भी डाल सकता है। हाल ही में हरियाणा में एक व्यक्ति ने अपने बेटे की उम्र घटाने के लिए धोखाधड़ी का सहारा लिया, जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की है। यह मामला खासकर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें एक छात्र ने अपनी जन्मतिथि बदलवाकर दो बार 12वीं की परीक्षा दी।

कैसे बदलवा सकते हैं नाम?

मामला हरियाणा के सौन्दहद गांव का है, जहां एक युवक लक्ष्मण और उसके पिता देवीराम ने मिलकर 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में जन्मतिथि और मां का नाम बदलवा लिया। लक्ष्मण ने 2007-2008 में 10वीं की परीक्षा दी थी, जिसमें उसकी जन्मतिथि 18 जून 1991 दर्ज थी। बाद में उसने अपनी जन्मतिथि 18 अक्टूबर 1996 दिखाकर 2014-15 में फिर से 12वीं की परीक्षा दी। इस धोखाधड़ी को पकड़ने के बाद, प्रिंसिपल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और अब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेज़ों में हेराफेरी का मामला दर्ज किया है।

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क्या दोबारा दे सकते है बोर्ड परीक्षा

अब सवाल यह उठता है कि क्या किसी छात्र को बोर्ड की परीक्षा दोबारा देने का अधिकार है? इसका जवाब है हां, लेकिन इसके लिए शर्तें हैं। छात्र अगर नंबर सुधारने या सब्जेक्ट बदलने के लिए परीक्षा फिर से देता है, तो वह कानूनी है। लेकिन अगर उम्र घटाने या अन्य दस्तावेज़ी हेराफेरी के लिए परीक्षा दोबारा दी जाती है, तो यह धोखाधड़ी मानी जाती है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है। इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि उम्र घटाने या अन्य गलत तरीकों से सरकारी नौकरी पाने के लिए ऐसे कदम उठाना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह कानून का उल्लंघन भी है।

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