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Higher Education Department: हरियाणा के आधे से ज्यादा कॉलेजों में प्रिंसिपल की कमी, प्रमोशन और भर्ती रुकी

• LAST UPDATED : November 13, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Higher Education Department: हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल की गंभीर कमी का मामला सामने आया है। प्रदेश के कुल 184 सरकारी कॉलेजों में से 56 फीसदी यानी 104 कॉलेजों में प्रिंसिपल का पद खाली पड़ा हुआ है। इसके परिणामस्वरूप कॉलेजों में शैक्षणिक कार्यों की निगरानी और प्रशासनिक जिम्मेदारियां सहायक प्रोफेसरों पर डाल दी गई हैं, जो अतिरिक्त कार्यभार को संभालने में मजबूर हैं। लेकिन इस स्थिति में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि सहायक प्रोफेसर का ध्यान केवल अपनी नियमित कक्षाओं पर होता है, न कि कॉलेज के समग्र प्रबंधन पर।

उच्चतर शिक्षा विभाग की लापरवाही से बढ़ी बात

इस समस्या की जड़ उच्चतर शिक्षा विभाग की लापरवाही में है। लंबे समय से न तो सहायक प्रोफेसरों की पदोन्नति हो पाई है और न ही प्रिंसिपल के पदों पर सीधी भर्ती की गई है। दरअसल, विभाग के नियमों और यूजीसी के नए मानकों के कारण इन पदों पर भर्ती में अड़चनें आ रही हैं। पहले जहां 25 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता था, वहीं पिछले कई सालों से यह प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है। इसके चलते कॉलेजों में स्थायी नेतृत्व की कमी हो गई है, जिससे पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में असंतुलन पैदा हो रहा है।

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शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने दिया आश्वासन

प्रिंसिपल के बिना कॉलेजों में गुटबाजी बढ़ रही है और बिना एक सक्षम प्रमुख के, कॉलेजों की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को जल्द सुलझाया जाएगा और खाली पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया को पुनः सक्रिय किया जाएगा। यह स्थिति उच्च शिक्षा विभाग की प्राथमिकताओं का पुनर्निरीक्षण करने की आवश्यकता को उजागर करती है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिल सके।

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