Haryanvi Culture: करनाल में हरियाणवी संस्कृति और रागिनी का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसको देखने के लिया लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी । इस कार्यक्रम का आयोजन करनाल सनातन धर्म शिव मंदिर की ओर से किया गया था ।इसे देखने के लिए आस पास के गांवो के लोग इक्क्ठे हुए थे।
हरियाणवी संस्कृति कला का आनंद आज भी गांव-गांव से लोग आकर उठाते हैं। भले ही आज डिजिटल मीडिया ने अपना प्रभाव लोगों पर बना रखा है, लेकिन पुरानी परंपराएं और सभ्यता को आज भी लोग बचाने में लगे हुए हैं। पहले के टाइम में कभी गांव गांव में हरियाणा के कार्यक्रमों में सांग का आयोजन होता था जहां रागनियां और नृत्य के माध्यम से कलाकार सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की कोशिश करते थे। मनोरंजन के माध्यम से पुराने किस्से पुरानी कहानियां मंच से दिखाई जाती थी।
यह कल्चर कभी हरियाणा के गांव गांव शहर शहर दिखता था, लेकिन आज के समय में यह कल्चर लुप्त होता जा रहा है। एक और जहां युवा पीढ़ी डिजिटल माध्यमों की तरफ तेजी से बढ़ रही है तो वहीं दूसरी और बुजुर्ग लोग इस परंपरा को बचाने में जुटे हुए हैं। कलाकारों और आयोजकों का कहना यही है कि हमारी पिछले 47 साल से यही कोशिश है कि अपनी सभ्यता संस्कृति को लोगों तक पहुंचाया जाए।
पहले के समय में मोबाइल नहीं होता था लोग आपस में मिलते थे तो यही सांग के माध्यम से आपस में बैठकर मनोरंजन किया करते थे और पुराने किस्से कहानियों पर बातचीत करते थे और लोग कुछ इसी माध्यम से खुश होते थे।
हरियाणवी संस्कृति सांग और रागिनी के कलाकार काफी कम हो गए हैं, लेकिन आज भी इन को लेकर लोगों का उत्साह कम दिखाई नहीं देता है।
हरियाणवी संस्कृति के इस कार्यक्रम को मंदिर सभा के प्रधान अविनाश बंसल, कार्यकारी अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा, शशि भूषण गुप्ता उप प्रधान, मंच संयोजक,पाला राम पहलवान, राधेश्याम गुप्ता, बृजभूषण गौतम और सचिव,गौरव गर्ग के संयुक्त सार्थक प्रयासों से लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है इसके साथ ही सांगी मोहम्मद मीर कलाकार और उनके साथी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
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