India News Haryana (इंडिया न्यूज़), know Adulteration : आज हर चीज में मिलावट हाे रही है जिस कारण हमारा स्वास्थ्य भी दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। आप अपने मसालों पर नजर डालें तो हम नहीं जान पाते कि इसमें मिलावट है या नहीं। तो चलिए आज हम आपको आपकी रसोई में आने वाले मसालों की पहचान कराते हैं वह असली है या उसमें मिलावट है।
जीरे की परख करने के लिए थोड़ा सा जीरा हाथ में लीजिए और दोनों हथेलियों के बीच रगड़िए। अगर हथेली में रंग छूटता है तो समझ लें कि जीरा मिलावटी है क्योंकि जीरा रंग नही छोड़ता।
हींग की गुणवत्ता जांचने के लिए उसे पानी में घोलिए। अगर घोल दूधिया रंग का हो जाए तो समझिए कि हींग असली है। दूसरा तरीका है हींग का एक टुकड़ा जीभ पर रखें अगर हींग असली होगी तो कड़वापन या चरपराहट का अहसास होगा।
लाल मिर्च पाउडर में सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है। इसकी जांच करने के लिए पाउडर को पानी में डालिए, अगर रंग पानी में घुले और बुरादा जैसा तैरने लगे तो मान लीजिए की मिर्च पाउडर नकली है।
इन दिनों मार्केट में ऐसी सौंफ और धनिया मिलता है जिस पर हरे रंग की पॉलिश होती है ये नकली पदार्थ होते हैं, इसकी जांच करने के लिए धनिए में आयोडीन मिलाएं, अगर रंग काला हो जाए तो समझ जाइए कि धनिया नकली है।
काली मिर्च पपीते के बीज जैसी ही दिखती है, इसलिए कई बार मिलावटी काली मिर्च में पपीते के बीज भी होते हैं। इसको परखने के लिए एक गिलास पानी में काली मिर्च के दानें डालें। अगर दानें तैरते हैं तो मतलब वो दानें पपीते के हैं और काली मिर्च असली नहीं है।
6. शहद (Honey)
शहद में भी खूब मिलावट होती है। शहद में चीनी मिला दी जाती है, इसकी गुणवत्ता जांचने के लिए शहद की बूंदों को गिलास में डालें, अगर शहद तली पर बैठ रहा है तो इसका मतलब वो असली है नहीं तो नकली है।
घी में मिलावट की जांच करने के लिए दो चम्मच हाइट्रोक्लोरिक एसिड और दो चम्मच चीनी लें और उसमें एक चम्मच घी मिलाएं। अगर मिश्रण लाल रंग का हो जाता है तो समझ जाइए कि घी में मिलावट है।
दूध में पानी, मिल्क पाउडर, कैमिकल की मिलावट की जाती है। जांच करने के लिए दूध में उंगली डालकर बाहर निकाल लीजिए। अगर उंगली में दूध चिपकता है तो समझ जाइए दूध शुद्ध है। अगर दूध न चिपके तो मतलब दूध में मिलावट है।
चाय की जांच करने के लिए सफेद कागज को हल्का भिगोकर उस पर चाय के दानें बिखेर दीजिए। अगर कागज में रंग लग जाए तो समझ जाइए चाय नकली है क्योंकि असली चाय की पत्ती बिना गरम पानी के रंग नहीं छोड़ती।
कॉफी की शुद्धता जांचने के लिए उसे पानी में घोलिए। शुद्ध कॉफी पानी में घुल जाती है, लेकिन अगर घुलने के बाद कॉफी तली में चिपक जाए तो वो नकली है।
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