India News (इंडिया न्यूज), Papaya Benefits : पका हुआ पपीता वायु व पित्त दोषनाशक, वीर्यवर्धक, ह्रदय के लिए हितकारी, मल-मूत्र साफ़ लानेवाला तथा यकृत व तिल्ली वृद्धि, मंदाग्नि, आँतों के कृमि एवं उच्च रक्तचाप आदि रोगों में लाभकारी हैं। छोटे बच्चों और दूध पिलाने वाली माताओं के लिए पपीता टॉनिक का काम करता हैं। यह पाचनशक्ति को भी सुधारता है, जिन्हें कब्ज की शिकायत हमेशा रहती है, उन्हें पका पपीता नियमित खाना चाहिए।
पपीते में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में होता हैं, जिससे नेत्र ज्योति में वृद्धि है और रतौंधी रोग ठीक होता है। इसमें विद्यमान विविध एंजाइमों के कारण आँतों के कैंसर से रक्षा होती है। पपीते को शहद के साथ खाने से पोटैशियम तथा विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ की कमी दूर होती है।
औषधीय प्रयोग
अजीर्ण एवं कब्ज : पके पपीते पर सेंधा नमक, जीरा और नींबू का रस डालकर कुछ दिन नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आँतों की सूजन, अपेंडिक्स में लाभ होता हैं।
दाँतों के रोग : पके पपीते में विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है, अत: दांतों के हिलने या खून आने में पपीता खाने से लाभ होता है।
बवासीर : सुबह खाली पेट पपीता खाने से शौच साफ होता व बवासीर में आराम मिलेगा।
बच्चों का विकास : रोज थोड़ा पपीता खिलाने से बच्चों का कद बढ़ता है, शरीर मजबूत एवं तंदुरस्त बनता है।
दुधवृद्धि : पपीता खाने से दूध पिलानेवाली माताओं का दूध बढ़ जाता है।
पेट में कीड़े : कच्चे पपीते का रस 10 ग्राम सुबह पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते है।
सावधानियां : ये सभी गुण प्राकृतिक रूप से पेड़ पर पके हुए देशी पपीतों के हैं, इंजेक्शन अथवा रसायन द्वारा पकाये गये या फुलाये गये पपीतों में ये गुण नहीं पाये जाते। सगर्भावस्था में, मासिक स्त्राव अधिक आनेपर, खूनी बवासीर व गर्मी से उत्पन्न बीमारियों में तथा गर्म तासीर एवं पित्त व रक्त विकार्वाले पपीते का सेवन न करें। कच्चा पपीता आँतों का संकोचन करने वाला तथा कफ, वायु व पित्त वर्धक होता है।
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