रतिया/अशोक ग्रोवर
प्रदेश की मंडियों में जहां गेहूं की खरीद को लेकर सरकार तमाम इंतजामों का दावा कर रही है, वहीं सब्जी की फसल खेतों में बर्बाद हो रही है… सरकार दावे करती है कि किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर योजना से फायदा दिया जाएगा.. भावांतर तो छोड़िए किसान की सब्जी की फसल मुफ्त में बिक रही है… पूरी फसल बेचकर भी किसान ढुलाई की लागत भी नहीं निकाल पा रहा है… परेशानी के चलते उसे अपनी फसल खेत की मिट्टी में ही दफन करनी पड़ रही है… पहले भी कई मामले फसल बर्बाद करने के सामने आ चुके हैं… लेकिन ताजा मामला फरीदाबाद के रतिया से सामने आया है.
रतिया के गांव अलीका में सब्जियों के दाम सही ना मिलने से परेशान किसान विरेंद्र कुमार ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया… विरेंद्र ने एक एकड़ खेत में गोभी की सब्जी लगा रखी थी… मंडी में गोभी का भाव सही तरीके से नहीं मिल रहा था… गोभी की सब्जी एक दो रुपए किलो तक बिक रही थी… जिससे किसान का ढ़ुलाई का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा था..
किसान विरेंद्र कुमार का कहना है कि खेत जोतने से लेकर गोभी लगाने तक बहुत ज्यादा मेहनत की उसके बावजूद खर्चा भी पूरा नहीं मिल पा रही… जब मार्केट में भाव नहीं मिल रहा, ऐसे में मंडी में ले जाने तक का तेल खर्चा क्यों किया जाए… खेती में लागत से ज्यादा खर्चा होने की वजह से दुखी होकर गोभी की फसल को नष्ट कर दिया… सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों को बहुत बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ रहा है…
किसान के मुताबिक सरकार भले ही कृषि आय दोगुनी करने के दावे करती हो.. लेकिन जमीनी सच्चाई ये ही है कि किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है… हाल ही में गोभी जोतने का मामला बिहार से भी सामने आया था, जिसकी फसल को केंद्र सरकार ने 11 रुपए किलो में बिकवाया था, लेकिन हर किसान की किस्मत एक सी नहीं होती है..