हरियाणा में 1 अप्रैल से कुछ नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं. जिनका असर प्रदेश की जनता पर पड़ने वाला है. प्रदेश के इन बदलाव के बारे में जानने के लिए पढ़िए हमारी पूरी रिपोर्ट. जिसको जानने के बाद आप को किसी आने वाली परेशानी का सामना करना पड भी गया तब भी आराम से सुलझा लेंगे।
बजट सेशन के मुताबिक 1 अप्रैल याने आज से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है. ऐसे में उन घोषणाओं पर अमल शुरू हो जाएगा, जिनके लिए राज्य सरकार ने बजट में प्रावधान किया था।
जिसमें सबसे पहले आपकी जेब को झटका लगेगा एक्सप्रेस वे पर, क्यों कि जब(KGP) कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे पर आप वाहन दौड़ा रहे होंगे तब पहले से ज्यादा टोल देना होगा, क्योंकि केजीपी पर कार का पहले के मुकाबले 15 रुपये तो ट्रक का सीधे 100 रुपये तक टोल टैक्स बढ़ा दिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल टैक्स(TOLL TAX) बढ़ाने की नई सूची जारी की है, यह बढ़ा हुआ टैक्स 1 अप्रैल से लागू हो चुका है. एनएचएआई(NHAI) ने केजीपी(KGP) पर टोल टैक्स बढ़ा दिया है।
जिससे कुंडली के मुख्य टोल प्लाजा(MAIN TOLL PLAZA) से पलवल तक कोई कार लेकर जाता है, तो उसे अब 225 की जगह 240 रुपये टोल टैक्स देना होगा, इसी तरह ट्रक को 1440 की जगह 1540 रुपये तक टोल टैक्स देना होगा।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने जब हरियाणा का वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया, था तो उस बजट में कई राहतों का ऐलान किया था. राज्य में वृद्धावस्था पेंशन में 250 रुपये की वृद्धि करने घोषणा की गई थी. अब यह पेंशन 2500 रुपये प्रति माह कर दी गई है. पहले बुजुर्गों को प्रति माह 2250 रुपये थी, यह वृद्धि 1 अप्रैल से लागु हो चुकी है।
सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की गई थी, राज्य में 9वीं से 12वीं तक के सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. इसी के साथ सरकारी स्कूलों में IT शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके लिए डिजिटल क्लासरूम(CLASSROOM) के लिए 700 करोड़(700 CRORE) रुपये की योजना तैयार की गई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में 1 लाख परिवारों की सालाना आय बढ़ाने के लिए, 1 अप्रैल से अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू करने का ऐलान किया था. उन्होंने बताया कि बहुत से परिवार ऐसे हैं, जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये भी नहीं है। योजना में शामिल होने के लिए अब तक करीब 13 हजार लोगों का पंजीकरण हो चुका है. सरकार इन्हें स्वरोजगार के साधन देगी. इनकी वार्षिक आय को कम से कम एक लाख रुपये किया जाएगा. इस योजना के पहले चरण में 1 लाख परिवारों को शामिल किया जाएगा. इसके लिए परिवारों को चिन्हित किया जा रहा है।