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सरकारी और निजी संपत्ति की दी जाएगी ID

• LAST UPDATED : April 1, 2021

चण्डीगढ़

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में कहा कि प्रदेश में हर तरह की सम्पत्ति की आईडी दी जाएगी. और इसमें सरकारी सम्पत्ति को भी शामिल किया जाएगा. साथ ही  सरकारी विभागों की परिसम्पत्तियों का स्वामित्व भी पंचायतों, और जिला परिषदों से अलग किया जाएगा. जिससे भविष्य में इस तरह की सम्पत्ति पर किसी तरह का विवाद न हो. इसके अलावा, विवादास्पद सम्पत्ति की भी अलग से श्रेणी बनाई जाएगी।

स्वामित्व योजना को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता

बता दें मुख्यमंत्री ने हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट (Large Scale Maping Project), और स्वामित्व योजना को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. गौरतलब है कि हर सप्ताह गुरुवार के दिन सभी जिला उपायुक्तों के साथ संवाद के मकसद से इस तरह की बैठक शुरू की गई हैं. और इस कड़ी में आज दूसरी बैठक थी।

मनोहर लाल ने कहा कि चकबंदी का कार्य हर 50 साल के बाद दोबारा किए जाने की जरूरत है. और चकबंदी कार्य के लिए अलग से काडर बनाया जाएगा. साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि का मूल्यांकन गांव की बजाय एकड़ के हिसाब से किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से भूमि देने वाले लोगों, के लिए ई-भूमि पोर्टल के रूप में एक प्लेटफार्म मुहैया कराया गया है।

सीएम ने जिला पंचकूला के उपायुक्त को निर्देश दिए हैं, कि जिले के मोरनी ब्लॉक में ड्रोन मैपिंग का कार्य एक महीने के अंदर पूरा किया जाए. इसके लिए किसी भी किस्म की सहायता की आवश्यकता है. तो संबंधित विभाग से वह तुरंत मुहैया करवाई जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं, कि इस काम के लिए 10 और ड्रोन मुहैया करवाए जाएगे, जिससे हर जिले में कम से कम एक ड्रोन उपलब्ध हो जाए।

मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के मकसद से शुरू की गई, महत्वाकांक्षी योजना से प्रभावित होकर, केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय स्तर पर स्वामित्व योजना के नाम से शुरू किया गया है. इससे सम्पत्ति को लेकर विवादों में कमी आएगी, मुकदमेबाजी कम होगी और रेवेन्यू कोर्ट का काम भी काफी हद तक कम हो जाएगा।

ड्रोन आधारित इमेजिंग का कार्य कितना पूरा हो चुका है ?

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 7187 गांवों में से 5554 गांवों की ड्रोन आधारित इमेजिंग का कार्य पूरा हो चुका है. जिला रेवाड़ी में सभी लाल डोरा गांवों की ड्रोन इमेजिंग का काम पूरा हो गया है. भिवानी और महेंद्रगढ़ जिलों का प्रदर्शन भी अच्छा है।

प्रदेश के 11 जिले जल्द ही लाल डोरा मुक्त हो जाएंगे. जबकि शेष जिलों को लगभग 6 माहीने तक लाल डोरा मुक्त किया जा सकेगा. इसके अलावा, 345 गांवों को लाल डोरा मुक्त घोषित किया जा चुका है. और लाल डोरा क्षेत्रों के लिए 30 मार्च तक 43166 टाइटल डीड पंजीकृत हुए हैं. इन सम्पत्तियों के लेन-देन के लिए अब वैब हेलरिस के माध्यम से पंजीकरण उपलब्ध हैं।

बैठक में बताया गया कि स्वामित्व को लेकर विवादों के निपटान के लिए एनआईसी शिकायत निवारण पोर्टल बनाया गया है. अब तक 5318 विवाद पंजीकृत हुए हैं, जिनमें से 2760 का निपटान किया जा चुका है. इस दौरान यह भी बताया गया कि नए डीड अप्वायंटमेंट एवं रजिस्ट्रेशन सिस्टम में अप्वायंटमेंट की बुकिंग और डीड रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर अनिवार्य किया गया है।

चूंकि, आधार नम्बर न होने के कारण एनआरआई को अप्वायंटमेंट की बुकिंग में दिक्कत आ रही है.  इसलिए उनके मामले में पासपोर्ट नम्बर अनिवार्य किया गया है. अगर विक्रेता एनआरआई है, तो अप्वायंटमेंट बुकिंग के दौरान सिस्टम द्वारा उसका पासपोर्ट नम्बर पूछा जाएगा।

बैठक में कौन कौन रहा शामिल

बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका, उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और सूचना, जनसंपर्क भाषा विभाग के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक श्री आर. सी. बिढ़ान समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त तथा योजना से जुड़े अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।