इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Meeting on ‘Omicron’ नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक संक्रामक बताया जा रहा है। अब तक के मिले डाटा के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को बहुत ज्यादा हाई रिस्क पर रखा है। ओमिक्रॉन की पहचान दक्षिण अफ्रीका से हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर अभी कुछ भी सही तरीके से स्पष्ट नहीं है। हालांकि, प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स से बच सकते हैं और एक से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। अभी इस वैरिएंट को अच्छे से समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी देशों को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना चाहिए। वहीं इस नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों में बैठकें भी शुरू हो चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए मंथन किया जिसमें उन्होंने इस वारयर को लेकर सभी राज्यों को छह सूत्रीय उपाय बताए। जानें कौन से हैं वे उपाय। -सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जांच में इजाफा करें ताकि सही समय पर वायरस का पता चल सके।
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-राज्य हर स्तर पर निगरानी बढ़ाएं।
– सभी राज्य कंटेनमेंट जोन तैयार करें।
– हॉटस्पॉट की निगरानी बढ़ाई जाए।
-वैक्सीनेशन में इजाफा।
-राज्यों में हर स्तर पर निगरानी बढ़ाएं।
-हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करें।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 28 नवंबर को लिखे एक पत्र में भूषण ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूनों की जांच जल्द से जल्द सुनिश्चित करने और अन्य कार्यों को भी सख्ती से लागू करने पर भी जोर दिया था।
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