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सात डिब्बों वाली इस अनोखे ट्रेन में रोज सवार होते हैं 207 छात्र-छात्राएं
सात डिब्बों वाली इस अनोखे ट्रेन में रोज सवार होते हैं 207 छात्र-छात्राएं
कोसली
कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव जुड़डी में शहीद धर्मपाल राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है, जो देखने में बिल्कुल ट्रेन जैसा लगता है। इस स्कूल के सभी कमरों को ट्रेन के डिब्बों वाली आकृति पेंट द्वारा दी गई है। 7 डिब्बों वाली इस ट्रेन में प्रतिदिन 207 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। वर्ष 2019 के जनवरी माह में सरकारी स्कूल के अध्यापक कन्वेंस करने गांव में पहुंचे। उन्होंने छात्रों के अभिभावक से कहा कि वह अपने गांव में बने सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला करवाकर सरकारी सुविधाओं का लाभ लें। मैडम की बात सुन एक अभिभावक ने कहा कि हम आपके स्कूल में दाखिला क्यों कराएं वहां तो बैठने के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं है। स्कूल में रंग पेंट तक नहीं कराया जाता।
उसके बाद प्राचार्य राजेश कुमारी के मन में आया कि अब अपने स्कूल को भी प्राइवेट स्कूलों की चकाचौंध वाला स्कूल बनाएंगे। सकून की व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने सभी अध्यापकों व अभिभावकों के साथ ग्राम सरपंच व स्कूल प्रधान का सहयोग लिया। लॉकडाउन में उन्होंने अपने स्कूल को ट्रेन की आकृति वाले पेंट से सजा दिया। इस रंग पेंट पर स्कूल के अध्यापकों व गांव के कुछ लोगों द्वारा पैसा इकट्ठा कर खर्च किया गया है। इस सरकारी स्कूल में आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर लैब और आरओ वाटर की सुविधा उपलब्ध है। बिजली निरंतर आती रहें इसके लिए 5 किलो वाट का सोलर सिस्टम भी लगाया गया है। खेल में अपनी प्रतिभाएं इस स्कूल के छात्र छात्राएं दिखा सके इसलिए प्लेग्राउंड तो भी अच्छे से बनाया गया है। साथ ही छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय भी बनाए गए हैं ताकि किसी तरह की भी परेशानी उन्हें ना उठानी पड़े।
इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों जैसा छात्र-छात्राएं महसूस कर पाए इसके लिए उन्होंने स्कूल में ड्रेस कोड में भी संशोधन किया है इसके साथ ही आइडेंटी कार्ड, टाई बेल्ट व डायरी भी लगाई गई है। स्कूल में कबड्डी, खो-खो, लॉन्ग जंप, वालीबाल जैसे पारंपरिक खेलों पर भी जोर दिया जाता है। इसके साथ ही स्कूल प्रांगण में पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई है ताकि बच्चे व अध्यापक अपने वाहनों को सिस्टमैटिक तरीके से खड़ा कर सके। प्राचार्य राजेश कुमारी ने बताया कि अब हमारे स्कूल को गांव से ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र से भी लोग देखने आते हैं। एजुकेशन ट्रेन के साथ लोग फोटो भी खिंचवाते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि अब उन्हें ट्रेन नुमाइश स्कूल में बैठकर पढ़ाई करने में आनंद मिलता है। हमारे स्कूल को बाहर से लोग देखने आते हैं तो हमें और भी ज्यादा अच्छा महसूस होता है। जो सुविधाएं प्राइवेट स्कूल में दी जाती हैं उससे भी ज्यादा सुविधाएं हमारे इस सरकारी सकूल में हमें मिल रही हैं।
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