होम / Veterinary Doctor : हरियाणा में पशु चिकित्सकों के 34 फीसदी पद खाली

Veterinary Doctor : हरियाणा में पशु चिकित्सकों के 34 फीसदी पद खाली

• LAST UPDATED : September 27, 2023
  • विभाग ने सरकार को वैकल्पिक इंतजाम के लिए कहा

  • हरियाणा में पशु चिकित्सकों के करीब करीब 400 पद खाली हैं, 383 पशु चिकित्सकों की भर्ती का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन

India News (इंडिया न्यूज़), Veterinary Doctor, चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी बड़ी समस्या के रूप में लंबे समय से सामने खड़ी है। कुछ ऐसी ही स्थिति हरियाणा में पशु अस्पतालों में भी है। पशु कई तरह की बीमारी से संक्रमित होते हैं। पिछले साल व्यापक पैमाने पर पशुधन में लंपी बीमारी फैली, जिसके चलते काफी संख्या में पशुओं की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों की कमी के चलते पशुओं के इलाज में काफी परेशानी आई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में वेटरनरी सर्जन के एक तिहाई से ज्यादा पद खाली हैं। पशुधन को बीमारियों से बचाने व इलाज में देरी पशु चिकित्सकों की कमी सरकार के सामने भी चुनौती बनी हुई है।

इसके चलते पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूरे प्रदेश में पशुओं के अधिकतर स्थाई पद पर्याप्त नहीं हैं। कई जिलों में तो उनके 50 फीसदी से भी ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। हर साल विभाग से बड़े पैमाने पर पशु चिकित्सक रिटायर भी हो रहे हैं।

वर्ष 2018 के बाद कोई भी नई भर्ती नहीं हुई। ये भी बता दें कि विभाग को डॉक्टरों के अलावा पशु अस्पतालों में सहायकों की कमी भी समस्या बनी हुई है। पशु चिकित्सा विकास सहायकों के पद भी खाली पड़े हैं। इसके चलते लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है। इस कारण कई बार तो पशुओं की जान भी जोखिम में आ जाती है और पशुपालकों की जेब पर खर्च अलग से पड़ता है।

कुल 1150 पद, इनमें से कई पद खाली

हरियाणा में पशु अस्पतालों में डॉक्टरों के करीब 1150 पद हैं। इनमें से एक तिहाई पद खाली हैं। विभागीय आंकड़ों में पता चलता है कि करीब 400 पद खाली हैं। इसके चलते व्यापक पैमाने पर पशुओं के इलाज में दिक्कत आती है। हरियाणा में जिन जिलों में पशुओं के सबसे ज्यादा पद खाली हैं, उनमें सोनीपत, कैथल, रोहतक, हिसार और महेंद्रगढ़ जिले शामिल हैं। वहीं अंबाला, गुुरुग्राम, फरीदाबाद और यमुनानगर जिलों में अन्य जिलों की तुलना में कम पद खाली हैं। प्रदेश के जिन जिलों में पशुधन की संख्या ज्यादा है, वहां डॉक्टरों की कमी के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

एडिशनल चार्ज से ही चल रहा काम

पशु चिकित्सकों की कमी के चलते प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे पशु अस्पताल हैं, जहां एडिशनल चार्ज से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसे में पशुपालकों को पशुधन में किसी भी तरह का संक्रमण फैलने पर दूर-दराज वाली जगहों पर धक्के खाने पड़ते हैं। प्रदेश भर में एक हजार से ज्यादा पशु अस्पताल हैं। इनमें से काफी ऐसे हैं जहां पशु चिकित्सक नहीं हैं। ऐसे में एक पशु चिकित्सक के पास दूसरे अस्पतालों का भी चार्ज होता है। इसके चलते न केवल उनका मूल काम प्रभावित होता है बल्कि संबंधित अस्पताल में पशुओं के इलाज में भी देरी होती है।

383 पशु चिकित्सकों की भी भर्ती का मामला हाईकोर्ट में लंबित

वहीं आपको बता दें कि सरकार ने पिछले वर्ष 383 पशु चिकित्सकों की भर्ती निकाली थी, लेकिन भर्ती नहीं हो पाई और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित है। दरअसल पेपर लीक होने के चलते ऐसा हुआ। पेपर के दो सेट लीक हो गए थे। पहला सेट वाट्सएप पर लीक हुआ था और दूसरा सेट ऑफलाइन मोड में लीक हुआ था।

मामला विधानसभा में भी उठा था। एचपीएससी की तरफ से 15 जनवरी को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद 23 जनवरी को एचपीएससी ने ऑन्सर की जारी कर दी थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि चिकित्सक की भर्ती संख्या-41/2022 से संबंधित मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, वो मान्य होगा।

विभाग ने सरकार को वैकल्पिक इंतजाम के लिए लिखा

विभाग को भी पशु चिकित्सकों की कमी के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इसके कई तरह के काम प्रभावित हो रहे हैं। इसको लेकर सरकार से पत्राचार हो रहा है। विभाग की तरफ से सरकार को नियमित भर्ती नहीं होने तक कोई रास्ता निकालने के लिखा है।

इसके अनुसार विभाग ने सरकार से पत्राचार में कहा कि सरकार रोजगार कौशल या फिर किसी अन्य प्रक्रिया के जरिए पशु चिकित्सकों का प्रबंध करे, ताकि विभाग को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उपरोक्त जानकारी देते हुए एनिमल हस्बेंडरी विभाग के महानिदेशक बीएस लौरा ने कहा कि मामले को लेकर सरकार के साथ संवाद हो रहा है और उम्मीद है जल्द ही कोई सकारात्मक परिणाम आएगा।

अब वैक्सीनेशन में भी आ रही समस्या

पिछले साल हरियाणा में व्यापक पैमाने पर पशुधन में लंपी बीमारी फैली जिसके चलते काफी संख्या में पशुओं की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों की कमी के चलते पशुओं के इलाज में परेशानी आई। पशुधन के लिए काल बनकर आई लंपी बीमारी के दौरान चिकित्सकों की कमी के चलते काफी परेशानी आई। इसके चलते पशुपालकों को खासी परेशानी का सामना पड़ा। चूंकि अब बीमारी के केस नहीं आ रहे लेकिन विभाग ने ऐहतियातन बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव पिछले महीने शुरू की थी।

वैक्सीनेशन कार्यक्रम में भी उनका रोल बेहद अहम होता है। हरियाणा पशु चिकित्सकों की कमी के चलते कहीं न कहीं वैक्सीनेशन कार्यक्रम के निर्बाध गति से चलने में बाधा उत्पन्न होती है। प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि पशु चिकित्सकों की कमी के चलते वर्तमान वैक्सीनेशन कार्यक्रम में ये भी देखने को मिला है। इसको देखते हुए जरुरत है कि पशु चिकित्सकों के खाली पदों को तुरंत प्रभाव से भरा जाए।

यह भी पढ़ें : MBBS Seats : हरियाणा में 9 वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 3 गुणा वृद्धि

यह भी पढ़ें : Stray Animal Free Haryana : आवारा पशु मुक्त होगा हरियाणा : मनोहर लाल

यह भी पढ़ें : Politics of Haryana : हरियाणा में कांग्रेस-इनेलो की सत्ता वापसी तो आप की पैर जमाने की व्याकुलता …

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT