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Kaithal News : सफाई घोटाले में पकड़े गए ठेकेदारों से 5 लाख रुपये रिकवर, एसीबी ने नहीं लिया रिमांड, भेजे जेल 

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India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kaithal News : एसीबी टीम ने सफाई घोटाले में पकड़े गए दोनों आरोपी ठेकेदारों से पांच लाख रुपए रिकवर कर उन्हें जेल भेज दिया है। टीम द्वारा आरोपियों का रिमांड नहीं मांगा गया, जिस कारण कोर्ट ने उन्हें शनिवार न्यायिक हिरासत भेज दिया। एसीबी ने शुक्रवार देर शाम जींद जिले के बडनपुर गांव से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान कमलजीत पुत्र सूरजमल (गांव किठाना) और शेखर पुत्र रंधीर (गांव कुराड) के रूप में हुई है।

Kaithal News : ये पिछले 8 महीनों से फरार चल रहे थे

दोनों कोऑपरेटिव सोसायटी में प्रधान और उप प्रधान के पद पर थे। ये पिछले 8 महीनों से फरार चल रहे थे। आरोपियों पर बिना विकास कार्य करवाए सरकारी राशि हड़पने के आरोप लगे हैं। जांच में सामने आया कि इनकी फर्म के खाते में 88,19,583 रुपये की संदिग्ध राशि जमा की गई थी। यह रकम फर्जी दस्तावेजों के जरिए सफाई योजना के नाम पर किए गए 7 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ी थी।

एसीबी ने क्यों नहीं लिया रिमांड?

इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह, एसीबी कैथल ने बताया कि जांच के लिए जरूरी साक्ष्य पहले ही एकत्रित कर लिए गए थे, इसलिए आरोपियों का रिमांड नहीं लिया गया। पूछताछ के दौरान 5 लाख रुपये की रिकवरी की गई और शनिवार को कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आगे की कार्रवाई कैथल एसीबी इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रुख अपनाया है, और एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है।

एक नजर मामले पर

बता दें कि वर्ष 2021 के जनवरी माह में जिला परिषद में 31.64 करोड़ रुपये की ग्रांट आई थी। इसमें से 15 करोड़ 82 लाख रुपये सफाई कार्य पर खर्च होने थे। इसमें तालाबों की सफाई, तालाबों में पानी निकासी को लेकर थ्री व फाइव पोंड सिस्टम बनाना, गोबर गैस प्लांट सहित अन्य कार्य होने थे। आरोपियों ने सफाई कार्य पर 10 करोड़ में से तीन करोड़ रुपये ही खर्च किया, अन्य सात करोड़ रुपये का गोलमाल कर दिया।

मामले को लेकर जानकारी मिलने पर पंचायतों ने इसकी शिकायत तत्कालीन डी.सी सुजान सिंह को दी थी। इसके बाद पूर्व सी.पी.एस रामपाल माजरा व विधायक लीला राम ने भी यह मामला उठाया था। जिसके बाद इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को दी गई और 27 मई को 15 आरोपियों के खिलाफ ए.सी.बी अंबाला थाना में केस दर्ज किया गया था।

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