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Hindu Mahapanchayat : 28 को दोबारा ब्रजमंडल यात्रा का फैसला

  • 25 से विधानसभा सत्र भी, 5 पाल ने हिंदू महापंचायत में नहीं लिया भाग, कहा-जोड़ने का नहीं तोड़ने का किया जा रहा काम

डॉ. रविंद्र मलिक, India News, इंडिया न्यूज़, Hindu Mahapanchayat, चंडीगढ़ : हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान वहां हुई हिंसा के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में पलवल में हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें फैसला लिया गया कि 28 अगस्त को यात्रा दोबारा शुरू कर इसको पूरा किया जाएगा। वहीं इस फैसले के बाद सियासत भी और गरमा गई। इसको लेकर दोनों पक्षों की अपनी-अपनी राय है। हरियाणा के पलवल में 51 लोगों की कमेटी ने फैसला लिया कि 28 अगस्त को ब्रजमंडल की अधूरी यात्रा को पूरी किया जाएगा। महापंचायत में देव सेना ने ऐलान किया कि 20 अगस्त को दिल्ली में जंतर-मंतर पर महापंचायत करेंगे।

वहीं महापंचायत में 5 पाल ने भाग नहीं लिया, जिसकी चर्चा हर ओर रही। यह भी बता दें कि नूंह उस समय सांप्रदायिक झड़पों से घिर गया था। यात्रा में भाग ले रहे बजरंग दल और वीएचपी के जलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसमें दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित 6 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई थी। इसी महीने विधानसभा सत्र भी है और मामले को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है तो ऐसे में यह मुद्दा अहम हो गया है। पूरे मामले पर भाजपा सरकार पर मुख्य पक्षी दल कांग्रेस के अलावा इनेलो और आम आदमी पार्टी भी हमलावर है

मामन खान की गिरफ्तारी की मांग उठी, सत्र में मामन खान के बयान पर बवाल तय

कांग्रेस के विधायक मामन खाने पर विपक्ष की भवें तनी हुई हैं। सत्ताधारी पार्टी के विधायक लगातार मामन खान को लेकर कह रहे हैं कि पिछले सत्र में मामन खान की भड़काऊ बयानबाजी से दंगे हुए हैं। वहीं मामन खान लगातार कह रहे हैं कि इस तरह की बयानबाजी करने वाले वो अकेले नहीं थे बल्कि पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इस तरह की स्टेटमेंट दी थी। जानबूझकर उनको ही निशाना बनाया जा रहा है। महापंचायत में मामन खान की गिरफ्तारी की भी मांग उठी। वहीं मामले पर ज्ञानचंद गुप्ता कह चुके हैं कि मामन खाने के मामले में तकनीकी तौर पर विधानसभा कुछ नहीं कर सकती। उनके खिलाफ एक्शन लेने की पावर नहीं है। मामन खान को लेकर उनके पास किसी तरह की कोई शिकायत भी नहीं आई।

यात्रा से पहले विधानसभा सत्र शुरू होगा

यात्रा के लिए दोबारा से जो दिन रखा गया है। 25 अगस्त को विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। अगले दो दिन छुट्टी और फिर 28 अगस्त को सत्र शुरू होने की संभावना है। ऐसे में अब हर किसी की नजर इस पहलू पर टिकी है। वैसे भी मामले पर सरकार व विपक्ष आमने-सामने हैं और इस पर विधानसभा में हंगामा तय माना जा रहा है।

बैठक में वीएचपी व आरएसएस के लोग, इसलिए किया बहिष्कार

वहीं महापंचायत आयोजकों को झटका उस वक्त लगा जब पांच पाल ने इस आयोजन काे ये कहते हुए बहिष्कार कर दिया कि लोगों को जोड़ने नहीं, तोड़ने का का काम किया जा रहा है। सर्वजातीय हिंदू महापंचायत का डागर पाल ने पूर्ण बहिष्कार किया। डागर पाल के इस निर्णय से महापंचायत को बड़ा धक्का लगा।

डागर पाल के साथ रावत सहरावत, चौहान व तेवतिया पाल के पंचों ने भी सहमति जताते हुए महापंचायत का बहिष्कार किया, जिसकी पुष्टि डागर पाल के प्रधान चौधरी धर्मबीर डागर ने की। यह निर्णय डागर पाल के बड़े गांव मंडकोला में पंचायत करके लिया गया। वहीं पांच पाल की तरफ से कहा गया कि इसमें वीएचपी और आरएसएस के लोग हैं, इसलिए महापंचायत का बहिष्कार किया गया।

खाप पंचायत वीएचपी और बजरंग दल के खिलाफ

वहीं नूंह के बाद पूरे मामले में खाप पंचायतों का रूख पूरी तरह से बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ रहा है। इसके पीछे हवाला दिया गया कि मुस्लिमों के बहिष्कार के आह्वान पर दोनों की खिलाफत खाप पंचायतों की तरफ से की गई। हिसार में हुई पंचायत में खाप प्रतिनिधियों की तरफ से कहा गया था कि कुछ लोगों ने आपसी भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश की है और हम इसको बिगड़ने नहीं देंगे।

राज्य के सभी गांव में बजरंग दल और वीएचपी पर बैन लगना चाहिए। इस बात से भी हर कोई इत्तेफाक रखता है कि पिछले कुछ समय से सरकार व खाप पंचायतों में तल्खी बढ़ी है। कुछ मसलों पर खापों का रूख सरकार के प्रति तल्ख रहा है। सरकार भी निरंतर इस पहल पर मंथन कर रही है। आने वाले चुनाव को देखते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए खापों को साधना होगा जो कि फिलहाल तो आसान नहीं नजर आ रहा।

मृतकों के लिए एक-एक करोड़ की मांग

महापंचायत में दंगों में मारे गए लोगों के लिए मुआवजा बढ़ाने की अपील की गई। मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए, एक सरकारी नौकरी, घायलों को 50 लाख देने की अपील भी सरकार से की गई। नूंह को खत्म करने की भी मांग है। वहीं महापंचायत में ये मांग भी की गई कि दंगों की जांच एनआईए से होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।

जानकारी में सामने आया कि महापंचायत’ शुरू में नूंह के किरा गांव के लिए निर्धारित की गई थी। लेकिन मौजूदा कानून और व्यवस्था के मद्देनजर उस स्थान की अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), पलवल, संदीप मोर के अनुसार कार्यक्रम को फिर पलवल में होने के लिए अधिकृत किया गया है।

ये बोले धर्मबीर डागर

प्रधान डागर पाल के चौधरी धर्मबीर डागर ने बताया कि पाल और खापों का कर्तव्य समाज को जोड़ना होता है, न कि तोड़ना। यह जो महापंचायत हुई, इसमें विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के लोग आए। हम चाहते थे कि महापंचायत में हिंदू-मुस्लिम सभी लोग शामिल हों और आपसी भाईचारे और सौहार्द की बात करें। कुछ लोग धार्मिक संगठनों का चोला पहाड़कर समाज को तोड़ना चाहते हैं, जो बिल्कुल गलत है।
Amit Sood

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