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Parivartan Padyatra : परिवर्तन यात्रा के 54 दिन पूरे, प्रदेश में लगातार सियासी जमीन तलाश रही इनेलो

• LAST UPDATED : April 21, 2023
  • निरंतर सक्रिय हैं इनेलो सुप्रीमो और बेटे व पार्टी महासचिव अभय सिंह चौटाला, 

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Parivartan Padyatra, चंडीगढ़ : इनेलो साल 2005 से सत्ता से दूर है। पुराना सुनहरी दौर पाने के लिए पार्टी के दिग्गज हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में पार्टी द्वारा परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है और 21 अप्रैल यानि आज पदयात्रा को 54 दिन पूरे हो चुके हैं। पार्टी विधायक अभय सिंह चौटाला निरंतर सक्रिय हैं।

उनकी कोशिश है कि पार्टी का टूटा कैडर दोबारा से जुड़ जाए। उनके पिता व पार्टी सुप्रीमो ओपी चौटाला भी बढ़ती उम्र के बावजूद निरंतर राजनीतिक गलियारों में सक्रिय हैं। वो भी परिवर्तन यात्रा में निरंतर शिरकत करते हुए लोगों से मिल रहे हैं और उनका दावा है कि आने वाला समय इनेलो का है। वो अपने सहयोगियों से मुलाकात कर आने वाले चुनावों में एक साथ आने की अपील भी कर रहे हैं। उनके अलावा अभय के बेटे भी परिवर्तन यात्रा का हिस्सा बन सत्ता वापसी को यकीनी बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

खुद को भाजपा-जजपा का एकमात्र विकल्प मान रही इनेलो

इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला का दावा है कि इनेलो ही एकमात्र पार्टी है जो सत्ताधारी भाजपा व जजपा का विकल्प है और लोग निरंतर पार्टी की तरफ झुक रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि जो वोट कैडर पिछले कुछ सालों में अन्य दलों में शिफ्ट हुआ है, उसको वापस पार्टी से जोड़ा जाए। हालांकि पार्टी की तरफ ये भी संकेत दिए जा रहे हैं सत्ताधारी दलों को सत्ता से रुखसत करने लिए वो पुराने विरोधी दलों से भी हाथ मिला सकती है। ओपी चौटाला और अभय चौटाला कई दफा संकेत दे चुके हैं कि उनको कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से परहेज नहीं है।

Parivartan Padyatra

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इनेलो के मजबूत होने का जजपा को नुकसान

इनेलो से अलग होने के बाद जजपा सत्ता पाने में सफल रही। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जजपा के पक्ष में जो वोट बैंक आया है, उसका एक बड़े हिस्से से इनेलो से जजपा में शिफ्ट हुआ था। अब इनेलो की कोशिश है कि उसी वोट बैंक को वापस पाया जाए। अगर इनेलो मजबूत होती है तो कहीं न कहीं साफ है कि इसका नुकसान जजपा को जरूर होगा। दोनों पार्टियों का ग्रामीण इलाकों में ज्यादा प्रभाव है। इनेलो नेता गांवों में अपना वोट बैंक बढ़ाने व पैठ को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

परिवर्तन यात्रा के जरिए जजपा पर अभय हमलावर

इनेलो ने जब परिवर्तन यात्रा शुरू की थी तो जजपा नेता व अभय चौटाला के भतीजे ने कटाक्ष किया था कि उनके पिता ने करीब 700 किलोमीटर पदयात्रा की थी। लेकिन अभय इसका आधा भी कवर नहीं कर पाएंगे। वहीं अभय ने जब इससे कहीं ज्यादा किलोमीटर पदयात्रा पूरी की तो उन्होंने इसके बाद जमकर जजपा नेता को घेरा था।

इसके अलावा वो लगातार जजपा पर ये कहते हुए हमलावर हैं कि जजपा को लोगों ने भाजपा के विरोध में वोट दिए थे लेकिन सत्ता के लिए जजपा नेता भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए। इसके अलावा अभय विधानसभा में जजपा पर निरंतर हमलावर रहे हैं। कई दफा उन्होंने सीधे तौर पर भतीजे दुष्यंत चौटाला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस तरह से उन्होंने सदन में कई दफा उन्होंने आमजन से जुड़े मसलों को उठाया है, वो चर्चा का विषय रहा है।

परिवर्तन पदयात्रा से प्रदेश में बदलाव का नया माहौल बना : अभय चौटाला

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अभय सिंह चौटाला।

इनेलो नेता, अभय सिंह चौटाला ने कहा कि परिवर्तन पदयात्रा से प्रदेश में तो बदलाव का नया माहौल बना ही है साथ ही इनेलो भी पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। जहां भी यह यात्रा पहुंच रही है हर रोज सैकड़ों लोग विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर इनेलो की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे हमारी पार्टी का हर कार्यकर्ता नए उत्साह से लबरेज है और उसी उत्साह और बुलंद हौसलों को देखते हुए अब राजनीतिक विरोधी भी इस बात को कहने लगे हैं कि आने वाला समय इनेलो का ही है।

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